क्या आपको भी बड़े-बुजुर्गों से मिलता है 'जीवेत शरदः शतम शतम' का आशीर्वाद, तो यहां जानें इसका मतलब
Jivet Sharada Shatam भारतीय संस्कृति अपनी विभिन्न मान्यताओं और परंपराओं के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यहां हमेशा से ही अपने बड़े-बुजुर्गों का आदर करने की परंपरा रही है। वहीं बड़े-बुजुर्ग भी अपने छोटों को आशीर्वाद देते हैं। कई लोगों ने सुना होगा कि आशीर्वाद देते समय हमारे बड़े अक्सर जीवेत शरदः शतम् बोलते हैं। आइए जानते हैं इस वाक्य का मतलब-
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Thu, 07 Sep 2023 03:02 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Jivet Sharada Shatam: भारतीय संस्कृति में अलग-अलग मान्यताएं और परंपराएं हैं। यहां हर एक चीज का अपना एक अलग महत्व होता है। इसी विविधता के चलते भारत दुनियाभर में 'विश्व गुरु' के रूप में जाना जाता है। हमारी संस्कृति हमेशा बड़ों की सेवा और सत्कार करना सिखाती है। ऐसा करने से हमें बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति न केवल दीर्घायु होता है, बल्कि अपने जीवन में सदैव प्रसन्न रहता है।
आपने अक्सर सुना होगा कि आशीर्वाद देते समय बड़े-बुजुर्ग 'जीवेम शरदः शतम्' बोलते हैं। इस संस्कृत वाक्यांश का मतलब "आप 100 शरद ऋतुओं तक जीवित रहें" है। अधिकतर बड़े-वृद्ध अपने छोटों को उनके जन्मदिन पर इसी वाक्य के जरिए आशीर्वाद देते हैं। आइए इस आर्टिकल के माध्यम से वाक्य के महत्व को विस्तार से जानते हैं-
अथर्ववेद में मिलता है जिक्र
इस वाक्य का जिक्र अथर्ववेद में मिलता है। यह इस पाठ से लिया गया है-पश्येम् शरदः शतम् ।। जीवेत शरदः शतम् ।।2।। बुध्येम शरदः शतम् ।।3।। रोहेम शरदः शतम् ।।4।। पूषेम शरदः शतम् ।।5।। भवेम् शरदः शतम् ।।6।। भूयेम शरदः शतम् ।। भूयसिः शरदः शतात्
शरद या पतझड़
यह वाक्य शरद ऋतु यानी पतझड़ के मौसम के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु आती है, जिस दौरान मौसम में अत्यधिक नमी होती है।यह भी पढ़ेंः 40 साल के बाद खुद को रखना चाहते हैं हेल्दी, तो इन आसान टिप्स को करें फॉलो