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History Of Jalebi: जलेबी की तरह ही है इसका घुमावदार इतिहास, जानिए इस स्वादिष्ट मिठाई की कैसे हुई शुरुआत

History Of Jalebi बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी इस मिठाई को खाना पसंद करते हैं यह दुनिया की सबसे प्रसिद्ध मिठाईयों में से एक है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है जलेबी आखिर भारत में कैसे आई और इसका कितना साल पुराना इतिहास है?

By Saloni UpadhyayEdited By: Saloni UpadhyayUpdated: Wed, 14 Jun 2023 05:21 PM (IST)
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History Of Jalebi: जलेबी की तरह ही है इसका घुमावदार इतिहास

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। History Of Jalebi: हम सब की जिंदगी में कई उलझनें होती हैं।कभी कैरियर की, तो कभी रिश्तों को लेकर उलझन। लेकिन हर उलझन की एक फिलॉसफी होती है, जो हमें उस उलझन में भी मीठा अहसास करवाती है, बिल्कुल जलेबी की तरह उलझी हुई मगर मीठी। जलेबी दुनिया की सबसे प्रसिद्ध मिठाईयों में से एक है। इसे भारत की राष्ट्रीय मिठाई का भी दर्जा दिया गया है। जलेबी से हमारा नाता सिर्फ स्वाद का ही नहीं है, बल्कि मेला, बाजार , हाट, उत्सव-महोत्सव, उत्साह और उल्लास में हमारी भावनाओं की चाशनी में जलेबी हमेशा मिठास घोलती है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, अपकी फेवरेट मिठाई जलेबी आखिर भारत में कैसे आई और इसका कितना साल पुराना इतिहास है? तो चलिए जानते हैं, देश की राष्ट्रीय मिठाई से जुड़ी दिलचस्प बातें।

क्या है जलेबी का इतिहास

इतिहासकारों के मुताबिक़ जलेबी ईरानी मिठाई जलाबिया या जुलबिया की बहन है। एक रिपोर्ट के अनुसार 10वीं सदी की एक पुस्तक 'किताब-अल-तबीख' में जलेबी का उल्लेख मिलता है। करीब 500 साल बाद जैन लेखक जिनासुर की किताब 'प्रियंकरनरपकथा' में भी कुछ इसी तरह की मिठाई का जिक्र है। सम्भवतः जलेबी अरबी आक्रमणकारियों के साथ भारत आई।

भारत में पहली बार गुप्त कालीन शासन में 'जल्लवा' नाम की मिठाई का जिक्र है। दावा किया जाता है कि इसे ही बाद में जलेबी कहा जाने लगा। खैर जलेबी का इतिहास कितना भी धूमिल हो, लेकिन इसका वर्तमान तो स्वाद से भरा है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में यह मिठाई बड़े चाव से खाई जाती है।

कैसे तैयार की जाती है जलेबी

आम तौर पर मैदे से जलेबी तैयार की जाती है, लेकिन देश और दुनिया के कई हिस्सों में इसे बनाने के लिए चावल का आटा, गेहूं का आटा, सूजी और बेसन का भी इस्तेमाल किया जाता है।

जलेबी बनाने के लिए आटे (मैदा), इलायची पाउडर और केसर आदि का इस्तेमाल कर मोटा घोल तैयार किया जाता है। इसे एक मलमल के कपड़े के कोने में रखा जाता है। जिसमें एक छोटा-सा छेद होता है । फिर रिफाइंड तेल या घी को गर्म कर जलेबी को सुनहरे-भूरे रंग में डीप फ्राई करते हैं। चीनी की चाशनी में इसे भिगो देते हैं। लोग इसे ठंडी रबड़ी के साथ खाना पसंद करते हैं।

हालांकि समय के साथ-साथ जलेबी के भी नए-नए वर्जन आते रहते हैं। अलग-अलग फ्लेवर में, भिन्न-भिन्न रंगों में और कई तरह की साइज में। विभिन्न जगहों पर अलग-अलग ढंग से जलेबी खाई जाती हैं। कहीं दही से, कहीं दूध से तो कहीं मलाई आदि से जलेबी का जायका लिया जाता है।

जलेबी के हैं कई नाम

उत्तर भारत में इस मिठाई को जलेबी नाम से जाना जाता है, तो वहीं दक्षिण भारत में इसे ‘जिलेबी' कहते हैं। बंगाल में जलेबी को ‘जिल्पी’ के नाम से जाना जाता है।

ये हैं जलेबी की खास किस्में

जलेबी की कई किस्में भी हैं। ये भारत के अलग-अलग राज्यों में काफी मशहूर हैं।

  • आंध्र प्रदेश की इमरती
  • बंगाल में 'चनार जिल्पी
  • हैदराबाद का खोवा जलेबी
  • मध्य प्रदेश की मावा जंबी
  • इंदौर के बड़े जलेबा

Pic Credit: Freepik