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Gandhi Jayanti 2023: गांधी जयंती पर जानें बापू के जीवन से जुड़ी ये अनसुनी बातें

Gandhi Jayanti 2023 भारत में एक आजाद राष्ट्र बनाने में कई लोगों में अहम भूमिका निभाई थी। महात्मा गांधी इन्हीं में से एक थेजिनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। बापू के जन्मदिवस के मौके पर हर साल गांधी जयंती मनाई जाती है। उन्होंने दुनियाभर में शांति की मिसाल दी और अहिंसा के दम पर हमें आजादी दिलाई।

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Mon, 02 Oct 2023 08:00 AM (IST)
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क्या आपने सुनी है गांधी जी से जुड़ी ये बातें
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Gandhi Jayanti 2023: आज हर कोई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद कर रहा है। देश की आजादी में अहम योगदान देने वाले गांधी को लोग प्यार से बापू कहकर भी पुकारते हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इस मौके पर हर साल दिन को गांधी जयंती के रूप में जाना जाता है। हम सभी ने बचपन में महात्मा गांधी से जुड़ी कई सारी बातें पढ़ी और सुनी होगी, लेकिन कुछ बातें ऐसी भी हैं, जिन्हें आप शायद ही जानते होंगे।

ऐसे में गांधी जयंती के मौके पर आज हम आपको बताएंगे बापू के जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में, जो आज तक बहुत कम लोग ही जानते होंगे।

गांधीजी को कभी नहीं मिला नोबेल पुरस्कार

गांधी जी ने अपना पूरा जीवन सत्य, अहिंसा और शांति का संदेश देते हुए बिताया। वह खुद एक शांत व्यक्ति थे, जिन्होंने हमेशा लोगों को अहिंसा का पाठ पढ़ाया, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनियाभर को शांति का संदेश देने वाले महात्मा गांधी को खुद कभी शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं जीता। उन्हें 1937, 1938, 1939 और 1947 में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन उन्हें कभी यह पुरस्कार नहीं मिला। इतना ही नहीं गांधी जी को इसके बाद साल 1948 में भी नामांकित किया गया था, जिस वर्ष उनकी हत्या हुई थी, लेकिन इस साल भी उन्हें नोबेल समिति ने नहीं चुना।

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गांधी जी का बाल विवाह हुआ था

बेहद कम लोग ही यह जानते होंगे कि महात्मा गांधी का बाल विवाह हुआ था। 13 साल छोटी सी उम्र में उनका विवाह कस्तूरबा माकनजी से हो गया था। यह एक अरेंज मैरिज थी। जब गांधीजी मात्र सात साल के थे, तभी उनकी सगाई कस्तूरबा जी से हो गई थी। इस शादी से उनकी चार बेटे भी हुए।

भारत नहीं दक्षिण अफ्रीका से शुरू हुआ था गांधी जी का आंदोलन

गांधीजी ने साल 1888 में कानून की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1893 में उन्हें दक्षिण अफ्रीका में मौजूद एक भारतीय फर्म में काम करने का मौका मिला था। हालांकि, उस दौरान दक्षिण अफ्रीका में ब्रिटेन और डच का शासन था। ऐसे में वहां अन्य भारतीयों की तरह उन्हें भी लगातार भेदभाव का सामना करना पड़ा। इस भेदभाव और दुर्व्यवहार ने गांधी जी को दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के नागरिक अधिकारों के लिए अभियान शुरू करने के लिए प्रेरित किया और इस तरह उनके पहले आंदोलन की शुरुआत हुई।

गांधी की हत्या हुई थी

देश की आजादी के लिए अहम योगदान देने वाले महात्मा गांधी अपने जीवन में कई सारे ऐसे आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिन्होंने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई। राष्ट्रपिता के अथक प्रयासों के बाद आखिरकार 15 अगस्त, 1947 में देश को अंग्रेजी हुकुमत से आजादी मिल गई। हालांकि, देश की आजादी के कुछ महीने बाद ही यानी 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली में एक प्रार्थना सभा में जाते समय नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर गांधी जी हत्या कर दी थी।

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महात्मा गांधी और इंदिरा गांधी रिश्तेदार नहीं थे।

एक जैसा सरनेम होने की वजह से कई लोगों को ऐसा लगता है कि महात्मा गांधी और इंदिरा गांधी एक-दूसरे के रिश्तेदार थे। हालांकि, यह बिल्कुल भी सच नहीं है। इंदिरा गांधी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बेटी थीं, जो बाद में देश की प्रधानमंत्री भी बनी थीं।