इस देश में पाया जाता है दुनिया का सबसे बड़ा मच्छर, जानें इंसानों के लिए कितना है खतरनाक
झाओ ली के मुताबिक इस मच्छर का संबंध दुनिया की सबसे लंबी मच्छर की प्रजाति होलोरूसिया मिकादो से है। यह प्रजाति पहली बार जापान में पाई गई थी जिसका आकार आठ सेंटीमीटर था।
By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Tue, 16 Jun 2020 02:11 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। बरसात के दिनों में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां बढ़ जाती हैं। इनसे मलेरिया और डेंगू चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू और ज़ीका वायरस जैसी नई बीमारियां का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में मच्छरों का खौफ इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि एक छोटा सा कीट एक विशाल राक्षस जैसा दिखने लगता है। पिछले साल चीन में एक भयंकर सा दिखने वाला बहुत बड़ा मच्छर पाया गया जिसे मच्छरों की प्रजाति का राक्षस मच्छर कहना ग़लत नहीं होगा। सामान्य तौर पर मच्छरों का आकार जहां 3 से 6 मिमी तक ही होता है इस विशाल मच्छर का आकार 11.15 सेंटीमीटर यानि लगभग 4.5 इंच है।
यह मच्छर चीन के सिचुआन प्रांत में पाया गया था। इसे दुनिया का सबसे बड़ा मच्छर माना जा रहा है। इस मच्छर को पश्चिम चीन के कीट संग्रहालय 'इंसेक्ट म्यूजियम ऑफ वेस्ट चाइना' के क्यूरेटर झाओ ली ने पिछले साल अगस्त में चेंगदू के माउंट किंगिंचेंग की यात्रा के दौरान खोजा था।
कुछ ही दिन जीता है यह मच्छर
झाओ ली के मुताबिक इस मच्छर का संबंध दुनिया की सबसे लंबी मच्छर की प्रजाति 'होलोरूसिया मिकादो' से है। यह प्रजाति पहली बार जापान में पाई गई थी जिसका आकार आठ सेंटीमीटर था। इसे 'होलोरूसिया मिकादो' नाम ब्रिटिश कीट विज्ञानी जॉन ओब्दैयाह वेस्टवुड ने 1876 में दिया था। झाओ ली के अनुसार इस प्रजाति के मच्छरों का शरीर इतना बड़ा होता है कि ये ठीक से उड़ भी नहीं पाते। उड़ते समय ये ऐसे दिखते हैं जैसे कुलांचे मार रहे हों। ये मच्छर ज्यादातर उन इलाकों में पाए जाते हैं जहां कई पेड़-पौधों होते है। इस प्रजाति के वयस्क मच्छरों का जीवन कुछ ही दिन का होता है।
खतरनाक नहीं हैं ये मच्छर चीन में इस प्रजाति के मच्छर सिचुआन के पश्चिमी हिस्सों में मुख्य रूप से चेंगदू के मैदानी इलाकों में और 2200 मीटर से नीचे पर्वतीय इलाकों में मिलते हैं। इन्हें क्रेन फ्लाई भी कहा जाता है। ली के अनुसार ये मच्छर दिखने में भले ही खतरनाक लगते हैं लेकिन इनसे डरने जैसी कोई बात नहीं है। ये इंसानों और जानवरों का खून नहीं चूसते बल्कि फूलों के रस का सेवन करते हैं। गौरतलब है कि दुनिया भर में मच्छरों की तीन हजार से ज्यादा प्रजातियां हैं जिनमें से सिर्फ 100 प्रजातियां ही ऐसी हैं जो खून पीकर जिंदा हैं।