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Guidelines for Pet Dogs: अगर आप भी हैं पेट्स ओनर, तो जानें देश में पालतू जानवरों को लेकर क्या है कानून

Guidelines for Pet Dogs भारत में पेट लवर्स की कमी नहीं है। अगर आप सुबह या शाम वॉक करने जाते होंगे तो पार्क में कई पेट लवर्स को देखते होंगे। हालांकि पेट्स रखना कोई आसान काम नहीं है। बेजुबानों की फीलिग को समझना उनकी देखभाल करना बहुत बड़ी बात है लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जो जानवरों के साथ अत्याचार करते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Saloni UpadhyayUpdated: Mon, 24 Jul 2023 06:45 PM (IST)
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Guidelines for Pet Dogs: जानिए भारत में पालतु जानवरों को लेकर क्या है कानून
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Guidelines for Pet Dogs: देश में कई लोग पेट लवर्स हैं। ज्यादातर लोगों ने घरों में कुत्ते, बिल्ली पाले हुए हैं। देश में लगातार कुत्तों के काटने की खबरें आती रहती है। इसके साथ ही कई बार जानवरों के साथ हुए अत्याचार की भी खबरें आती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, देश में जानवरों के लिए भी कानून बनाए गए हैं। भारतीय संविधान की धारा 51(ए)जी के अनुसार सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया दिखाना सभी नागरिकों का मौलिक कर्तव्य है। एनिमल वेलफ़ेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया (AWBI) ने कुत्तों के मालिकों के साथ-साथ रेसिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन (RWA) के लिए कुत्तों को अपार्टमेंट में रखने के भी कुछ कानून बताए हैं।

किराएदार अपार्टमेंट में पेट्स रखने को मना नहीं कर सकते

अगर आपकी हाउसिंग सोसाइटी आपसे अपने पालतू जानवर को हटाने की बात करती है, तो आप अपनी सोसाइटी की अथॉरिटी के खिलाफ एक्शन ले सकते हैं। एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया का कहना है कि अगर सोसाइटी अथॉरिटी किसी भी व्यक्ति को अपने पालतू को हटाने के लिए कहती है, तो अथॉरिटी पर सेक्शन 11 के तहत जानवरों के खिलाफ क्रूरता की धारा लग सकती है।

भौंकने पर नहीं लगता जुर्माना

एनिमल वेलफ़ेयर बोर्ड ऑफ इंडिया के अनुसार कुत्ते के भौंकने के खिलाफ कोई मामला नहीं बनाया जा सकता, क्योंकि यह कुत्ते की सामान्य प्रक्रिया है।

पेट्स भी कर सकते हैं लिफ्ट का इस्तेमाल

एनिमल वेलफ़ेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया के अनुसार कोई सोसाइटी कुत्ते को लिफ्ट में लाने या ले जाने पर अतिरिक्त शुल्क नहीं लगा सकती और न ही मना कर सकती है।

पार्क में ले जाने की नहीं है मनाही

एनिमल वेलफ़ेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया के अनुसार आप अपने कुत्ते और बिल्ली को पार्क या गार्डन में लेकर जा सकते हैं। इसके लिए आपको सोसाइटी मना नहीं कर सकती। हालांकि सोसाइटी इसके लिए एक निश्चित समय निर्धारित कर सकती है।

डॉग के काटने पर होगी कानूनी कार्रवाई

अगर किसी व्यक्ति को डॉग काट लेता है और उस डॉग का कोई मालिक है, तो उसके खिलाफ पीड़ित आइपीसी की धारा 289 के तहत कार्रवाई कर सकता है। इससे मालिक को 6 माह तक की जेल और एक हजार रुपये से लेकर तय सीमा तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

Picture Credit: Freepik

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