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आज ही के दिन हुआ था Edmund Hillary का जन्म, जिनके जज्बे के आगे छोटा पड़ गया था Mount Everest का शिखर

हिमालय की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना आसान नहीं है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके जज्बे के आगे एवरेस्‍ट भी बौना पड़ गया था। हम बात कर रहे हैं एडमंड हिलेरी (Edmund Hillary) के बारे में जिनका जन्म आज ही के दिन यानी 20 जुलाई 1919 को न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर ऑकलैंड में हुआ था।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sat, 20 Jul 2024 02:46 PM (IST)
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आज ही के दिन हुआ था Edmund Hillary का जन्म (Image Source: X)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। देश और दुनिया के लिहाज से 20 जुलाई का दिन बेहद खास है। दरअसल, आज ही के दिन एडमंड हिलेरी (Edmund Hillary) का जन्म हुआ था, जिन्होंने 29 मई, 1953 को नेपाल के तेनजिंग नॉर्गे (Tenzing Norgay) के साथ मिलकर दुनिया को बर्फ से ढकी ऊंची और सबसे दुर्गम चोटी एवरेस्ट पर फतह हासिल करके दिखाई थी। ऐसे में, ब्रिटेन की महारानी ने हिलेरी की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए उन्‍हें नाइट की उपाधि से भी नवाजा था। आइए इस खास मौके पर जानते हैं एवरेस्‍ट की चोटी पर जीत का झंडा फहराने वाले इस शख्स से जुड़ी कुछ खास बातें।

पहली बार नहीं मिली था सफलता

साल 1952 में सर जॉन हंट के नेतृत्व में एडमंड हिलेरी 20 अन्‍य सबसे बेहतरीन पर्वतारोहियों के साथ माउंट एवरेस्ट को नापने निकले थे। इससे पहले 63 देशों के करीब 1200 पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट पर फतह करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी सफल नहीं हुआ। एडमंड भी पहली बार एवरेस्ट की चढ़ाई करने में कामयाब नहीं हुए थे। इस बात का खुलासा उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में किया था।

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1953 में मिली कामयाबी

जानकारी के मुताबिक मार्च 1953 में 25,900 फीट की ऊंचाई पर बेस कैंप तैयार कर दिया गया था। 26 मई को सर जॉन हंट ने मे बाउड्रीलन और इवान्स को पहले दल के रूप में चढ़ाई के लिए भेजा था। इवान्स का ऑक्सीजन सिस्‍टम रास्‍ते में फेल हो गया, जिसके कारण उन्‍हें वापस लौटना पड़ा। इसके बाद जॉन हंट ने दूसरी टीम के रूप में हिलेरी और तेनजिंग को भेजा। ठंडी बर्फीली हवाओं के कारण उन दोनों को दक्षिण हिस्से तक पहुंचने में दो दिन का समय लगा और इसी के चलते 29 मई का दिन ऐतिहासिक बन गया।

क्वीन एलिजाबेथ ने किया था सम्मानित

तेनजिंग और हिलेरी ने 27,900 फीट पर अपना शिविर स्थापित किया था। जिसके बाद अभियान के बेस कैंप से रेडियो पोस्ट तक इस सफलता की खबर पहुंचाई गई। इस सूचना को तुरंत लंदन भेजा गया, जिसके बाद महारानी एलिजाबेथ द्वितीय इसे सुनकर गदगद हो गई थी। 1 जून को अपने राज्याभिषेक की पूर्व संध्या पर उन्हें इस उपलब्धि के बारे में पता लगा, तो ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की तरफ से हिलेरी और हंट को नाइट की उपाधि दी गई।

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