Sitara Devi: ‘कथक क्वीन’ के नाम से मशहूर थीं सितारा देवी, रवीन्द्रनाथ टैगोर से मिली थी इन्हें ये खास उपाधि
Sitara Devi सितारा देवी भारतीय शास्त्रीय कला की एक महान शख्सियत थीं। कथक में अपने अहम योगदान के लिए उन्हें क्वीन ऑफ कथक के नाम से पुकारा जाता था। कई हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने दुनियाभर के मशहूर मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन किया था। उनके जम्नदिन के मौके पर आज जानते हैं उनके जीवन की कुछ अनसुनी बातों के बारे में-
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Wed, 08 Nov 2023 05:25 PM (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Sitara Devi: भारत संस्कृति और सभ्यताओं का देश है। यहां की परंपराएं और विविधताएं हमेशा से ही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती रही हैं। अनेकता में एकता का संदेश देता हमारा देश अपने अंदर कई सारी चीजें समेटा हुआ है। यहां हर राज्य और शहर का अपनी अलग बोली, खानपान और पहनावा है। इन सबके अलावा यहां लंबे समय से नृत्य और गायन कलाओं का भी चलन रहा है। भारतीय नृत्य और गायन आज भी दुनियाभर में काफी पसंद किए जाते हैं। इतना ही नहीं इनकी लोकप्रियता इस कदर है कि देश ही नहीं विदेश में भी लोग इन्हें फॉलो करते हैं।
भारत में प्रचलित इन कलाओं के साथ ही यहां इन कलाओं को करने वाले कई महान लोग भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। सितारा देवी इन्हीं शख्सियत में से एक हैं, जिनका आज जन्म दिवस है। क्वीन ऑफ कथक के नाम से मशहूर सितारा देवी के जन्मदिन के मौके पर आज जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में-
इस दिन हुआ था जन्म
सितारा देवी का जन्म 8 नवंबर, 1920 में कोलकाता में हुआ था। अपने क्लासिकल डांस से दुनियाभर में शोहरत हासिल करने वाली सितारा देवी ने अपने छह दशकों के लंबे करियर में कई हिंदी फिल्मों में काम किया। इतना ही नहीं उन्होंने शास्त्रीय भारतीय नृत्य को बॉलीवुड में लोकप्रिय बनाया। कुछ खबरों की मानें तो सितारा देवी ने कथक नृत्य शैली को बॉलीवुड में लाने में अहम भूमिका निभाई थी।रवीन्द्रनाथ टैगोर को किया प्रभावित
फिल्मों में अपने अहम योगदान के अलावा उन्होंने न्यूयॉर्क के कार्नेगी हॉल और लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल सहित दुनियाभर के कई मंचों पर अपने हुनर का प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं उन्होंने अपने हुनर से मात्र 16 साल की उम्र में ही नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर तक को प्रभावित किया था। अपने प्रतिभा से प्रभावित होकर टैगोर ने उन्हें 'नृत्य साम्राज्ञी' की उपाधि से सम्मानित किया है।
ऐसी रही निजी जिंदगी
बात करें उनकी निजी जिंदगी की, तो उन्होंने बॉलीवुड की लोकप्रिय और सफल फिल्म मुगल-ए-आजम के निर्देशक के आसिफ से शादी की थी, जिसके बाद उन्होंने प्रताप बारोट के साथ दूसरी बार सात फेरे लिए। अपने पूरे करियर के दौरान कथक क्वीन को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। इतना ही नहीं, सितारा देवी ने कई हिंदी फिल्मों में भी काम किया, जिनमें उन्होंने डांस रोल निभाएं। हालांकि, उन्होंने साठ के दशक में फिल्मों में काम करना बंद कर दिया, क्योंकि उनका ऐसा मानना था कि इससे उनके नृत्य पर असर पड़ रहा था।