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मौसम जितनी तेजी से बदल रहा है खरीदारी का मिजाज, यहां पढ़ें कैसे बदल रहा है शॉपिंग का तरीका

खरीदारी यानी शॉपिंग का नाम सुनकर कुछ लोगों के दिमाग में लोकल मार्केट की छवि बनती होगी तो कुछ को ऑनलाइन साइट्स याद आते होंगे। त्योहारों के सीजन में खरीदारी काफी बढ़ जाती है ऐसे में आज आलोक पुराणिक से जानते हैं कि कैसे आज के दौर में शॉपिंग के तरीके में तेजी से बदलाव आ रहा है। आइए जानें।

By Jagran News Edited By: Swati Sharma Updated: Sun, 13 Oct 2024 12:00 AM (IST)
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समय के साथ बदलता शॉपिंग का तरीका (Picture Courtesy: Freepik)

जागरण न्यूज, नई दिल्ली। त्योहार यानी खरीदारी का मौसम। जितनी तेजी से मौसम बदलता है, उतनी ही गति से बदल रहा है खरीदारी का तरीका। आलोक पुराणिक बता रहे हैं कि क्यों और किस तरह इसमें आ रहे हैं तेजी से परिवर्तन…

त्योहारी मौसम में खरीदारी एक सहज गतिविधि है, त्योहार पर कुछ नया खरीदना एक परंपरा ही है। पर एक

समय था जब पहले बाजार जाकर खरीदारी करते थे, अब वक्त बदल गया है। अब बाजार तो हमेशा ही मौजूद

रहता है मोबाइल में। फ्लिपकार्ट, अमेजन समेत तमाम शॉपिंग माल हरेक के मोबाइल में हैं। एक वक्त था,

जब ऑनलाइन शॉपिंग आम तौर पर शहरों में होती थी, अब यहां भी वक्त बदल गया है।

ऑनलाइन शॉपिंग का बढ़ता ट्रेंड

छोटे शहर और गांव भी ऑनलाइन शॉपिंग में बढ़कर-चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं। एक सर्वेक्षण के मुताबिक त्योहारी सीजन से पहले करीब 71 प्रतिशत लोगों ने इच्छा जाहिर की कि वो ऑनलाइन शॉपिंग करेंगे। आखिर क्यों करते हैं ऑनलाइन शॉपिंग?

वजहें बहुत साफ हैं। सर्वेक्षण में शामिल 76 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए दूरदराज के गांव और शहर का व्यक्ति भी महानगरों में उपलब्ध ब्रांडों की शॉपिंग कर सकता है। करीब 75 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग में ओरिजनल उत्पाद मिल जाते हैं और करीब 75 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग में खरीद के लिए ऋण भी मिलता है, इसलिए खरीदना आसान होता है। भौतिक दुकानों पर हरेक को ऋण में चीजें नहीं मिलती हैं। आधार कार्ड, पैन कार्ड हो, तो हर किस्म का वित्तीय लेनदेन ऑनलाइन संभव है।

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नई पीढ़ी मोबाइल खरीदने के लिए भी कर्ज लेने में नहीं हिचकती, जो बहुत आसानी से ऑनलाइन मिल जाता है। ऐसी आसानी भौतिक बाजार में उपलब्ध नहीं है, इसलिए कई लोग ऑनलाइन शॉपिंग करना ज्यादा पसंद करते हैं। बदल गए बुनियादी तरीके रिपोर्ट के मुताबिक, 26 सितंबर से दो अक्तूबर के बीच अमेजन और फ्लिपकार्ट पर करीब 54,500 करोड़ रुपये की सेल हो चुकी थी।

पिछले साल की इस अवधि के मुकाबले सेल में 26 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। यानी ज्यादा से ज्यादा सेल अब ऑनलाइन हो रही है। ऑनलाइन शॉपिंग का करीब 38 प्रतिशत मोबाइल की खरीद पर खर्च हुआ। दरअसल नई पीढ़ी की खरीद के तौर-तरीके बुनियादी तौर पर बदल चुके हैं। आज युवा किसी भी वस्तु को खरीदने से पहले उसकी छानबीन ऑनलाइन वेबसाइट पर करते हैं और कई मामलों में वहीं खरीदारी भी कर लेते हैं। यह तरीका पुरानी पीढ़ी के तरीके से अलग है। अमेजन ने जब इस त्योहारी सीजन की सेल शुरू की तो सेल के शुरुआती 48 घंटों में करीब 11 करोड़ ग्राहकों ने इस सेल को विजिट किया, इसमें 80 प्रतिशत विजिट छोटेशहरों और कस्बों से हुई।

शॉपिंग मॉल या ऑनलाइन शॉपिंग का युवाओं में क्रेज

ऑनलाइन खरीदारी में हो रही बढ़त में छोटेशहरों और कस्बों का योगदान अब बढ़-चढ़कर हो रहा है। इसके

अलावा अब ग्राहकों की बुनियादी प्रवृत्ति भी बदल गई है। अब नई पीढ़ी या तो एयरकंडीशंड शॉपिंग माल में

शॉपिंग करने या फिर ऑनलाइन शॉपिंग में सहज महसूस करती है। भीड़ वाले बाजारों में घुसकर शॉपिंग करना

पुरानी पीढ़ी के लिए सहज है, पर नई पीढ़ी परंपरागत बाजारों में सहज महसूस नहीं करती, यह बात साफ तौर

पर समझनी चाहिए। पुरानी पीढ़ी के लिए त्योहारी खरीदारी भीड़-भड़क्के के बाजार में करना सामान्य-सहज बात

होती थी। अब सुविधा अधिक जरूरी है। नई पीढ़ी के संदर्भ में एक बात और जरूरी है। उनके लिए वह माहौल,

वह लोग बहुत महत्वपूर्ण हैं, जो बाजार में शॉपिंग करने आते है। इसके साथ ही नई पीढ़ी के लिए वह क्राउड

बहुत महत्वपूर्ण है, जिसके साथ उन्हेशॉपिंग करनी होगी। टूट रही है सीमाएं ऑनलाइन शॉपिंग के मामले में

गांव भी शहरों के मुकाबले आ रहे हैं। यानी इंटरनेट ने गांव और शहर की सीमाओं को तोड़ दिया है। इंटरनेट

ने भौगोलिक सीमाओं का अतिक्रमण कर दिया है। यानी जो सामान अब दिल्ली के उपभोक्ताओं को उपलब्ध

हैं, वो ही सामान अब मथुरा और बागपत के उपभोक्ताओं को भी उपलब्ध हैं। इंटरनेट ने बाजार को बदल दिया

है, जिसमें उपभोक्ता पहले ही बदल चुके हैं। यह बदलाव अब भौतिक बाजारों में दिख रहा है।

भौतिक दुकानों पर कई मोबाइल दुकानदार शिकायत करते हैं कि अब वैसी सेल नहीं होती, जैसी पहले दीवाली पर होती थी। इंटरनेट ने सब कुछ बदल दिया है, लोग अब ऑनलाइन शॉपिंग कर लेते हैं। कई दुकानदार तो यही शिकायत करते हैं कि भौतिक दुकान पर आकर ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट खोलकर रेट दिखाते हैं कि आप तो महंगा मोबाइल दे रहे हो, उस वेबसाइट पर तो यह मोबाइल सस्ता मिल रहा है। भौतिक दुकान की प्रतियोगिता अब उस दुकान से है जो अब हरेक के मोबाइल में उपलब्ध है!

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