मेघालय की जनजातीय संस्कृति को दर्शाता है बेहदीनखलम महोत्सव, बेहद खास है इसे मनाने की वजह
हमारे देश की खूबसूरती यहां की परंपराओं में देखने को मिलती हैं। मेघालय राज्य में मानसून में फसलों की बुवाई के बाद एक बेहद खास महोत्सव मनाया जाता है जिसका नाम है बेहदीनखलम (Behdienkhlam)। इस त्योहार में मेघालय के जैंतिया जनजातियों की संस्कृति की खास झलक देखने को मिलती है। आइए इस त्योहार के बारे में विस्तार से जानते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Behdienkhlam Festival of Meghalaya: हर राज्य की अपनी परंपराएं और कुछ रीति-रिवाज होते हैं, जो वहां के स्थानीय समुदायों द्वारा स्थापित किए गए होते हैं। इन्हीं परंपराओं से उस जगह की खूबसूरती और निरखती है और साथ ही, लोगों में एकता का भाव भी पनपता है। अपने राज्य की संस्कृति को अपने भीतर समेटने वाले ये त्योहार अलग-अलग समय पर अलग-अलग वजहों से मनाए जाते हैं। ऐसे ही भारत नॉर्थ-ईस्ट के राज्य मेघालय में एक बेहद खास त्योहार मनाया जाता है, जिसमें वहां की जनजातिय समुदाय और प्रकृति के बीच के अनोखे रिश्ते की बेहद अनूठी झलक देखने को मिलती है। इस उत्सव का नाम है 'बेहदीनखलम' (Behdienkhlam)। इस महोत्सव को मेघालय की जैंतिया जनजाति के लोग, जोवाई हील्स पर मनाते हैं।
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क्या है बेहदीनखलम महोत्सव?
बेहदीनखलम (Behdienkhlam) का अर्थ होता है- बुरी शक्तियों को भगाना। इसलिए इस त्योहार को मनाने के पीछे का उद्देश्य भी हैजा और महामारियों से इस जगह रहने वाले लोगों की सुरक्षा की कामना करना है। इसके साथ ही, इस महोत्सव में भगवान से आशीर्वाद मांगा जाता हैं कि वे उनके समुदाय को समृद्धि और अच्छी फसल का वरदान दें।
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