Move to Jagran APP

Space Station में पसीने से बनाया जाता है पानी, जानें अंतरिक्ष में पानी और हवा बनाने की दिलचस्प तकनीक के बारे में

अंतरिक्ष में पानी मौजूद नहीं होता है और न ही ऑक्सीजन पाई जाती है। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि अगर धरती से स्पेस स्टेशन तक पानी और ऑक्सीजन सप्लाई न हो पाए तो अंतरिक्षयात्री कैसे हवा और पानी के बिना रह पाएंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि वे खुद भी ऑक्सीजन और पानी बना सकते हैं। आइए जानें कैसे होती है यह प्रक्रिया।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 15 Jul 2024 03:45 PM (IST)
Hero Image
स्पेस स्टेशन में ऐसी बनते हैं हवा और पानी (Picture Courtesy: NASA)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) का नाम तो आपने सुना ही होगा। सुनिता विलियम्स के बारे में आप यह तो जानते ही होंगे कि वो हाल ही में एक स्पेस मिशन पर गई थीं, लेकिन विमान में किसी खराबी की वजह से वह अभी तक धरती पर वापिस नहीं लौट पाई हैं। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) फंसी सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) अपने साथ बुश विलमोर के साथ लगभग एक महीने उस स्पेश स्टेशन में फंसी हुई हैं। ऐसे में आप यह तो जानते ही होंगे कि अंतरिक्ष में ऑक्सीजन और पानी मौजूद नहीं है।

इसलिए जो भी अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रुकते हैं, उनके लिए धरती से एक रॉकेट के जरिए हवा और पानी की सप्लाई की जाती है। ऐसे में अगर किसी कारण से रॉकेट के जरिए पानी और ऑक्सीजन सप्लाई न हो पाए, तो क्या होगा? यह एक बेहद गंभीर सवाल है, जिसका जवाब आप भी जरूर जानना चाहेंगे। इस आर्टिकल में इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करेंगे।

यह भी पढ़ें: 'मेरे दिल में...' अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स ने वीडियो कॉल में बताया कब होगी धरती पर वापसी

कैसे बनाते हैं पानी?

आपको बता दें कि अगर किसी कारण से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक ऑक्सीजन और पानी की सप्लाई न हो पाए, तो स्पेस स्टेशन में ऐसी तकनीक मौजूद होती है, जिससे अंतरिक्षयात्री खुद ही हवा और पानी बना सकते हैं। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में एक ऐसा सिस्टम लगा हुआ है, जिससे पानी रिसाइकिल किया जा सकता है। इस सिस्टम की मदद से 80 प्रतिशत पानी को दोबारा रिसाइकिल किया जा सकता है और उसे पीने के योग्य बनाया जाता है।

दरअसल, पानी रिसाइकिल करने के इस सिस्टम को ECLSS कहा जाता है, जो इस्तेमाल हो चुके पानी को एक चेंबर में भेजता है, जिसे प्रोसेसर असेंबली चेंबर कहा जाता है। इस चेंबर में केमिकल के जरिए पानी को साफ किया जाता है और पीने लायक बनाया जाता है। इस चेंबर में ही डी-ह्यूमिडिफायर भी लगा है। इस उपकरण से कैबिन में से पसीने और वाष्प को अब्जॉर्ब किया जाता है और उसे भी रिसाइकिल किया जाता है।

कैसे स्पेस में बनता है ऑक्सीजन?

ऐसे ही ऑक्सीजन बनाने के लिए इस रिसाइकिल किए गए पानी का इस्तेमाल किया जाता है। रिसाइकिल किए हुए पानी को एक प्रेशराइज्ड टैंक में इकट्ठा किया जाता है, जहां केमिकल रिएक्शन के जरिए पानी के अणुओं को अलग किया जाता है और ऑक्सीजन बनाया जाता है।

यह भी पढ़ें: किसकी गलती से स्पेस में फंसी सुनीता विलियम्स? जानिए कब होगी धरती पर वापसी