Chaat History: इस महामारी की दवा के तौर पर बनाई गई थी ‘चाट’, स्वाद की ही तरह चटपटा है इसका इतिहास
भारत में कई सारे स्ट्रीट फूड फेमस है। चाट इन्हीं व्यंजनों में से एक है जिसे लोग बड़े ही चाव से खाना पसंद करते हैं। चाट एक ऐसी डिश है जो देश के हर हिस्से में खाने को मिल जाती है। शायद ही कोई ऐसा हो जिसे चाट खाना पसंद नहीं लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस चाट को आप चटकारे लेकर खाते हैं उसकी शुरुआत कैसे हुई।
By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Sat, 01 Jul 2023 07:13 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Chaat History: दुनिया भर में अपनी विविधताओं के लिए मशहूर भारत हमेशा से ही लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां की संस्कृति और परंपरा बीते कई वर्षों से लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती रही है। यहां की बोली, रहन-सहन और पहनावा दुनिया भर में अपनी अलग पहचान रखता है। सबके अलावा भारत अपने खानपान और विशेष व्यंजनों के लिए भी काफी मशहूर है। यहां कई ऐसे व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलता है, जिसे खाने के बाद बार-बार खाने का मन करता है। खाने की इसी विशेषता के चलते दूर-दूर से लोग यहां अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद चखने आते हैं।
कैसे हुई चाट की शुरुआत
भारत में कई तरह के स्ट्रीट फूड काफी मशहूर है। चाट इन्हीं व्यंजनों में से एक है, जिसे हर कोई चटकारे लेकर खाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में आपको चाट का स्वाद चखने को मिल जाएगा। खट्टी-मीठी और तीखी चाट शायद ही किसी को न पसंद हो। यह खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है, देखने में भी उतनी ही बेहतरीन होती है। यही वजह है कि चाट देखते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस चाट का स्वाद आप चटकारे लेकर चखते हैं, आखिर उसकी शुरुआत कैसे हुई थी। अगर नहीं, तो आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको चाट का बेहद दिलचस्प इतिहास बताने जा रहे हैं।
बेहद दिलचस्प है चाट का इतिहास
आपने अक्सर सुना होगा कि बीमार होने पर डॉक्टर लोगों को तीखा और तला-भुना खाने से मना करते हैं। साथ ही यह सलाह देते हैं कि वह कुछ हल्का और ऐसा खाना खाएं, जो पचाने में आसान हो। ऐसे में अगर हम आपको यह बताया जाए कि एक बीमारी के इलाज के तहत चाट का इजाद हुआ था, तो शायद आप इसे सुन हैरान रह जाएंगे। चटपटी चाट का इतिहास खोजते हुए हम मशहूर शेफ संजीव कपूर की वेबसाइट पर पहुंचे, जहां हमें इसके एक दिलचस्प किस्से के बारे में पता चला, जो मुगल बादशाह शाहजहां से जुड़ा हुआ था।महामारी के इलाज के लिए बनाई थी चाट
इस किस्से के मुताबिक 16वीं शताब्दी में जब सम्राट शाहजहां और उनकी सेना यमुना किनारे बसने आई, तो इसका पानी बिल्कुल भी पीने योग्य नहीं था। ऐसे में दूषित पानी पीने की वजह से हैजा का प्रकोप फैल गया। हैजा महामारी से बचाव के लिए उस दौर के शाही चिकित्सक ने सम्राट को बैक्टीरिया मारने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थ को बनाने की सलाह दी, जिसमें विभिन्न तरह के स्वाद और मसाले शामिल हों। वैद्य की सलाह के मुताबिक तीखा, मीठा और खट्टा स्वाद मिलाकर मसालों, इमली और जड़ी-बूटियों के पेस्ट के साथ चाट बनाई गई, जिसे उस समय पूरी दिल्ली के लोगों ने खाया था।