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World TB Day 2022: टीबी से जुड़े इन 6 मिथकों के बारे में नहीं जानते होंगे आप!

World TB Day 2022 हर साल 24 मार्च को इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाता है। टीबी कई बार जानलेवा भी साबित होता है। ज़ाहिर है इसलिए लोग इसे लेकर चिंतित रहते हैं और इसके बारे में जानना चाहते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Thu, 24 Mar 2022 09:33 AM (IST)
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World TB Day 2022: टीबी से जुड़े इन 6 मिथकों का सच!
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World TB Day 2022: टीबी एक जीवाणु संक्रमण है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है। लक्षणों में खूनी बलग़म के साथ खांसी, बुखार और रात को पसीना आना शामिल है। वज़न घटना भी इसका एक और आम लक्षण है। माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक टीबी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया खांसने या छींकने के दौरान निकलने वाली बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं। 

यह बीमारी एक मरीज़ में कैसे आगे बढ़ेगी यह उसके इम्यून सिस्टम पर निर्भर करता है। कई मामलों में टीबी जानलोवा भी साबित होता है, यही वजह है कि इसे लेकर कई तरह की ग़लत धारणाएं और मिथक सुनने को मिलते हैं। हर साल 24 मार्च को इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाता है। 
टीबी से जुड़े 6 मिथक
1. जिसको भी टीबी होता है वो इसे फैला सकता है 
यह सच नहीं है। टीबी से पीड़त एक व्यक्ति सिर्फ तभी संक्रमण फैला सकता है जब उसके लक्षण विकसित हों। इसका मतलब है कि अगर किसी में टीबी संक्रमण के लक्षण नहीं है तो वह उसे फैला भी नहीं सकता। साथ ही एक व्यक्ति टीबी संक्रमण को तभी फैला सकता है जब बैक्टीरिया फेफड़ों या फिर गले में हो। अगर बैक्टीरिया किसी दूसरे अंग में है, जैसे किडनी या फिर स्पाइन, तो इस व्यक्ति से किसी दूसरे को टीबी नहीं हो सकता।
आमतौर पर टीबी के मरीज़ इलाज शुरू होने के 2-3 हफ्तों बाद संक्रामक नहीं होते।
2. टीबी जेनेटिक बीमारी है 
कई लोगों का मानना है कि टीबी माता-पिता से बच्चे में जाता है, लेकिन यह एक मिथक है। यह ग़लतफहमी इसलिए पैदा हुई क्योंकि एक ही घर में रहने वाले लोगों को अक्सर यह बीमारी हो जाती थी। अब हम जानते हैं कि ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी निकटता ने बैक्टीरिया को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाना आसान बना दिया है।
3. टीबी का इलाज नहीं है 
यह सच नहीं है, टीबी का इलाज मुमकिन बिल्कुल है। टीबी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें वो आपको सही दवाओं प्रिस्क्राइब करेंगे। टीबी का इलाज 6 से 9 महीने तक चल सकता है।
4. टीबी सिर्फ कम आय वाले देशों के लोगों को प्रभावित करता है
यह एक मिथक है, टीबी दुनिया के किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। हालांकि, कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां टीबी के मामले अधिक देखे जाते हैं। WHO के मुताबिक, भारत, इंडोनेशिया, चीन, फिलीपींस, पाकिस्तान, नाइजीरिया, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में मामले देखे जाते हैं।
5. हाथ मिलाने टीबी फैलता है 
टीबी एक गंभीर बीमारी है, इसलिए ज़ाहिर है लोग इसे लेकर काफी चिंतित रहते हैं कि यह कैसे फैल सकता है। इसकी वजह से कई तरह के मिथक भी शुरू हो गए हैं। जिसमें सबसे आम यही है कि हाथ मिलाने से टीबी फैल सकता है, जबकि सच यह है कि टीबी: 
 
- हाथ मिलाने
- खाना या ड्रिंक शेयर करने
- बिस्तर की चादर छूने या टॉयलेट सीट
- चूमने
- टूथब्रश शेयर करने से नहीं फैलता।
टीबी सिर्फ तभी फैल सकता है जब किसी व्यक्ति के फेफड़ों में एक्टिव इंफेक्शन हो और वह छींके, खांसे, बोले या गाना गाय।
6. टीबी जानलेवा साबित होती है 
यह सच नहीं है। टीबी का इलाज अगर न किया जाए, तो इससे जान जा सकती है, लेकिन मॉडर्न दवाएं और सही इलाज की मदद से टीबी से ठीक हुआ जा सकता है। 24 मार्च, 1882 को, डॉ. रॉबर्ट कोच ने घोषणा की कि उन्होंने टीबी पैदा करने के लिए ज़िम्मेदार बैक्टीरिया की खोज कर ली है। इस खोज ने इस बीमारी के निदान और इलाज का रास्ता साफ किया। इसको 140 साल हो चुके हैं और आज भी इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई जारी है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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