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Super Moon 2023: ज्वार-भाटे को कैसे प्रभावित करता है चांद, जानें हाई टाइड्स और फुलमून में कनेक्शन

Super Moon 2023 हमारा देश आज इतिहास रचने को तैयार है। इसरो का चंद्रयान बस कुछ ही देर में चांद पर लैंडिंग करने वाला है। इसी बीच 30 अगस्त पूर्णिमा आ रही है। ऐसे में इस खास मौके पर आज हम जानेंगे कि कैसे चांद समुद्र में आने वाले ज्वार-भाटे को प्रभावित करता है और हाई टाइड्स और फुलमून के बीच क्या कनेक्शन है।

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Wed, 23 Aug 2023 05:33 PM (IST)
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जानें क्या है हाई टाइड्स और फुलमून में कनेक्शन
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Super Moon 2023: पूरा देश इस समय टकटकी लगाए चांद की तरफ देख रहा है। इसरो का चंद्रयान बुधवार यानी 23 अगस्त को चांद पर लैंड करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कुछ ही देर में इतिहास रचने को तैयार हमारे देश की तरफ पूरी दुनिया देख रही है। ऐसे में पूरा देश यह दुआ कर रहा है कि हम अपने इस मिशन में कामयाब होंए। इसी बीच 30 अगस्त को सावन महीने की पूर्णिमा आने वाली है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक तो पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण और अहम होती ही है, लेकिन विज्ञान की दृष्टि से भी इसका काफी महत्व होता है।

पूर्णिमा जिसे फुलमून के नाम से भी जाना जाता है, समुद्र में आने वाले ज्वार-भाटे में अहम भूमिका निभाता है। अगर आप आज तक चांद और समुद्र में आने वाले इस ज्वार-भाटे के बीच के कनेक्शन के बारे में नहीं जानते हैं, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे चांद और सी-टाइड्स के बीच का कनेक्शन। आइए जानते हैं-

समुद्र और चांद का कनेक्शन

समुद्र में आने वाले हाई और लो टाइड्स का प्रमुख कारण चांद ही होता है। दरअसल, चांद के ग्रेविटेशनल पुल यानी गुरुत्वाकर्षण की वजह से ज्वारीय बल यानी टाइडल फोर्स (tidal force) क्रिएट होता है। जैसाकि हम जानते हैं कि चंद्रमा हमारी पृथ्वी के बाहर मौजूद दीर्घकार वृत में चक्कर लगाता है, जिसकी वजह से यह एक बार पृथ्वी के बेहद पास और एक बार पृथ्वी के बेहद दूर जाता है। इस दौरान जब चांद पृथ्वी के पास मौजूद रहता है, तब चांद का ग्रेविटेशनल पुल काफी ज्यादा होता है, जिसकी वजह से समुद्र में ज्वार-भाटा आता है।

क्या है ज्वार-भाटा

समुद्र के पानी के ऊपर उठने और फिर नीचे गिरने की प्रक्रिया को ज्वार-भाटे के नाम से जाता है। इसे अंग्रेजी में सी टाइड्स भी कहते हैं। समुद्र का पानी तय समय के अंतराल में एक दिन में दो बार ऊपर और फिर नीचे गिरता है। समुद्र के पानी के ऊपर उठने को ज्वार कहा जाता है, जबकि समुद्र का जल नीचे आने पर भाटा कहलाता है।

हाई टाइड्स और फुल मून का कनेक्शन

चंद्रमा का चरण भी हाई टाइड्स में एक भूमिका निभाता है। हाई और लो टाइड्स में सबसे बड़ा फर्क न्यू मून और फुल मून के दौरान देखा जा सकता है। चंद्रमा के इन चरणों के दौरान, सोलर टाइड्स और लूनर टाइड्स एक ही समय पर हो जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सूरज और चंद्रमा, पृथ्वी के साथ एक लाइन में आ जाते हैं। साथ ही इन तीनों की गुरुत्व शक्ति (gravitational forces) मिलकर समुद्र के पानी को एक ही दिशा में खींचती हैं। इन टाइड्स को स्प्रिंग टाइड्स या किंग टाइड्स कहते हैं। इस नाम का वसंत ऋतु से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह छलांग का पर्याय है।

Picture Courtesy: Freepik