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कॉन्फिडेंस की कमी के चलते बचते हैं लोगों से मिलने-जुलने से, तो मिरर टॉक से दूर करे ये प्रॉब्लम

अगर आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी है और इसे बढ़ाने के लिए आप कोई सॉलिड उपाय ढूंढ़ रहे हैं तो रोजाना कुछ देर शीशे के सामने खुद से बातचीत करना शुरू करें। यकीन मानिए ये इतना कारगर फॉर्मूला है कि इसकी मदद से आपका कॉन्फिडेंस तो बढ़ता ही है साथ ही और भी कई तरह की दिक्कतें दूर होती हैं।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Mon, 18 Mar 2024 10:39 AM (IST)
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शीशे में खुद से बात करने की आदत निखार सकती है आपकी पर्सनैलिटी
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली।  कॉन्फिडेंस आपकी पर्सनैलिटी को निखारने का काम करता है। आपको करियर में आगे ले जाने में मदद करता है और सिर्फ करियर ही क्यों इसकी जरूरत पर्सनल लाइफ में भी पड़ती है। लोगों से कनेक्शन बनाने में, वर्कप्लेस पर अपनी बातों को सामने वाले तक पहुंचाने में कॉन्फिडेंस ही काम आता है। कॉन्फिडेंस बिल्ड करने के लिए लोग कई तरह की क्लासेज और ट्रेनिंग लेते हैं, जो गलत नहीं है, लेकिन कई बार ये काम नहीं करता। वहीं एक ऐसा तरीका है, जिसकी मदद से गारंटी है आप बन सकते हैं कॉन्फिडेंट।

ये है मिरर टॉक यानी आईने में खुद से बातें करना। जी हां, इससे ज्यादा आसान और असरदार तरीका नहीं हो सकता। रोजाना कुछ देर की प्रैक्टिस करने से काफी फायदे मिलते हैं। आज के लेख में हम इसी के बारे में जानने वाले हैं। 

आईने में खुद से बात करने के फायदे

1. बढ़ता है आत्मविश्वास 

शीशे में खुद से बात करने का जो सबसे पहला फायदा मिलता है वो है कॉन्फिडेंस बढ़ता है। कई बार कॉन्फिडेंस की कमी से आप नॉलेज होने के बाद भी लोगों से बात नहीं कर पाते, जिससे लोगों को आपके बारे में पता नहीं चल पाता। ये चीज़ आपको करियर में आगे बढ़ने से भी रोकती है, तो इसे बढ़ाने के लिए ज्यादा नहीं, बस 15-20 मिनट मिरर टॉक की प्रैक्टिस करें। 

2. दूर होता है डर

कॉन्फिडेंस की कमी के चलते कई बार लोग सोशल कनेक्शन बनाने में भी घबराते हैं, तो मिरर टॉक आपकी ये प्रॉब्लम भी सॉल्व कर सकता है। बात करते वक्त हकलाना, एक ही शब्द को बार-बार दोहराने जैसी कई चीज़ों को आप मिरर टॉक के जरिए दूर कर सकते हैं। 

3. सेल्फ इस्टीम में इजाफा

इस प्रैक्टिस से आत्म-सम्मान में भी बढ़ोतरी होती है। आत्म-सम्मान का कनेक्शन आत्म-विश्वास से जुड़ा हुआ है, किसी भी एक चीज़ की कमी दूसरे को भी डाउन करने का काम करती है। पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल लाइफ तक में सेल्फ इस्टीम का होना जरूरी है। इतना ही नहीं आईने में खुद से बात करने से सेल्फ लव की भावना भी बढ़ती है। 

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Pic credit- freepik