Cheese: कई साल पहले गलती से हुई थी चीज़ की खोज,ऐसे बना सबका फेवरेट
Cheese आज के समय में चीज़ एक बेहद लोकप्रिय फूड आइटम बन चुका है जिसके बिना कुछ खास तरह की डिशेज बिल्कुल बेस्वाद लगती हैं। इनमें खासतौर से पिज़्ज़ा बर्गर पास्ता और सैंडविच शामिल है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर दूध से बनने वाले इस चीज़ की शुरूआत कहां से और कैसे हुई होगी? इस आर्टिकल में हम यही जानने की कोशिश करेंगे।
By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Sun, 23 Jul 2023 11:54 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Cheese: 'चीज़' निश्चित रूप से बड़ी ही स्वादिष्ट चीज है। इसका उत्पादन इतिहास के पन्नों दर्ज होने से भी पहले का है। माना जाता है कि इसकी खोज संभवतः भेड़, बकरी, गाय और भैंस जैसे जुगाली करने वाले जानवरों को चराते हुए चरवाहों ने दुर्घटनावश की थी। जब रेफ्रिजरेटर का आविष्कार नहीं हुआ था तब दूध को संरक्षित करने के लिए चीज एक तरीका बन गया। इसके अभी तक सबूत नहीं हैं कि चीज की खोज सबसे पहले कहां हुई थी। हालांकि, प्रारंभिक चीज के निर्माण के प्रमाण मध्य पूर्व, यूरोप और मध्य एशिया में प्रचलित हैं।
कहां से आई चीज़?
ऐसा माना जाता है कि चीज की खोज सबसे पहले 8000 ईसा पूर्व के आसपास हुई थी, जब भेड़ और बकरियों के पेट और ब्लैडर जैसे अन्य अंगों का इस्तेमाल दूध समेत अन्य लिक्विड चीजों को स्टोर करने के लिए किया जाता था। इन अंगों में रेनेट नाम का एक एंजाइम होता है, जो दूध को प्राकृतिक रूप से जमाने का काम करता था। इसके अलावा इसमें लैक्टिक एसिड भी मौजूद होता है। इससे दूध फर्मेंट होकर जम जाता था। इस दूध के दही को छान लिया गया और अतिरिक्त संरक्षण के लिए इसमें नमक मिलाया गया और इस तरह एक डेयरी प्रोडक्ट का इजाद हुआ, जिसे आज "पनीर" के रूप में जाना जाता है।
प्रारंभिक रोमन ग्रंथों में वर्णन किया गया है कि प्राचीन रोमन लोग अक्सर चीज का आनंद कैसे लेते थे। उन्होंने विभिन्न प्रकार की चीज़ का आनंद लिया और चीज़ बनाने को एक कला माना जाने लगा। चीज़ शब्द लैटिन शब्द केसियस से आया है, जिसका मूल प्रोटो-इंडो-यूरोपीय मूल क्वाट से लिया गया है, जिसका मतलब है फर्मेंट होना या खट्टा होना।यूरोपीयन चीज़ क्या है?
जैसे-जैसे चीज़मेकिंग उत्तरी यूरोप की ठंडी जलवायु में फैलता गया, इसके संरक्षण के लिए कम नमक की आवश्यकता होती गई। इस तरह चीज़ की क्रीमी, हल्की वैरायटी सामने आईं। इन ठंडे वातावरण में पुरानी, पकी और ब्लू चीज का भी आविष्कार हुआ। आज हम जिन चीज़ों से परिचित हैं उनमें से कई (चेडर, गौडा, परमेसन, कैमेम्बर्ट) चीज का उत्पादन पहली बार मध्य युग के दौरान यूरोप में किया गया था।
मॉडर्न चीज़ क्या है?स्विट्जरलैंड में 1815 तक चीज़ का बड़े पैमाने पर उत्पादन नहीं हुआ था, लेकिन इस समय पहली बार यहां चीज़ बनाने की फैक्ट्री लगी। इसके तुरंत बाद, वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि बड़े पैमाने पर रेनेट का उत्पादन कैसे किया जाए और इसका फिर इसका औद्योगीकरण जंगल की आग की तरह हर तरफ तेजी से फैल गया।पाश्चुराइजेशन ने सॉफ्ट चीज़ को सुरक्षित बनाने का काम किया, जिससे टीबी, साल्मोनेलोसिस (साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया से संक्रमण), लिस्टेरियोसिस (एक गंभीर संक्रमण जो आमतौर पर लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स बैक्टीरिया से दूषित भोजन खाने से होता है) और ब्रुसेलोसिस (बैक्टीरिया से होने वाला एक संक्रामक रोग) फैलने का खतरा कम हो गया। कच्चे दूध से बने चीज़ आज भी हानिकारक हो सकते हैं और इसलिए गर्भवती महिलाओं को इनसे सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
अमेरिकी फूड इंडस्ट्री ने पैश्चराइज्ड चीज़ के आविष्कार से क्रांति लाई और लोगों को आसानी से सस्ता चीज़ लगातार मिलने लगा। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पैश्चराइज्ड चीज़ का जबरदस्त उत्पादन हुआ क्योंकि इस समय से अमेरिकियों ने नेचुरल चीज़ की तुलना में पैश्चराइज्ड चीज़ का अधिक सेवन किया।