दूसरी कंपनी में स्विच करने का कर रहे हैं प्लान, तो ज्वॉइनिंग से पहले इन चीज़ों के बारे में जरूर कर लें पूछताछ
अगर आप किसी दूसरी कंपनी में ज्वॉइन करने की सोच रहे हैं तो सिर्फ सैलरी को लेकर खुश न हो जाएं क्योंकि कई बार कई ऐसी पॉलिसी होती हैं जो आपके फेवर में नहीं होती जिससे ज्वॉइनिंग के बाद फंसने जैसा एहसास होता है। आपके साथ न हो ऐसा कुछ इसके लिए किसी भी नई कंपनी में ज्वॉइन करने से पहले जान लें ये बातें।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। नई जॉब मिलने की कई बार इतनी खुशी होती है कि लोग सैलरी के अलावा बाकी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं देते और बाद में जब धीरे-धीरे कंपनी की पॉलिसी और दूसरी चीज़ों के बारे में पता चलता है, तब लगता है कि उस वक्त ध्यान दिया होता, तो आज ऐसी प्रॉब्लम न होती। अगर आपने भी हाल-फिलहाल अपने करियर की शुरुआत की है और दूसरी कंपनी में स्विच करने की प्लॉनिंग कर रहे हैं, तो ज्वॉइनिंग से पहले कुछ बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। आइए जान लें इनके बारे में।
ऑफर लेटर
किसी भी नई कंपनी को ज्वॉइन करने से पहले कंपनी की तरफ से मिलने वाले ऑफर लेटर को इत्मीनान से पढ़ें। क्योंकि इसमें सैलरी की डिटेल्स और कंपनी से जुड़े नियम-कानून के बारे में लिखा होता है। सैलरी आपके मन-मुताबिक मिल रही है या नहीं, ऑफिस पॉलिसी में ऐसा कुछ तो नहीं जिससे आप कुछ सालों के लिए कंपनी से बंध जाएंगे। ये सारी चीज़ें क्रॉस चेक करने के बाद ही ऑफर लैटर एक्सेप्ट करें।
प्रोबेशन पीरियड
हर नई कंपनी में एंपलॉई की काबिलियत चेक करने के लिए उसे कुछ टाइम तक प्रोबेशन पीरियड पर रखा जाता है, तो इस पीरियड का अच्छे से यूज़ करें। रेज्यूमे में जो अपने बारे में बताया है उसे प्रूफ करके भी दिखाएं। किसी भी तरह की गलतियां करने से बचें क्योंकि प्रोबेशन पीरियड में कंपनी के पास पूरे राइट्स होतेे हैं आप पर एक्शन लेने के लिए। ऑफर लैटर मिलने के बाद भी नौकरी जा सकती है।पे रोल
बहुत सारी कंपनीज़ में लोगों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर रखा जाता है न कि पे रोल पर। ऐसी कंपनीज़ में एंप्लाइज़ को पीएफ, मेडिकल इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं नहीं मिलती, तो एक जरूरी चीज़ है, तो ज्वॉइन करने से पहले संबंधिक व्यक्ति से इस बारे में क्लियर कर लें।
ग्रैच्युटी
कंपनी से ग्रैच्युटी से जुड़े नियमों के बारे में भी क्लियर पूछ लें। वैसे तो ग्रैच्युटी के लिए उस कंपनी में आपको लगातार 5 साल काम करना ही होता है, लेकिन फिर भी इससे जुड़ी जानकारी रखें।पीएफ
लेबल कानून के अनुसार अगर कंपनी में 10 से ज्यादा एंप्लाईज़ हैं, तो पीएफ देना ही होता है। पीएफ में एंप्लाई को दी जाने वाली सैलरी का ही कुछ हिस्सा काटा जाता है और उतना ही हिस्सा कंपनी भी अपनी ओर से देती है। जिसे आप वहां से निकलने के बाद ले सकते हैं। इस पॉलिसी के बारे में भी एचआर से पूरी डिटेल्स ले लें।
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