Govardhan Puja 2022 गोवर्धन पूजा (जिसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है)दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है।गोवर्धन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा। जानें आखिर क्यों इस साल एक दिन आगे खिसका गोवर्धन का यह त्योहार।
By Babli KumariEdited By: Updated: Tue, 25 Oct 2022 10:39 AM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Govardhan Puja 2022 Shubh Muhurat दिवाली के अगले दिन, गोवर्धन पूजा (जिसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है) मनाई जाती है। परंपरा यही है कि दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन भगवान की पूजा होती है। शास्त्रों के मुताबिक, कार्तिक माह में अमावस्या के दूसरे दिन प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का महत्व बताया जाता है। गोवर्धन पूजा में अन्नकूट बनाना शामिल है और गोवर्धन की आकृति बनाने के लिए गाय के गोबर का उपयोग किया जाता है।
कब है गोवर्धन पूजा ?
इस तरह गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को होनी थी क्योंकि दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई गई। हालांकि हर तिथि दो दिन पड़ने की वजह से और 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने की वजह से आज यानी 25 तारीख को गोवर्धन पूजा करना मुश्किल है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार सूर्य ग्रहण ग्रस्तात होगा, जिसके चलते उसकी शुद्धि अगले दिन सूर्योदय के बाद होगी।
कब कर सकते हैं गोवर्धन पूजा? (When to Celebrate Govardhan Puja 2022)
इस साल 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है और ग्रहण के समय सूतक लग जाता है, ऐसे में कोई पूजा नहीं की जाती है। इसलिए 26 अक्टूबर को ही पूजा का मुहूर्त रहेगा।
गोवर्धन पूजा 2022 की तिथि (Govardhan Puja 2022 Date and Time)
गोवर्धन पूजा इस साल मंगलवार, 25 अक्टूबर 2022 को मनाई जाती। हालांकि इस दिन सूर्य ग्रहण भी लगा है, इसलिए इस साल गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन नहीं बल्कि बुधवार 26, अक्टूबर 2022 को होगी।
गोवर्धन पूजा 2022 विधि / मुहूर्त (Govardhan Puja 2022 Vidhi and Muhurta)
पूजा विधि / मुहूर्त का समय गोवर्धन पूजा हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक माह की प्रतिपदा तिथि को की जानी चाहिए।
इस वर्ष की गोवर्धन पूजा का मुहूर्त, जिसे अन्नकूट पूजा के रूप में भी जाना जाता है, 26 अक्टूबर को 06:29 से 08:43 तक है। इस दिन भगवान इंद्र को भगवान कृष्ण ने पराजित किया था।
गोवर्धन पूजा 2022 का महत्व (Govardhan Puja 2022 Significance )
बता दें कि भगवान इंद्र जब क्रोधित हो गए थे जब श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों से गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा करने को कहा। इसके बाद अपने क्रोध में इंद्र ने ऐसी मूसलाधार वर्षा की कि ब्रजवासियों का जीवन संकटमय हो गया। तब श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों और पशुओं की रक्षा के लिए अपनी छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठा लिया।
उन्होंने इस पर्वत के नीचे सात दिनों तक शरण ली। यही कारण है कि गोवर्धन पूजा के दौरान लोग इस पर्वत को गाय के गोबर से तराश कर उसकी सात बार परिक्रमा करते हैं।
गोवर्धन पूजा 2022 के लिए पूजा सामग्री (Govardhan Puja 2022 Pooja Samagri)
देवता को अर्पित की जाने वाली मिठाई, अगरबत्ती, फूल, ताजे फूलों से बनी माला, रोली, गोवर्धन पूजा सामग्री की सूची में चावल और गाय का गोबर सभी शामिल हैं। छप्पन भोग, जिसमें 56 विभिन्न खाद्य पदार्थ होते हैं, तैयार किया जाता है, और पंचामृत शहद, दही और चीनी का उपयोग करके बनाया जाता है।
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