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World Suicide Prevention Day 2024: क्या है इस साल की थीम और इसे रोकने के तरीके

हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day 2024) मनाया जाता है। इस दिन आत्महत्या के मामलों की रोकथाम में मदद के लिए लोगों को जागरूक और जानकार बनाने की कोशिश की जाती है। आत्महत्या जैसा कदम हर साल लाखों लोग हताश होकर उठाते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनके बारे में जानना जरूरी है।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Tue, 10 Sep 2024 10:15 AM (IST)
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आत्महत्या की रोकथाम के लिए मनाया जाता है World Suicide Prevention Day (Picture Courtesy: Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Suicide Prevention Day 2024: आत्महत्या एक बहुत बड़ा कदम होता है, जो व्यक्ति तब लेता है, जब वह पूरी तरह से हताश-निराश हो जाता है। उसे कहीं से कोई भी आशा की किरण नजर नहीं आती। इससे बचाव करने (Suicide Prevention Tips) के लिए World Suicide Prevention Day मनाया जाता है। हर साल 10 सितंबर को ये दिन मनाया जाता है।

क्या है इस साल की थीम?

यह एक वैश्विक जागरूकता अभियान है, जिसका उद्देश्य आत्महत्या को रोकने के बारे में जागरूकता बढ़ाना और प्रभावित लोगों को समर्थन देना है। इस वर्ष का थीम "Changing the Narrative on Suicide" है, जो आत्महत्या और इसकी वजहों के बारे में खुलकर बात करने के महत्व पर प्रकाश डालता है, ताकि इसके मामलों को कम करने में मदद मिल सके। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इस थीम को साल 2024 से 2026 तक के लिए चुना है।

जब तक लोग इस बारे में बात नहीं करेंगे, इसे रोकने में हम सफलता भी हासिल नहीं कर पाएंगे। इसी मकसद के साथ ये थीम सोची गई है। इसके साथ ही, एक कॉल टू एक्शन भी निर्धारित किया गया है- “Start the Conversation"। इसके पीछे का मकसद भी यही है कि बात भले ही कितनी ही छोटी क्यों न हो, लेकिन होनी चाहिए, ताकि आत्महत्या से बचाव के बारे में लोग बेहतर तरीके से समझ पाएं और मेंटल हेल्थ को लेकर ज्यादा जागरूक बनें।

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इस बारे में बात करना क्यों जरूरी है?

आत्महत्या एक गंभीर वैश्विक समस्या है। यह एक मुद्दा इतना पेंचिदा है कि इसके पीछे कई कारक हो सकते हैं, जैसे कि मानसिक स्वास्थ्य समस्या, तनाव, अकेलापन, सामाजिक या आर्थिक दबाव आदि। इन वजहों को पहचानने के लिए और प्रभावित व्यक्ति की मदद कैसे कर सकते हैं, इस बारे में समझने के लिए इस बार में बात करना जरूरी है। आत्महत्या को रोकने के लिए ये समझना जरूरी है कि यह एक निराशाजनक स्थिति का नतीजा होता है, लेकिन ऐसी स्थिति से बचाव करने के लिए मदद उपलब्ध है, जिसके बारे में लोगों में जानकारी होनी चाहिए।

कैसे कर सकते हैं आत्महत्या के मामलों की रोकथाम?

  • मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाना- यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में पता हो और वे इसका इस्तेमाल करें। खासकर जो संकट में हैं। इसके लिए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात करना और पेशेवर सलाहकारों से मदद लेना जरूरी है।
  • आत्महत्या के बारे में जागरूकता बढ़ाना- आत्महत्या के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है, ताकि लोग इस मुद्दे के बारे में बात करने के लिए अधिक सहज महसूस करें और मदद मांगने में संकोच न करें। यह स्कूलों, वर्कप्लेस और समुदायों में जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से किया जा सकता है।
  • पॉजिटिव सोशल सपोर्ट प्रदान करना- पॉजिटिव सोशल सपोर्ट प्रदान करना आत्महत्या को रोकने में जरूरी भूमिका निभाता है। यह परिवार, दोस्तों और समुदाय के सदस्यों के साथ सहायक संबंधों को बढ़ावा देकर किया जा सकता है।
  • शिक्षा और प्रशिक्षण- आत्महत्या के बारे में शिक्षा और प्रशिक्षण देना जरूरी है, ताकि लोग इस मुद्दे को पहचान सकें और प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान कर सकें। यह शिक्षकों, चिकित्सकों, नर्सों और आम जनता के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से किया जा सकता है।
  • फिजिकल एक्टिविटी और हेल्दी लाइफस्टाइल- शारीरिक गतिविधि और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देकर, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है और आत्महत्या के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। यह हेल्दी डाइट, पूरी नींद और रोज एक्सरसाइज करके किया जा सकता है।
  • मदद पहुंचाना- आत्महत्या के जोखिम वाले लोगों के लिए मदद पहुंचाना जरूरी है। इसमें Crisis Intervention Services, Suicide Prevention Helpline और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ बात करना शामिल हो सकता है।

मदद लेने के लिए क्या करें?

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2024 का थीम "Changing the Narrative on Suicide" एक महत्वपूर्ण संदेश है जो आत्महत्या से प्रभावित लोगों को आशा और समर्थन देने में अहम भूमिका निभा सकता है। अगर आपको या आपके आस-पास के किसी व्यक्ति को जरूरत हो, तो आप iCall पर इस नं. 9152987821 पर कॉल कर सकते हैं।

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