भारतीय चित्रकला का अनूठा नमूना है कालीघाट चित्रकला, खूबसूरती देखकर आप भी हो जाएंगे हैरान
कालीघाट चित्रकला (Kalighat Painting) भारतीय कला का एक अनमोल खजाना है। इस शैली में गणेश जी और अन्य देवी-देवताओं का बेहद खूबसूरत चित्रण किया गया है। कालीघाट चित्रकला न केवल भारतीय कला की विरासत है बल्कि यह दुनिया भर में भारतीय कला की पहचान भी है। आइए इस चित्रकला शैली के बारे में और गहराई से जानने की कोशिश करते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कलकत्ता के कालीघाट मंदिर में उत्पन्न हुई कालीघाट चित्रकला, भारतीय कला की एक अत्यंत महत्वपूर्ण शैली है। 18वीं सदी में अपनी जड़ें जमाने के बाद, इसने 19वीं सदी में व्यापक लोकप्रियता हासिल की। इस शैली की सबसे बड़ी विशेषता है हिंदू देवी-देवताओं और पौराणिक पात्रों का जीवंत चित्रण। इस आर्टिकल में हम इसी चित्रकला के बारे में जानने की कोशिश करेंगे कि इसकी विशेषताएं क्या है और कैसे इसका विस्तार हुआ।
गणेश जी की कहानियों का अद्भुत चित्रण
कालीघाट चित्रकला में भगवान गणेश से जुड़ी अनेक रचनाएं देखने को मिलती हैं। इन चित्रों में गणेश जी को विभिन्न रूपों में दर्शाया गया है, कभी वे विद्या के देवता के रूप में, तो कभी विघ्नहर्ता के रूप में। इन चित्रों में गणेश जी की बाल लीलाओं, उनके वाहन मूषक और उनके प्रिय लड्डू का भी अत्यंत जीवंत चित्रण किया गया है।
(Picture Courtesy: Instagram)यह भी पढ़ें: मधुबनी से लेकर कालीघाट तक, इन भारतीय लोक चित्रकला की मुरीद है दुनिया
अलग-अलग देवी-देवताओं और पौराणिक प्रसंगों का चित्रण
गणेश जी के अलावा, कालीघाट चित्रकला में कार्तिकेय, सरस्वती, भगवान विष्णु के विभिन्न अवतार, परशुराम, भगवान कृष्ण की बाल लीलाएं, पूतना वध और कालिया मर्दन जैसे अनेक पौराणिक प्रसंगों को भी चित्रित किया गया है। इन चित्रों में कलाकारों ने अपनी कल्पना शक्ति का भरपूर उपयोग किया है और देवी-देवताओं को बेहद मानवीय रूप में दर्शाया है।