Type 2 diabetes में रहता है लिवर डैमेज होने का खतरा, त्वचा पर भी दिखते हैं ये लक्षण
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके शुरुआती चरणों को नजरअंदाज करने की भूल आपको भारी पड़ सकती है। इससे जुड़े तरह-तरह के अध्ययन भी आए दिन सामने आते रहते हैं ऐसे में हम इस आर्टिकल में आपको टाइप 2 डायबिटीज के पेशेंट्स पर हुई एक नई स्टडी के बारे में बताएंगे जिसमें त्वचा से लेकर लिवर तक पर पड़ने वाले इसके असर को बताया गया है। आइए जानें।
आईएएनएस, नई दिल्ली। Type 2 diabetes: आजकल के लाइफस्टाइल में डायबिटीज एक कॉमन बीमारी बन गई है, जिससे सिर्फ बड़े ही नहीं, बल्कि युवा भी परेशान हो रहे हैं। इस बीच, हाल ही में टाइप 2 डायबिटीज के पेशेंट्स से जुड़ी एक स्टडी सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि ऐसे रोगियों में त्वचा की कुछ समस्याएं भी देखने को मिलती हैं, जिनमें गर्दन के पीछे की स्किन का मोटा हो जाना या काला पड़ जाना भी शामिल है। आइए जान लीजिए कि क्या कुछ कहती है स्टडी।
स्टडी में एम्स के शोधकर्ता भी थे शामिल
शोधकर्ताओं का कहना है कि टाइप 2 डायबिटीज में लोगों में गर्दन के पीछे त्वचा का मोटा होना, काला पड़ना और मखमली जैसा दिखना लिवर की कोशिकाओं को ज्यादा नुकसान पहुंचाने (फाइब्रोसिस) का संकेत हो सकता है। बता दें, ये स्टडी फोर्टिस सी-डोक अस्पताल फॉर डायबिटीज एंड अलाइड साइंसेज और एम्स के शोधकर्ताओं ने किया है।यह भी पढ़ें- भारतीयों में सबसे ज्यादा होती है Workplace Burnout की समस्या, जानें इस बारे में सबकुछ
इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या में जोखिम ज्यादा
त्वचा से जुड़ी इस समस्या को एकेंथोसिस नाइग्रिकन्स (Acanthosis Nigricans) कहा जाता है। यह ज्यादातर उन लोगों में देखी जाती है, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या से ग्रसित होते हैं। इसमें गर्दन के पीछे के हिस्से के अलावा बगल, कोहनी, घुटने और कमर में भी हो सकती है।शुरुआती स्टेज में हो सकता है सफल इलाज
शोधकर्ताओं के मुताबिक "प्राइमरी केयर डायबिटीज" नाम की पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया कि 'एकेन्थोसिस नाइग्रिकन्स' भारतीय मूल के एशियाई लोगों में टाइप 2 डायबिटीज के साथ लिवर में फैट और फाइब्रोसिस (लिवर खराब होने के संकेत) के खतरे का पता लगाने के लिए आसानी से पहचाने जाने वाला संकेत हो सकता है। इससे शुरुआती स्टेज में ही इसका पता लगाकर इलाज किया जा सकता है।"