Paper Bag Day: पेपर बैग डे पर जानें प्लास्टिक बैग्स किस तरह से है पर्यावरण के लिए खराब और पेपर बैग्स के फायदे
Paper Bag Day 12 जुलाई का दिन पेपर बैग डे के रूप में मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद प्लास्टिक बैग से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को बताना है और उसके रोकने के प्रयासों पर काम करना है। जहां प्लास्टिक पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है वहीं पेपर बैग पूरी तरह से सुरक्षित। जानते हैं प्लास्टिक बैग के नुकसान और पेपर बैग के फायदे।
By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Wed, 12 Jul 2023 10:37 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Paper Bag Day: बारिश के मौसम में जगह-जगह ड्रेनेज सिस्टम चोक हो रहे हैं और ऐसे शहरी इलाकों में फ्लड जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं। शहरों में चोक ड्रेनेज सिस्टम के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार यह प्लास्टिक बैग ही हैं। प्लास्टिक के आविष्कार के बाद इससे होने वाले इस खतरे को बहुत पहले ही भाप लिया गया था, लेकिन इससे निपटने के उपाय बनाने और उन्हें लागू करने में बहुत देरी कर दी गई। हमारे देश में जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया गया था। बड़े और संगठित रिटेल मार्केट में पेपर बैग्स का इस्तेमाल किया जाने लगा, लेकिन अनऑर्गनाइज्ड सेगमेंट में अभी भी प्लास्टिक बैग्स को लेकर इतनी जागरूकता नहीं है।
बांग्लादेश बना प्लास्टिक बैन करने वाला पहला देश
पहली बार 2002 में बांग्लादेश प्लास्टिक बैग पर बैन लगाने वाला पहला देश बना। इस बैग्स से ड्रेनेज सिस्टम ब्लॉक हो जाता है। यह जानने के बाद दक्षिण अफ्रीका, रवांडा, चीन, ऑस्ट्रेलिया और इटली ने इसके इस्तेमाल पर बैन लगा दिया। कैरी बैग्स की जरूरत हमेशा से थी जिसे पूरा किया एक सस्टेनेबल ऑप्शन ने, जिसे हम पेपर बैग्स कहते हैं। पेपर बैग 19वीं सदी की देन है। तो आज पेपर बैग डे के मौके पर जानेंगे प्लास्टिक से होने वाले नुकसान और पेपर बैग से होने वाले फायदों के बारे में।
प्लास्टिक से होने वाले खतरे
- प्लास्टिक बैग सड़ता-गलता नहीं, इसका सबसे ज्यादा नुकसान हमारी मिट्टी पर पड़ता है। हमारी फूड चेन में भी माइक्रोप्लास्टिक और माइक्रोफाइबर पाया जा रहा है। यह सोचकर ही स्थिति की भयावहता समझ में आ रही है। मतलब हमारे पानी, अनाज, दूध, फल सबमें न्यूनतम स्तर पर ही सही प्लास्टिक मौजूद है।- ताजा अध्ययन बताते हैं कि माइक्रोप्लास्टिक अम्बिलिकल कॉर्ड में भी पाया जाता है। प्लास्टिक का कुल वैश्विक उत्पादन 9 बिलियन टन से ऊपर पहुंच गया है यानी वर्तमान में धरती पर मौजूद हर व्यक्ति के जिम्मे 1 टन से ज्यादा प्लास्टिक बन चुका है।
- हाल के अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि पृथ्वी पर कुल प्लास्टिक का वजन मनुष्यों और जानवरों के कुल वजन से दोगुना हो चुका है और अगर यही रफ्तार रही, तो 2060 तक प्लास्टिक उत्पादन तीन गुना हो जाएगा।
- विगत 100 सालों में जितना प्लास्टिक का उत्पादन किया गया उतना एक दशक में कर लिया गया। प्लास्टिक प्रदूषण की भयावहता का आलम यह है कि अब तक उत्पादित प्लास्टिक अपनी संपूर्णता या सूक्ष्मता के स्तर पर इस पृथ्वी पर ही मौजूद हैं।
- प्लास्टिक की थैलियों को नष्ट होने में 500 साल तक लग सकता है इसलिए वे हमारे लैंडफिल में मौजूद चीज़ों का एक बड़ा हिस्सा हैं और हमारे वॉटरवेज को प्रदूषित करते हैं।
पेपर बैग के फायदे
पेपर बैग बायोडिग्रेडेबल हैं। मतलब यह खराब होने के बाद प्लास्टिक बैग की तरह लैंडफिल में नहीं जाते, बल्कि खराब होकर पूरी तरह मिट्टी का हिस्सा बन जाते हैं।- इसमें रखे जाने वाले फूड और ग्रासरी फ्रेश बने रहते हैं। - पेपर बैग्स में बहुत अच्छी क्वॉलिटी की कंपोस्ट बनाई जा सकती है।- इन्हें रिसाइकिल करने में हार्म फुल गैसेज रिलीज नहीं होती जैसी प्लास्टिक बैग में होती हैं। इससे इनका दोबारा। इस्तेमाल पूरी तरह से सुरक्षित है।- पेपर बैग्स का इस्तेमाल ग्लास क्लीनिंग में भी किया जा सकता है। इस तरह से यह एक मल्टीयूज प्रॉडक्ट है। Pic credit- freepik