योनि में बार-बार खुजली और जलन हो सकता है यीस्ट इंफेक्शन, जानें इसकी वजहें और बचाव
योनि में बार-बार खुजली जलन की समस्या को न करें नजरअंदाज। हो सकती है वजाइनल इंफेक्शन की समस्या। जानें इसकी वजहें लक्षण बचाव व उपचार।
By Priyanka SinghEdited By: Updated: Fri, 29 May 2020 07:16 AM (IST)
गर्मियों में ज्यादा पसीना निकलने की वजह से यीस्ट पनपने की पूरी-पूरी संभावना रहती है। वैसे तो बॉडी में हमेशा ही यीस्ट होता है लेकिन कभी-कभी इससे वजाइनल इंफेक्शन हो जाता है। इसकी वजह है एंटीबायोटिक्स लेना या क्लोरीन का असर बढ़ना।
कारणहर 5 स्त्रियों में से एक स्त्री की वजाइना में कैंडिडा फंगस पाया जाता है, लेकिन यह आमतौर पर बीमारी का तब तक कारण नहीं बनता, जब तक कि इसमें तेजी से बढ़ोतरी न हो। फंगस के बढ़ने की प्रक्रिया को इम्यून सिस्टम और योनि में रहने वाले फायदेमंद बैक्टीरिया काबू में रखते हैं। अगर इन बैक्टीरिया का सफाया एंटीबायोटिक या शुक्राणुनाशी दवाओं से हो जाता है, तो फंगस तेजी से बढ़ने लगती है। साथ ही बीमारी भी। डायबिटीज के मरीजों को भी यह इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। यीस्ट इन्फेक्शन के पीछे सबसे बड़ी भूमिका एंटीबायोटिक्स की ही होती है, क्योंकि यह हानिकारक बैक्टीरिया के साथ-साथ अच्छे बैक्टीरिया का भी सफाया कर देते हैं, जिससे यीस्ट को फैलने का पूरा मौका मिल जाता है। ब्रेस्टफीडिंग, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम और कुपोषण की स्थिति में हार्मोस में आने वाले बदलावों की वजह से भी इस इंफेक्शन के होने की पूरी-पूरी संभावना रहती है।
लक्षण1. वजाइना और उसके आसपास तेज खुजली या खारिश व जलन रहती है। इसके इलाज में लापरवाही बरती जाए या सही इलाज न कराया जाए तो वजाइना और उसके आसपास की त्वचा में सूजन व लाली आ जाती है। जलन और त्वचा के फटने का भी खतरा रहता है।
2. इन्फेक्शन के लक्षणों धीरे-धीरे उभरते हैं। इसके मुख्य लक्षण हैं - वजाइना मार्ग से गाढा, सफेद रंग का डिस्चार्ज, जो देखने में चीज या कच्चे पनीर के पानी जैसा होता है। इसमें से खट्टी या मछली जैसी दुर्गध आती है।
बचाव-स्विमिंग के बाद सूखे कपडे पहन कर यीस्ट संक्रमण से बचा जा सकता है।-ऐसे में छिद्र वाली पैंटी का इस्तेमाल करने की आदत डालनी चाहिए। -दही खाने के साथ ही काफी मात्रा में क्रेनबेरी जूस भी पीना चाहिए। यह योनि को एसिडिक बना देता है और यीस्ट के प्रति प्रतिरोधी भी बनाता है।-कुछ स्त्रियों में चीनी व एल्कोहॉल यीस्ट के लिए शक्तिशाली भोजन का काम करती हैं, इसलिए उनमें कमी करने से मदद मिल सकती है। यीस्ट एक ऐसा जीव है, जो शरीर में मौजूद अतिरिक्त शुगर पर जिंदा रहता है। इसलिए खानपान में बहुत अधिक चीनी का इस्तेमाल यीस्ट इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। कई बार चीनी का इस्तेमाल न के बराबर करने भर से ही यीस्ट भूखों मर जाता है और समस्या खत्म हो जाती है। जहां तक सभंव हो सॉफ्ट ड्रिंक्स, शर्बत, कैंडी, कुकीज आदि से परहेज करें।
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