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योग टीचर शरद जोइस का हाइकिंग करते हुए हार्ट अटैक से निधन, जानें दिल पर इसका प्रभाव

इन दिनों दिल से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। साथ ही युवाओं और वयस्कों में हार्ट अटैक के मामले भी तेजी से बढ़ने लगे हैं। हाल ही में मशहूर योग टीचर शरद जोइस (Yoga Teacher Sharath Jois) का हाइकिंग के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। ऐसे आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कैसे हाइकिंग आपके दिल की सेहत को प्रभावित करती है।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 13 Nov 2024 01:15 PM (IST)
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कैसे दिल को प्रभावित करती हैं हाइकिंग (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में अष्टांग योग के टीचर शरद जोइस (Yoga Guru Sharath Jois) का निधन हो गया है। शरद ने अपने दादा द्वारा स्थापित योग शैली को न सिर्फ लोकप्रिय बनाया था, बल्कि इसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भी ले गए। उन्होंने 53 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। वह अष्टांग संस्थापक कृष्ण पट्टाभि जोइस के पोते थे। जानकारी के मुताबिक जोइस को चार्लोट्सविले में वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के पास हाइकिंग के दौरान (How Hiking Affects Heart Health) दिल का दौरा पड़ा। हाल ही दिनों में युवाओं और वयस्कों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ गए हैं।

सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसी कई वीडियोज सामने आती रहती है, जहां लोग अचानक ही हार्ट अटैक का शिकार हो जाते हैं। खासकर कुछ फिजिकल एक्टिविटी करते समय हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है। योग टीचर शरद जोइस भी हाइकिंग के दौरान दिल के दौरे का शिकार हुए। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कैसे हाइकिंग आपके दिल को प्रभावित करती है और किन परिस्थितियों में यह हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।

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हाइकिंग करने का दिल पर प्रभाव?

हाइकिंग जैसी लंबी पैदल यात्रा असल में दिल पर तनाव डाल सकती है, खासकर खड़ी या मुश्किल चढ़ाई करने पर, क्योंकि इससे हार्ट रेट बढ़ती है और लगातार फिजिकल एक्टिविटी की जरूरत होती होती है। हालांकि, पैदल चलना हार्ट हेल्थ के लिए भी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है, अगर इसे सुरक्षित तरीके से किया जाए, क्योंकि पैदल चलने से समय के साथ हार्ट फंक्शनिंग, इसकी सहनशक्ति और सर्कुलेशन में सुधार हो सकता है।

किन बातों का ध्यान रखना जरूरी?

भले ही हाइकिंग (Hiking Safety Tips) जैसी एक्टिविटी दिल के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है। खासकर अगर आप पहले से हार्ट डिजीज से पीड़ित हैं, हाइकिंग आदि शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। अगर आप पहली बार हाइकिंग के लिए जा रहे हैं, तो आपको आसान रास्तों से शुरुआत करनी चाहिए और धीरे-धीरे अपनी कठिनाई और समय को बढ़ाना चाहिए।

साल 2007 के एक अध्ययन में दिल पर लंबी पैदल यात्रा के प्रभाव पर जांच की गई। इस स्टडी में इन माउंटेन एक्टिविटीज के दौरान अचानक दिल से जुड़ी समस्या के कारण होने वाली मौतों को जोखिम कारकों और ट्रिगर की भी पहचान की गई। उन्होंने पाया कि पहले दिन ऊंचाई पर हाइकिंग करने में जोखिम सबसे ज्यादा था, साथ ही हाइकिंग के दौरान आप जितना समय बिना कुछ खाएं पिएं पैदल चलते हैं, उससे हार्ट अटैक का खतरा उतना ही ज्यादा होगा।

हाइकिंग के दौरान ऐसे रखें दिल का ख्याल

ऊंचाई पर हाइकिंग करने से पहले सभी बातों का ख्याल करना जरूरी है। इसके लिए हल्के वॉर्म-अप से शुरुआत करें और हार्ट रेट में अचानक बढ़ोतरी से बचने के लिए स्टेबल और आरामदायक स्पीड से चलें। डिहाइड्रेशन से दिल पर दबाव पड़ता है, इसलिए यात्रा से पहले, यात्रा के दौरान और बाद में खूब पानी पिएं।

इसके साथ ही सीने में दर्द, चक्कर आना या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों पर नजर रखें और अगर आपको ऐसे कोई लक्षण नजर आएं, तो तुरंत रुक जाएं। अपनी हार्ट रेट को स्टेबल रखने के लिए जरूरत पड़ने पर आराम करें। आसान रास्तों से शुरुआत करें और जैसे-जैसे आपकी फिटनेस का स्तर बेहतर होता जाए, कठिनाई को बढ़ा सकते हैं।

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