90% लोग गुस्से आने पर जोर से बंद करते हैं दरवाजा! यहां समझिए इस इमोशन का पूरा साइंस
गुस्से को बाहर निकालने का सबसे आसान तरीका लगता है दरवाजा जोर से बंद करना! लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके (Slamming Doors When Angry) पीछे मनोविज्ञान का एक बड़ा खेल होता है? जी हां वैज्ञानिक इस इमोशन को डोरवे इफेक्ट का नाम देते हैं जो न सिर्फ आपके गुस्से को काफी हद तक शांत करता है बल्कि बड़े नुकसान को भी रोक देता है। आइए जानते हैं कैसे।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आपने अक्सर देखा होगा कि गुस्सा आने पर लोग जोर से दरवाजा बंद करते हैं या उसे लात मारते हैं, लेकिन क्या आपके मन में कभी ख्याल आया है कि ऐसा (Why Do People Slam Doors) क्यों होता है? क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर गुस्सा निकालने के लिए दरवाजा (Slamming Doors When Angry) ही क्यों चुना जाता है? अगर नहीं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
दरअसल, इसके पीछे विज्ञान का एक दिलचस्प कारण है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि वैज्ञानिक इस व्यवहार को क्या कहते हैं और दरवाजा बंद करने से हमारे मन पर क्या प्रभाव पड़ता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि गुस्सा आने पर हम दरवाजे पर क्यों अपना गुस्सा निकालते हैं।
क्या होता है 'डोरवे इफेक्ट'
मनोवैज्ञानिकों ने इस इमोशन को 'डोरवे इफेक्ट' नाम दिया है। जब हम गुस्से में होते हैं, तो हमारा दिमाग स्ट्रेस से जूझ रहा होता है और हमारी भावनाएं बहुत तेजी से बाहर आना चाहती हैं। इस स्थिति में, हम किसी ऐसी चीज पर अपनी भावनाओं को निकालना चाहते हैं। दरवाजा बंद करना इसी इमोशनल उतार-चढ़ाव का एक तरीका है। दरवाजा जोर से बंद करने से हमें एक शांति का एहसास होता है, जैसे कि हमने अपनी फीलिंग्स को बाहर निकाल दिया हो।
गुस्से को शांत करती है जोरदार आवाज
इसके अलावा, वैज्ञानिकों का मानना है कि दरवाजा बंद करने से एक तरह का 'वेंटिंग इफेक्ट' होता है। जब हम दरवाजा बंद करते हैं, तो एक जोरदार आवाज निकलती है। यह आवाज हमारे दिमाग को बैलेंस करने में मदद करती है और हमारी भावनाओं को शांत करने में बड़ा रोल प्ले करती है। यह कुछ हद तक चिल्लाने के जैसा है, जिससे हम अपनी फीलिंग्स को बाहर निकाल सकते हैं।यह भी पढ़ें- आईने में तो अच्छे लगते हैं, लेकिन तस्वीरों में क्यों नहीं? जानें इसके पीछे का साइंस