Pet Dog: शोध में पाया गया, पेट डॉग बच्चों को मन से ही नहीं तन से भी रखते हैं फिट
घर में पेट रखने का चलन काफी समय से चला आ रहा है लेकिन कोरोना के बाद इनका क्रेज काफी बढ़ गया है। अब ज्यादातर घरों में आपको कुत्ते या कोई अन्य पेट देखने को मिल जाएगा। एक स्टडी में पेट डॉग्स के साथ रहना बच्चों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है इस बारे में पता चला है। आइए जानते हैं क्या है यह स्टडी।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Pet Dog: कुत्ते ऐसे जानवर हैं, जिनका इंसानों के साथ काफी गहरा रिश्ता होता है। ऐसा आज से नहीं है बल्कि, कई सालों से कुत्ते हमारे जीवन में काफी अहम भूमिका निभाते आए हैं। इनकी प्यारी आंखें और वफादारी किसी का भी दिल जितने के लिए काफी होती है। ऐसा कहा जाता है कि जितना आप अपने पेट डॉग से प्यार करते हैं, उससे कई गुणा ज्यादा वह आपसे प्यार करता है।
कुत्ते ऐसे जीव होते हैं, जिनका रिश्ता आपके परिवार के हर व्यक्ति से जुड़ जाता है। फिर चाहे आपके घर के बुजुर्ग के हों या बच्चे। सभी के साथ आपका पेट डॉग, काफी एन्जवॉय करता है और घर के सदस्य भी काफी अच्छा महसूस करते हैं। इस बारे में ऑस्ट्रेलिया की एक स्टडी सामने आई है।
बच्चे एक्टिव रहते हैं
इंटरनेशनल रिसर्च जर्नल ऑफ बिहेवियरल न्यूट्रिशन एंड फिजिकल एक्टिविटी की रिपोर्ट के अनुसार, जिन घरों में पेट डॉग होते हैं, उन घरों के बच्चे काफी एक्टिव और हेल्दी होते हैं। इसका कारण बेहद साफ है, डॉग्स के साथ खेलने में बच्चों को काफी मजा आता है। कुत्ते हमेशा इधर-उधर भागते रहते हैं और उनके साथ बच्चे भी खूब उछल-कूद करते हैं। इसलिए वे फिजिकली एक्टिविटी रहते हैं।
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बच्चों में टहलने की आदत बनती है
यह शोध ऑस्ट्रेलिया के वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में हुई। इस यूनिवर्सिटी के टेलेथॉन किड्स इंस्टीट्यूट की एमा एडम्स बताती हैं कि पेट डॉग्स के कारण बच्चों में टहलने की आदत भी बनती है। कुत्तों को अक्सर बाहर घूमने का और खेलने का मन करता रहता है, लेकिन उन्हें अकेले नहीं जाने दिया जाता। इसलिए उन्हें सुरक्षित घर वापस लाने के लिए घर के किसी सदस्य को साथ जाना पड़ता है, जो आमतौर पर बच्चे होते हैं। इस कारण, उन्हें बचपन से ही टहलने की आदत बन जाती है और वे ज्यादा सक्रिय भी बनते हैं। यह आदत उनके लिए काफी फायदेमंद होती है।
लड़कियों पर ज्यादा असर होता है
हालांकि, इसका असर, लड़कों की तुलना में लड़कियों में ज्यादा देखने को मिलता है। लड़कियों की कुत्तों के साथ सक्रियता करीबन 52 मिनट, जो एक घंटे के बराबर होती है, बढ़ जाती है।
इतना ही नहीं, ओरेगॉन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मैगन मैक्डोनाल्ड कहते हैं कि कुत्तों को घुमाने के बहाने बच्चे भी बाहर घूमना शुरू कर देते हैं। कुत्ते अक्सर पार्क आदि में खेलने के लिए जाना पसंद करते हैं। इस कारण बच्चों को भी प्रकृति में समय बिताने का मौका मिलता है और धीरे-धीरे यह उनकी आदत बनने लगती है।
पेट डॉग न केवल शारीरिक तौर पर बल्कि मानसिक रूप से भी हेल्दी रहने में मदद करते हैं। इनके साथ समय बिताने से तनाव कम होता, अकेलापन कम महसूस होता है और डिप्रेशन का खतरा भी कम होता है।
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