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Mango Variety In India: भारत में आम की कितनी किस्में? ऐसे करें इनकी पहचान

Mango Variety In India दुनियाभर में आम की 1500 से ज्यादा किस्में हैं। इनमें से भारत में 1000 किस्में उगाई जाती हैं। इन किस्मों की अपनी अलग ही पहचान महक और स्वाद होते हैं। ऐसे में आपको आम के कुछ लोकप्रिय किस्मों के बारे में बताएंगे

By Saloni UpadhyayEdited By: Saloni UpadhyayUpdated: Sun, 18 Jun 2023 08:17 AM (IST)
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Mango Variety In India: इस तरह करें आम की पहचान

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Mango Variety In India: वैसे तो इस मौसम में कई फल मिलते हैं, लेकिन गर्मियों में लोगों को बेसब्री से फलों के राजा आम का इंतजार रहता है। लोग इस फल को बड़े शौक से खाते हैं। साथ ही इसका उपयोग कई व्यंजन बनाने के लिए भी किया जाता है। इससे खट्टी-मीठी चटनी, शेक, अचार और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते हैं।

माना जाता है कि दुनियाभर में आम की 1500 से ज्यादा किस्में हैं। इनमें से भारत में 1000 किस्में पाई जाती हैं। इन किस्मों की अपनी अलग ही पहचान, महक और स्वाद होते हैं। ऐसे में आपको आम के कुछ लोकप्रिय किस्मों के बारे में बताएंगे, जिन्हें काफी शौक से खाया जाता है। तो चलिए जानते हैं, भारत में मिलने वाले  अलग-अलग प्रकार के आमों के बारे में-

तोतापरी आम

तोतापरी, इस नाम से ही पता चलता है कि इस आम की आकृति तोते की तरह होती है। जी हां, यह आम पकने के बाद भी हरा रंग का नजर आता है, तो वहीं पीले शेड के साथ यह तोते की तरह दिखाई देता है। खासकर ये किस्म आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक में पाई जाती है। तोतापरी बाकी आमों की तरह इतने मीठे और रसीले नहीं होते हैं, लेकिन आप इसे चटनी, अचार या सलाद में शामिल कर सकते हैं।

हापुस आम

आम की यह खास किस्म महाराष्ट्र में पाई जाती है। इसके अलावा इसकी खेती कर्नाटक और गुजरात के कुछ हिस्सों में भी की जाती है। रिपोर्ट्स की मानें तो यह आम की सबसे महंगी वैरायटी है, जिसे दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी एक्सपोर्ट किया जाता है। इस आम में कोई रेशे नहीं होते हैं। इसका रंग केसरिया होता है। हापुस आम की सुंगध ही अलग होती है।

सिंधूरा आम

वैसे तो हर पके आम रसीले होते हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि उनका स्वाद भी मीठा हो। इन्हीं आमों में शामिल है सिंधूरा आम। इस आम में मिठास के साथ थोड़ी खटास भी होती है। हालांकि, ये आम शेक बनाने के काम आ सकता है। इसका रंग लाल और हरा होता है।

चौसा आम

आम की यह किस्म उत्तर भारत में पाई जाती है, लेकिन बिहार में यह आम ज्यादा लोकप्रिय हैं। इस आम से जुड़ा एक इतिहास भी है। माना जाता है कि चौसा आम को सोलहवीं शताब्दी में शेर शाह सूरी ने अपने शासनकाल में पेश किया था। मानसून में आम की यह किस्म ज्यादा मिलती है।

बीजू आम

आम की यह किस्म झारखंड में पाई जाती है। इसे झारखंड की पहचान भी कहा जाता है। ये आम छोटे साइज में पाए जाते हैं। बीजू आम बहुत ही रसीला और मीठा होता है, लेकिन इनमें रेशे मौजूद होते हैं। इस आम से अमचूर, अमावट और अचार बनाया जा सकता है।

केसर आम

यह आम की सबसे महंगी किस्म है। केसर आम अहमदाबाद और गुजरात में ज्यादा पाया जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस किस्म की खेती पहली बार 1931 में जूनागढ़ के नवाबों द्वारा की गई थी और एक-दो साल बाद इसे केसर का नाम दिया गया था। इस किस्म की विशेषता है कि इसकी महक केसर जैसी होती है।

लंगड़ा आम

लंगड़ा आम, यह नाम सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है। यह आम की फेमस किस्म है। इस की खेती उत्तर प्रदेश के बनारस में की जाती है। आप इस आम का लुत्फ जुलाई से अगस्त तक उठा सकते हैं। यह आम पकने के बाद भी हरे रंग का नजर आता है।

मालदा आम

मालदा आम का स्वाद खट्टा-मीठा होता है। इसे बिहार में 'आमों का राजा' भी कहा जाता है। लोग इस आम का इस्तेमाल चटनी बनाने के लिए करते हैं। यह अन्य आमों की तुलना में काफी पतला होता है और इसकी महक बहुत मीठी होती है।

सफेदा आम

सफेदा आम, इसे बंगनपल्ली के नाम से भी जाना जाता है। आम की इस किस्म की उत्पत्ति आंध्र प्रदेश में हुई थी। इस फल का छिलका हल्का हरे रंग के साथ पीला होता है। इस आम में काफी रेशे होते हैं। यह लंबे आकार का होता है।

बादामी आम

बादामी आम को कर्नाटक का अल्फांसो भी कहा जाता है। यह किस्म कर्नाटक में उगाई जाती है। बादामी आम को जूस बनाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।