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Court Marriage Procedure: क्या आप भी कर रहे हैं कोर्ट मैरिज की प्लानिंग, तो कर लें पहले ये तैयारियां

Court Marriage Procedure नो डाउट कोर्ट मैरिज शादी के घंटों और कई दिनों तक चलने वाले रीति-रिवाजों के बवाल से बचने का बहुत ही अच्छा ऑप्शन है तो अगर आप भी कर रहे हैं इसकी प्लानिंग तो जान लें ये जरूरी बातें।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Fri, 21 Apr 2023 12:24 PM (IST)
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Court Marriage Procedure: कोर्ट मैरिज का पूरा प्रोसेस और जरूरी बातें
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Court Marriage Procedure: क्या आप भी उनमें से हैं जिन्हें चार से पांच दिनों तक चलने वाली शादियों का ट्रेडिशन नहीं पसंद? या आप और आपका पार्टनर दोनों अलग-अलग देश, धर्म और समुदाय से रखते हैं ताल्लुक? तो ऐसे में शादी करने का सबसे सेफ एंड बेस्ट ऑप्शन है कोर्ट मैरिज। स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत दो अलग धर्मों, समुदाय और यहां तक कि अलग देश के लोग भी शादी के बंधन में बंध सकते हैं। 

कोर्ट मैरिज शादी के लंबे चलने वाले रीति-रिवाजों और सबसे जरूरी मोटे खर्चों से बचने का बेहतरीन जरिया है। बस कुछ जरूरी फॉर्मेलिटीज़ पूूरी कर आप एक-दूसरे के हो जाते हैं। तो हल्दी, मेंहदी, संगीत जैसे अलग-अलग फंक्शन्स में होने वाले खर्चों को बचाकर आप कोर्ट मैरिज के बाद एक शानदार पार्टी दे सकते हैं। तो इतना पढ़ने के बाद अगर आपको भी लग रहा है कोर्ट मैरिज है फायदे का सौदा और इसी ऑप्शन के साथ आप जाना चाहते हैं, तो इससे पहले कर लें कुछ जरूरी तैयारी।   

कोर्ट मैरिज की शर्तें

- युवती-युवती पहले से शादीशुदा न हों।

- दोनों बालिग हों। मतलब लड़के की उम्र 21 साल से ज्यादा और लड़की की उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए।

- दोनों मानसिक और शारीरिक रुप से स्वस्थ हों।

कोर्ट मैरिज के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स 

- भरा हुआ आवेदन पत्र

- युवक-युवती का चार पासपोर्ट साइज फोटो

- निवास प्रमाण पत्र

- 10वीं की मार्कशीट

- तलाकशुदा मामले में तलाक के कागजात

- विधवा या विधुर के मामलें में मृत्यु प्रमाण पत्र

- गवाहों (Witnesses) की फोटो

- पैन कार्ड और पहचान पत्र

क्या है कोर्ट मैरिज का प्रोसेस?

अगर लड़का-लड़की दूसरे धर्म में शादी करना चाहते हैं तो ऐसे में उन्हें संबंधित जिले के विवाह अधिकारी के पास अपने विवाह के लिए एक लिखित सूचना देनी होगी। अगर किसी को इस शादी से ऐतराज है, तो वो 30 दिनों के अंदर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। यदि इतने दिनों में किसी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई, तो विवाह रजिस्ट्रेशन की फीस देकर शादी हो सकती है।

कोर्ट मैरिज में शादी के लिए तीन गवाहों का होना जरूरी है। मैरिज रजिस्ट्रेशन कराने की प्रोसेस काफी लंबा होता है और इसके लिए अलग-अलग फिस होती है। वैसे तो कोर्ट मैरिज करने की न्यूनतम फीस 1000 रुपये है, लेकिन कागजी कार्यवाही और वकीलों को लेकर ये खर्चा 10 से 20 हजार तक पहुंच सकता है।

Pic credit- freepik