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भारत के गौरवशाली इतिहास से जुड़ी ढेरों कहानियां 'सूत्रधार एप' पर, डिजिटल दुनिया में पढ़ाई का बदला तरीका

Sutradhar App आज जब देश स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है तो ऐसे में इस नेक प्रयास का जिक्र करना भी आवश्यक हो जाता है। दरअसल सूत्रधार एप पर भारतीय स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी ढेरों कहानियां भी शुरू हो चुकी हैं। जिसे क्रांतिदूत सीरीज नाम दिया गया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 21 Jul 2022 03:37 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jul 2022 03:37 PM (IST)
Sutradhar App: ज्ञान और मनोरंजन से परिपूर्ण कहानियों को अन्य लोगों के साथ व्हाट्सप्प पर भी शेयर कर सकते हैं।

कानुपर,आरती तिवारी। Sutradhar App किस्सागोई की परंपरा भारत में सदियों पुरानी रही है। उतनी ही पुरानी रही हैं यहां की कहानियां। आज जब देश में डिजिटल क्रांति आ चुकी है, तो कहानियां सुनने-सुनाने की परंपरा में भी बदलाव आ चुके हैं। हालांकि इसका अर्थ यह कतई नहीं कि अब देश की धरोहर में बसी कहानियों को ही भुला दिया जाए। ऐसे में बदलावों को अपनाते हुए भारत के गौरवशाली इतिहास को बताने का जिम्मा उठाया है 'सूत्रधार' एप ने।

इस एप में हमारे प्राचीन ग्रंथों का गहन शोध कर अनेक रोचक कथाओं को सुंदर चित्रण के साथ दर्शाया गया है। जहां आपको रामायण, महाभारत, पुराणों इत्यादि की छोटी-छोटी मगर महत्वपूर्ण कथाएं देखने को मिलती हैं। अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में उपलब्ध ये कहानियां न सिर्फ बच्चों का मनोरंजन करने के लिए आदर्श जरिया हैं बल्कि उन्हें अपनी परंपराओं से जोडऩे के लिए भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

पौराणिक साहित्य अध्ययन को दिनचर्या में शामिल करने के उद्देश्य पर कार्य कर रही 'सूत्रधार' टीम की रोचक बात यह है कि हर रोज यहां नई कहानियां देखने को मिलती हैं, जिनके लिए मात्र दो मिनट का वक्त भी पर्याप्त है। मात्र 18 माह में ही 2,000 से अधिक कहानियों को एप में शामिल किया जा चुका है। इस सूत्रधार के कहानीकार हैं गौरव तिवारी। आइआइटी मुंबई से पढ़ाई कर चुके गुरुग्राम के गौरव को इस एप की प्रेरणा मिली अपनी ही बेटी से। गौरव बताते हैं, 'बीते कई वर्षों से बच्चों को विदेशी कहानियां ही सुनने-देखने को मिल रही हैं। ऐसे में मुझे लगा कि हमारे पास डिज्नी या मार्वल से ज्यादा बेहतर कहानियां हैं। हमारे पुराणों में जो कहानियां हैं, उनमें जीवन की सीख दी गई है। मगर टीवी या फिल्मों की वजह से भ्रांतियां ज्यादा बढ़ गई हैं। बच्चे कहानियां सुनना चाहते हैं, लेकिन उन्हें अपनी कहानियां मिलती ही नहीं। ऐसे में हमारा विचार यही था कि पुराणों और इतिहास की गौरवशाली कहानियों को सरल तरीके से बच्चों तक पहुंचाई जाएं। यहां तक कि इन पुराण-कथाओं के कई किस्से तो बड़े लोगों को भी नहीं पता। ऐसे में हमारा एप न सिर्फ बच्चों बल्कि बड़े लोगों के लिए भी काम के साबित हो सकते हैं।'

एप की शुरुआत करने को लेकर वे आगे कहते हैं, 'मैं कई तरह की नौकरियां कर चुका था, मगर कुछ अलग करने की इच्छा मन में थी। ऐसे में अपने पुराणों की कहानियां लोगों तक पहुंचाने के विचार ने मुझे सबसे ज्यादा स्ट्राइक किया। लाकडाउन के दौरान मैंने फेसबुक पर कई वीडियो और कंटेट डाले, जिसे लोगों ने पसंद किया। अब चूंकि मोबाइल हर किसी की पहुंच में आ चुका है, ऐसे में हमने मोबाइल एप ही बनाने का निर्णय लिया। तब अक्टूबर 2020 में मैंने अपने दो और दोस्तों के साथ मिलकर इस एप की शुरुआत की। जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, उडिय़ा और मराठी भाषाओं में देसी कहानियां उपलब्ध हैं।'

आगामी दिनों की योजनाओं को लेकर गौरव बताते हैं, 'हमारे बच्चे विदेशी खिलौनों से ही खेलते हैं। मैं तो चाहता हूं कि बच्चे हमारी कथाओं से इंस्पायर खिलौने पसंद करें। तो हम ऐसे खिलौने भी लाने वाले हैं। साथ ही कुरुक्षेत्र बैटल ग्राउंड बोर्ड गेम, पंचतंत्र जिग्सा पजल भी लांच किए जाएंगे। हम भारत को विश्व गुरु बनाना चाहते हैं, मेरा मानना है कि जब विदेशी बच्चे भारतीय कहानियों और संस्कृति को जानकर हमारे त्योहार भी उसी उत्सुकता से मनाने लगेंगे, तब हम वाकई विश्व गुरु बन जाएंगे।


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