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Yoga History: जानें, योग की शुरुआत कब हुई और कैसे यह अन्‍य देशों तक पहुंचा

International Yoga Day 2022 सनातन धर्म के अनुसार भगवान शिव सबसे बड़े योग हैं। उन्हें ही योग गुरु माना जाता है। इसके बाद वैदिक ऋषि-मुनियों ने योग की शुरुआत की। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने योग को विस्तार रूप दिया।

By Pravin KumarEdited By: Updated: Sun, 19 Jun 2022 10:34 AM (IST)
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Yoga Day 2022 जानें, योग की शुरुआत कब हुई और कैसे यह अन्‍य देशों तक पहुंचा

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Yoga History: हर साल 21 जून को दुनियाभर में एक साथ अंतरराष्ट्रीय योग मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग के प्रति जागरूक करना है। इस साल योग दिवस का थीम 'मानवता के लिए योग' ('Yoga for Humanity') है। इसे पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 21 जून, 2015 को मनाया गया था। इसके बाद से यह हर साल 21 जून को मनाया जाता है। विद्वानों में योग की शुरुआत को लेकर मतभेद हैं। कुछ विद्वान यानी इतिहासकारों का कहना हैं कि इसकी शुरुआत 500 ईशा पूर्व हुई है। हालांकि, इतिहास के पन्नों को पलटने से पता चलता है कि सिंधु घाटी की सभ्यता से प्राप्त वस्तुओं में भी योग की मुद्राएं देखी गई हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि योग की शुरुआत 5000 वर्ष पूर्व हुई है। आइए जानते हैं कि योग की शुरुआत कैसे हुई और यह अन्‍य देशों तक कैसे पहुंचा-

धार्मिक दृष्टिकोण

सनातन धर्म शास्त्रों की मानें तो एक साल में दो आयन होते हैं, जो क्रमशः उत्तरायण और दक्षिणायन हैं। 14 जनवरी से लेकर 20 जून तक सूर्य उत्तरायण रहता है। वहीं, 20 जून से सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। ऐसा माना जाता है की सूर्य के दक्षिणायन रहने पर दिन छोटे होने लगते हैं। साथ ही इनदिनों पूजा, जप, तप और योग करने से दुःख और दर्द दूर हो जाते हैं। इसके लिए सूर्य के दक्षिणायन होने के उपलक्ष्य पर योग मनाया जाता है।

कब हुई योग की शुरुआत

सनातन धर्म के अनुसार, भगवान शिव सबसे बड़े योग हैं। उन्हें ही योग गुरु माना जाता है। इसके बाद वैदिक ऋषि-मुनियों ने योग की शुरुआत की। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने योग को विस्तार रूप दिया। वहीं, गौतम बुद्ध और महावीर जी ने भी योग को अपनाया। आधुनिक समय में ऋषि पंतजलि ने योग को व्यवस्थित रूप दिया। वहीं, सिंधु सभ्यता के समय भी योग के प्रत्यक्ष प्रमाण मिले हैं। इससे यह पता चलता है कि द्वापर युग के बाद सिंधु सभ्यता में भी लोगों ने योग को अपनाया था।

अन्‍य देशों तक कैसे पहुंचा

आधुनिक समय में स्वामी विवेकानंद जी ने साल 1893 में अमेरिका के शिकागो शहर में आयोजित धर्म सम्मेलन में विश्व को योग और योग के फायदे से परिचित कराया। इसके बाद, परमहंस योगानंद महाराज समेत कई अन्य धर्म गुरुओं ने योग को विश्व तक पहुंचाया। इसके बाद, साल 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सभी देशों ने बिना मतदान के स्वीकार कर लिया। उस समय से हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।