Move to Jagran APP

Smartphone Addiction: बच्चों को 13 साल की उम्र तक न दें स्मार्टफोन, जानिए क्या कहती है फ्रांस की ये रिपोर्ट

छोटे बच्चे जब रोते हैं तो उन्हें चुप कराने के लिए अक्सर मां-बाप फोन पकड़ा देते हैं। अगर आपका बच्चा भी कम उम्र में ही स्मार्टफोन की जिद करता है तो ये खबर आप ही के लिए है। बता दें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा गठित विशेषज्ञों की रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि 13 साल की उम्र तक बच्चों को स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Thu, 02 May 2024 08:07 PM (IST)
Hero Image
बच्चों में स्मार्टफोन की आदत को लेकर फ्रांस के विशेषज्ञों की रिपोर्ट
एजेंसी, पेरिस। Smartphone Addiction in Kids: बच्चे को स्मार्टफोन देने की सही उम्र आखिर क्या है, यह तय करना हर पेरेंट्स के लिए एक बड़ी चुनौती होता है। अक्सर कम उम्र में ही बच्चे स्मार्टफोन मांगने की जिद करने लगते हैं जिसका बुरा असर कई तरीकों से उनकी सेहत पर पड़ता है। इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा गठित विशेषज्ञों की रिपोर्ट में इस बात की सिफारिश की गई है कि बच्चों को 13 साल की उम्र तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए। यही नहीं, 18 की उम्र तक उनके इंस्टाग्राम, स्नैपचैट आदि जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए। आइए जानें।

समिति ने की यह सिफारिश

समिति ने तीन महीने तक किए गए एक शोध के आधार पर अपनी रिपोर्ट पेश की है। इसके अनुसार, तीन साल तक के बच्चों को टेलीविजन समेत किसी भी तरह की स्क्रीन के संपर्क में नहीं आना चाहिए। वहीं, 11 साल तक के बच्चों को हर तरह के फोन से दूर रखने की बात कही गई है। अगर 11 से 13 वर्ष की आयु के बच्चों को फोन देना जरूरी है तो उसमें इंटरनेट उपलब्ध नहीं होना चाहिए।

यह भी पढ़ें- अपनी मर्जी से नहीं! इन 5 वजहों से एग्जाम में फेल हो जाते हैं बच्चे

रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ 13 साल से ज्यादा की उम्र के बच्चों को इंटरनेट से जुड़ा स्मार्टफोन यूज करने देना चाहिए। इसके अलावा 18 साल की उम्र तक बच्चों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात कही गई है। इसके अलावा 6 साल की उम्र तक बच्चों का हर तरह का स्क्रीन टाइम बहुत सीमित होना चाहिए।

नर्सरी स्कूलों में नहीं होनी चाहिए स्क्रीन

न्यूरोलॉजिस्ट, मनोवैज्ञानिक और अन्य एक्सपर्ट्स की समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि नर्सरी स्कूल में स्क्रीन पर पूरी तरह से रोक लगनी चाहिए। कहानी सुनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टूल्स के अलावा इंटरनेट से जुड़े सभी उपकरणों पर भी बैन लगा देना चाहिए।

तकनीक के बाजार से बच्चों को बचाने की जरूरत

रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चों को तकनीक के बाजार से बचाने की जरूरत है, यानी तकनीक उद्योग के फायदे के लिए वस्तु की तरह हो रहा उनका इस्तेमाल रुकना चाहिए। तमाम कंपनियां अपने फायदे के लिए बच्चों को आकर्षित करती हैं और बच्चे वस्तु बन रहे हैं। बच्चों को स्क्रीन से जोड़े रखने में इन कंपनियों का फायदा है और वह अपने मुताबिक चीजों को कंट्रोल कर रही हैं। पैसा कमाने के लिए बच्चों का यह इस्तेमाल बंद होना चाहिए।

यह भी पढ़ें- दिनभर फोन में घुसेे रहने की आदत बच्चों को शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से बना सकती है बीमार

Picture Courtesy: Freepik

Quiz

Correct Rate: 0/2
Correct Streak: 0
Response Time: 0s

fd"a"sds

  • K2-India
  • Mount Everest
  • Karakoram