Move to Jagran APP

आखिर क्यों शादी के बाद महिलाओं की रोजगार दर में आ रही है गिरावट, वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट से समझें वजह

शादी के बाद पुरुषों से ज्यादा बदलाव महिलाओं के जीवन में आते हैं। कैसे? इस बात का प्रमाण आपको वर्ल्ड बैंक की हाल ही में सामने आई रिपोर्ट दे रही है। इसके मुताबिक शादी के बाद महिलाओं की रोजगार दर (Women Unemployment Rate After Marriage) में गिरावट आ रही है। आइए जानें इसकी वजह और कैसे ये देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Sat, 19 Oct 2024 03:26 PM (IST)
Hero Image
शादी के बाद महिलाओं को क्यों छोड़नी पड़ रही है नौकरी? (Picture Courtesy: Freepik)

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व बैंक की एक हालिया रिपोर्ट ने एक चिंताजनक तथ्य को उजागर किया है। शादी के बाद महिलाओं की रोजगार दर में 12% की भारी गिरावट दर्ज की गई है, जबकि पुरुषों में यह दर 13% बढ़ी है। यह समस्या भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में व्यापक रूप से देखी जा रही है। इसका असर देश की जीडीपी पर भी पड़ता है। इसके पीछे एक बहुत बड़ी भूमिका पुरुष प्रधान समाज की है। पुरुषों और महिलाओं की जिम्मेदारियों में अंतर के कारण अक्सर महिलाएं करियर की रेस में पीछे छूट जाती हैं। इस रिपोर्ट में इन्हीं पहलुओं पर रोशनी डाली गई है, जो बताते हैं कि क्यों शादी के बाद महिलाओं की रोजगार दर में गिरावट आ रही है।

क्यों घट रही है महिलाओं की रोजगार दर?

  • सामाजिक अपेक्षाएं- पारंपरिक लैंगिक भूमिकाओं और घर-परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ महिलाओं पर अधिक होता है। शादी के बाद यह बोझ और बढ़ जाता है, जिसके कारण उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ती है।
  • वर्कप्लेस पर चुनौतियां- महिलाओं को वर्कप्लेस पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि लैंगिक भेदभाव, कम वेतन और प्रमोशन में बाधाएं। इसके अलावा, बच्चों की देखभाल और घर के कामों को संतुलित करना भी मुश्किल होता है।
  • समाज और परिवार का दबाव- परिवार और समाज महिलाओं पर घर में रहने और बच्चों की देखभाल करने का दबाव डालते हैं, जिससे वे अपनी करियर की महत्वाकांक्षाओं को छोड़ने के लिए मजबूर हो जाती हैं।

यह भी पढ़ें: तालिबान के खिलाफ सुरों की लड़ाई, संगीत की शक्ति से सत्ता को चुनौती देतीं अफगान महिलाएं

पूरे दक्षिण एशिया में हुई है गिरावट

शादी के बाद महिलाओं की रोजगार दर में गिरावट सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में देखने को मिल रही है। पूरे दक्षिण एशिया की बात करें, तो विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, 32 प्रतिशत महिलाएं जॉब कर रही हैं। वहीं इसकी तुलना में पुरुषों की रोजगार दर 77 प्रतिशत थी। इस वजह से पूरे दक्षिण एशिया की जीडीपी पर भी असर पड़ रहा है। अगर पुरुषों जितनी महिलाएं भी जॉब करने लगें, तो दक्षिण एशिया की जीडीपी 13 प्रतिशत से 51 प्रतिशत ज्यादा हो सकती है।

इस समस्या का समाधान कैसे किया जाए?

  • नीतिगत बदलाव- सरकार को लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनानी चाहिए, जैसे कि महिलाओं के लिए आरक्षण, समान वेतन का कानून और बच्चों की देखभाल के लिए सुविधाएं।
  • वर्कप्लेस पर बदलाव- कंपनियों को फ्लेक्सीबल वर्क आवर्स, घर से काम करने की सुविधा और मेटरनिटी लीव जैसी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए, ताकि महिलाएं अपने करियर और परिवार दोनों को बैलेंस कर सकें।
  • समाज में जागरूकता- समाज में लैंगिक भूमिकाओं के बारे में जागरुकता फैलाई जानी चाहिए और पुरुषों को भी घर के कामों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

महिलाओं की रोजगार दर में गिरावट का देश की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि महिलाएं वर्कफोर्स में एक्टिवली भाग लें तो देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) काफी बढ़ सकता है।

यह भी पढ़ें: इंडियन डिजाइनर Anita Dongre के साथ मिलकर Barbie ने लॉन्च की पहली 'दिवाली डॉल', जानें कैसे खरीद पाएंगे आप