करियर सफलता के 5 सूत्र जिससे पास सकते हैं मनचाहा मुकाम
मनचाही सफलता के लिए जीतोड़ मेहनत के साथ-साथ कुछ ज़रूरी बातों पर ध्यान देना ज़रूरी होता है। क्या हैं वे जरूरी बातें जानिए यहां। जिसे फॉलो कर आप फील्ड कोई भी हो उसमें पा सकते हैं मनचाही सफलता।
By Priyanka SinghEdited By: Updated: Mon, 30 Nov 2020 03:25 PM (IST)
हमारे आसपास ऐसे अनेक लोग हैं जिनकी तरक्की प्रभावित करती है। उनके जैसा बनने की हम कोशिश भी करते हैं, लेकिन अपेक्षित सफलता हाथ नहीं लगती। वजह है, तरक्की के लिए ज़रूरी बातों पर ध्यान न देना। दुनिया के तमाम सफल लोगों ने सफलता के लिए इन 9 बातों को अपनाया है। कौन-सी हैं ये बातें? जानिए
कंस्ट्रक्शन (योजना)योजनाबद्ध तरीके से आगे बढऩे पर ही सफलता हासिल होती है। इसलिए सबसे पहले तय करें कि आप किस क्षेत्र में जाना चाहते हैं और वहां तक कैसे पहुंचेंगे। इसके लिए किन लोगों की मदद की ज़रूरत पड़ेगी। किन-किन संसाधनों की व्यवस्था आपको करनी होगी। इससे फोकस क्लीयर रहेगा। बीच राह में भटकाव नहीं होगा।
कॉम्पिटेंस (योग्यता)सफलता के लिए अपने काम में महारत अनिवार्य है। कठिन परिश्रम, निरंतर अभ्यास और गलतियों से सीखने की प्रवृत्ति इसमें सबसे ज़्यादा मदद करती है। इसके अलावा हर परिस्थिति में सकारात्मक रहने, चुनौतियों का सामना करने और नई चीज़ें सीखने से भी योग्यता में इज़ा$फा होता है।
कमिटमेंट (प्रतिबद्धता)कमिटमेंट यानी प्रतिबद्धता बाहर से हासिल की जा सकने वाली चीज़ नहीं है। यह खुद से एक वादा है। वादा अपनी योजना, विचारों और फैसलों पर अडिग रहने का। वादा हर परिस्थिति में सकारात्मक रहने और लक्ष्य पर निगाह बनाए रखने का। फिर भले ही कितनी भी देर लगे और अनगिनत समस्याओं का सामना करना पड़े। महाभारत के पात्र एकलव्य के उदाहरण से इसे आसानी से समझा जा सकता है। आचार्य द्रोण से ही धुनर्विद्या सीखने के लिए प्रतिबद्ध एकलव्य को जब उन्होंने अपना शिष्य बनाने से इंकार कर दिया, तो एकलव्य ने द्रोण की मूर्ति को अपना गुरु मान धनुर्विद्या में महारत हासिल की थी। एकलव्य की तरह प्रतिबद्ध लोग कभी परिस्थितियों का बहाना नहीं बनाते, न ही उनके पास प्लैन-बी होता है। वे सि$र्फ और सिर्फ प्लैन-ए पर फोकस करते हैं और उसे पूरा करने में जुटे रहते हैं। फिर भले ही कितनी भी बड़ी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े।क्रिएटिविटी (रचनात्मकता)
कोई भी करियर कठिन परिश्रम के सहारे चलता है लेकिन तरक्की क्रिएटिविटी के सहारे ही मिलती है। यहां क्रिएटिविटी का मतलब रोज़ नए डिज़ाइन बनाने या कविता लिखने से नहीं, बल्कि रोज़मर्रा का काम अलग ढंग से करने और कार्यप्रणाली को आसान बनाने से है। इसे एक उदाहरण से आसानी से समझा जा सकता है। जैसे एक फैक्ट्री में रोज़ काम के दौरान इस्तेमाल होने वाली फाइल्स वर्कर्स द्वारा निर्धारित क्रम में नहीं रख पाने की वजह से सुपरवाइज़र को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। काफी प्रशिक्षण और कई बार नोटिस के बाद भी जब समस्या का कोई हल नहीं निकला तो किसी कर्मचारी ने हवाई जहाज के एक चित्र के कई टुकड़े किए और हर फाइल के पीछे एक-एक टुकड़ा चिपका दिया। टुकड़े इस तरह चिपकाए गए कि फाइलें निर्धारित क्रम में लगने पर ही वह चित्र पूरा हो सकता था। इससे वर्कर्स के लिए सही क्रम में फाइलों को रखना ज़रूरी हो गया और इस तरह लीक से हटकर सोचने से समस्या का समाधान सामने आ गया।
कॉन्फिडेंस (आत्मविश्वास)आत्मविश्वासी व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सकारात्मक रहता है। इसी के दम पर वे कार्य भी वह आसानी से कर लेता है, जो कभी कल्पना में भी नहीं होते। अपने आसपास ऐसे अनके उदाहरण आपको मिल जाएंगे। उन लोगों से प्रेरणा लेकर और छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर कार्य की शुरुआत करने से आत्मविश्वास बढ़ाया जा सकता है।(करियर काउंसलर सुशील कुमार पारे,मुंबई के इनपुट पर आधारित)Pic credit- Freepik