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Shaheed Diwas 2024: महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?

Shaheed Diwas 2024 30 जनवरी के दिन ही महात्मा गांधी की हत्या की गई थी जिसके बाद से इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नई दिल्ली के राजघाट पर गांधी जी को श्रद्धांजलि देते हैं। शहीद दिवस महात्मा गाँधी के बलिदान के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने का अवसर देता है।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Updated: Tue, 30 Jan 2024 08:06 AM (IST)
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Shaheed Diwas 2024: शहीद दिवस मनाने का इतिहास व महत्व

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Shaheed Diwas 2024: भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में गांधी जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने भारत की आजादी, विकास और समृद्धि के लिए अपना जीवन तक बलिदान कर दिया। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। गांधी जी के इस बलिदान की याद में और उन्हें सम्मान देने के लिए हर साल 30 जनवरी का दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी शहीदों को भी याद किया जाता है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। आज बापू की वजह से ही हम सब आजाद हवा में सांस ले रहे हैं। गांधी जी के साधारण व्यक्तित्व और साधनापूर्ण जीवन ने सिर्फ भारत को ही नहीं, बल्कि विश्व को शांति, अहिंसा और सद्भाव का रास्ता दिखाया।

शहीद दिवस (30 जनवरी) का इतिहास

30 जनवरी, 1948 को, महात्मा गांधी दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम की प्रार्थना सभा को संबोधित करने जा रहे थे। उसी समय शाम के तकरीबन 5:17 बजे, नाथूराम गोडसे ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। अहिंसा के पुजारी गांधी जी के निधन के बाद हर साल उनकी पुण्यतिथि (30 जनवरी) को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। शहीद दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 

कैसे मनाया जाता है शहीद दिवस?

30 जनवरी को शहीद दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। सेना के जवान भी इस अवसर पर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिए अपने हथियार झुकाते हैं। साथ ही देश के सभी शहीदों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा जाता है। स्कूल, कॉलेज और दूसरे संस्थानों में महात्मा गांधी से जुड़े कई तरह के कार्यक्रम, भाषण का आयोजन होता है। 

बापू भले ही आज हम हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार आज भी हमारे जेहन में जिंदा हैं। गांधी जी का स्वच्छता का मंत्र आज जन-जन तक पहुंच चुका है। भारतवर्ष हमेशा उनके इस बलिदान को याद रखेगा।

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Pic credit- freepik