देशभर में कोहराम मचा रहा Zika Virus, जानें किन तरीकों से कर सकते हैं इससे अपना बचाव
पुणे सहित देख के कई हिस्सों में Zika Virus के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यह मच्छरों से होने वाला एक संक्रमण है जो आमतौर पर बरसात के दिनों में तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाता है। यह बीमारी आमतौर पर लोगों में बुखार सिरदर्द जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द का कारण बनती है। ऐसे में जानते हैं इससे बचने के लिए कुछ आसान से उपाय।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गर्मी की विदाई के साथ ही मानसून का आगमन हो चुका है और लोगों को चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी से राहत मिलने लगी है। बरसात के मौसम में जहां ठंडक बढ़ जाती है, तो वहीं कई बीमारियों और संक्रमणों का खतरा भी बढ़ जाता है। Zika Virus इन्हीं में से एक है, जिसके मामले इन दिनों महाराष्ट्र के पुणे में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यह मच्छरों से होने वाली एक बीमारी है, जो जीका संक्रमण की वजह बनता है। मानसून में लगातार होने वाली बारिश और इसकी वजह से होने वाले जल भराव और नमी की वजह से मच्छरों को प्रजनन के लिए एक आर्दश वातावरण मिलता है, जिससे mosquito borne diseases का खतरा बढ़ जाता है।
इस मौसम में सिर्फ जीका ही नहीं, बल्कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, येलो फीवर के मामले में तेजी से बढ़ जाते हैं। इसलिए खुद को सुरक्षित रखने के लिए इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते जीका वायरस के प्रकोप के बीच कैसे रखें अपना और अपनों का ख्याल-
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क्या है जीका वायरस?
CDC (Centers for Disease control and Prevention) के मुताबिक जीका वायरस मच्छरों से फैलने वाला एक वायरस है। यह मुख्य रूप से एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है, जो ज्यादातर दिन के दौरान काटते हैं। जीका वायरस सेक्स या प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण में फैल सकता है। इस वायरस से होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए कोई वैक्सीन या इलाज के लिए कोई दवा नहीं है।
जीका वायरस के लक्षण-
- जीका वायरस से संक्रमित कई लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं, जबकि कुछ लोगों में इसके लक्षण बेहद हल्के होते हैं। इसके कुछ मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं-
- दाने
- बुखार
- सिरदर्द
- लाल आंखें
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
कैसे फैलता है वायरस
CDC की मानें तो जीका वायरस मुख्य रूप से मच्छर के काटने से, गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में और सेक्स के जरिए फैल सकता है। बेहद कम मामलों में, जीका वायरस संक्रमित खून या टिश्यूज और लैब में फैल सकता है। जीका वायरस किसी व्यक्ति में लक्षण शुरू होने से पहले, लक्षण रहने के दौरान और लक्षण खत्म होने के बाद भी फैल सकता है।जीका वायरस डिजीज से कैसे करें बचाव
मच्छरों के काटने से बचें- आमतौर पर मच्छर दिन और रात में काटते हैं। ऐसे में संक्रमण होने के जोखिम को कम करने के लिए मच्छरों के काटने से बचें।
- पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) द्वारा रजिस्टर्ड इंसेक्ट रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
- लंबी बाजू वाली शर्ट और फुल पैंट पहनें, ताकि आपका शरीर ज्यादा से ज्यादा कवर रहे।
- घर के अंदर मच्छरों को प्रवेश करने से रोकें।
- घर पर और यात्रा के दौरान मच्छरों के काटने से बचाव के लिए जरूरी बातों का ध्यान रखें।
- जीका वायरस के प्रकोप वाले क्षेत्र की यात्रा पर लौटने के बाद 3 हफ्ते तक सावधानी बरतें।
- जीका वायरस इस संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति से उसके पार्टनर में यौन संबंध बनाने के जरिए फैल सकता है। ऐसे में निम्न तरीकों से खुद को इससे बचाएं-
- सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने से जीका होने की संभावना को कम किया जा सकता है।
- सेक्स टॉयज शेयर न करने से भी सेक्स पार्टनर्स में जीका वायरस फैलने का खतरा कम हो सकता है।
- सेक्स न करने से इस वजह से जीका होने का खतरा खत्म हो जाता है।