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Gandhi Jayanti 2022: जानें, क्यों मनाई जाती है गांधी जयंती और क्या है इसका महत्व

Mahatma Gandhi Jayanti 2022 साल 1916 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे। इसके बाद उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कांग्रेस के नेता बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु के पश्चात गांधी जी कांग्रेस के मार्गदर्शक बने।

By Pravin KumarEdited By: Updated: Sat, 01 Oct 2022 12:24 PM (IST)
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Gandhi Jayanti 2022: जानें, क्यों मनाई जाती है गांधी जयंती और क्या है इसका महत्व
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Gandhi Jayanti 2022: हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। इस दिन महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। उनके जन्मदिन के उपलक्ष पर देश और दुनिया में गांधी जयंती मनाई जाती है। लोग प्यार से गांधी जी को बापू भी कहते हैं। इन्हें राष्ट्रपिता की उपाधि भी प्राप्त है। इतिहासकारों की मानें तो देश की आजादी में गांधीजी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके अथक प्रयास के चलते ही देश को अंग्रेजों के चुंगल से मुक्ति मिली। आइए, बापू की जीवनी के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं-

गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इनके पिता जी का नाम करमचंद गांधी और माता जी का नाम पुतलीबाई था। पिताजी करमचंद गांधी का संबंध पंसारी जाति से था। तत्कालीन समय में वे पोरबंदर के दीवान यानी प्रधानमंत्री थे।

13 वर्ष की आयु में गांधीजी की शादी कस्तूरबा गांधी से हुई थी। उस समय कस्तूरबा गांधी की उम्र 14 वर्ष थी। वहीं, सन 1887 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके अगले वर्ष 1888 में उन्होंने भावनगर के श्यामल दास कॉलेज में एडमिशन लिया। यहीं से उन्होंने डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वे लंदन चले गए। वहां से उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी की। साल 1916 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे। इसके बाद उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कांग्रेस के नेता बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु के पश्चात गांधी जी कांग्रेस के मार्गदर्शक बने। अंग्रेजों से भारत को मुक्ति दिलाने के लिए उन्होंने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन किया।

असहयोग आंदोलन के दौरान चोरा चोरी कांड के कारण गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया था। इस बारे में उन्होंने कहा था कि हमें आंदोलन के दौरान हिंसा का सहारा नहीं लेना था। इसके लिए हम आंदोलन वापस ले रहे हैं। गांधी जी द्वारा 12 मार्च सन 1930 को गुजरात के अहमदाबाद शहर से दांडी यात्रा की शुरुआत की। यह यात्रा 5 अप्रैल 29 तक चली। सन 1942 गांधीजी ने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया। इस आंदोलन में बच्चे, बूढ़े और जवान सभी शामिल हुए। समस्त देशवासी ने गांधीजी का पूर्ण सहयोग किया। इसके चलते आंदोलन सफल रहा। आंदोलन के भारत की आजादी की नींव रखी गई। वहीं, 5 वर्ष पश्चात 1947 में देश को आजादी मिली। साल में गांधीजी की हत्या कर दी गई।

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