Jawaharlal Nehru Jayanti 2022: आज है नेहरू जयंती, जानें देश के पहले प्रधानमंत्री से जुड़ी रोचक बातें
Jawaharlal Nehru Jayanti 2022 पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को तत्काल इलाहाबाद में हुआ। उनके पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरू था जो कश्मीरी पंडित थे। उनकी माता स्वरूपरानी कश्मीरी पंडित थी। बड़ी बहन विजयालक्ष्मी संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी।
By Pravin KumarEdited By: Updated: Mon, 14 Nov 2022 02:58 PM (IST)
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Jawaharlal Nehru Jayanti 2022: देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती देशभर में मनाई जा रही है। आज के दिन यानी 14 नवंबर, 1889 को पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था। उनके सम्मान में ही नेहरू जयंती पर बाल दिवस मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बेहद लगाव था। बच्चे भी उन्हें बेहद पसंद करते थे। इसके लिए उन्हें प्यार से 'चाचा जी' कहकर पुकारते थे। आइए पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जीवनी संक्षेप में जानते हैं-
पंडित जवाहरलाल नेहरू की जीवनीपंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को तत्कालीन इलाहाबाद में हुआ। उनके पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरू था, जो कश्मीरी पंडित थे। उनकी माता स्वरूपरानी कश्मीरी पंडित थी। पंडित जवाहरलाल नेहरु की दो बहनें थी। बड़ी बहन विजयालक्ष्मी संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी। छोटी बहन कृष्णा प्रसिद्ध लेखिका बनीं, जिन्होंने अपने जीवन में कई रोचक और ज्ञानवर्धक पुस्तकें लिखीं।
बाल्यावस्था से ही पंडित जवाहरलाल नेहरु जी प्रतिभा के धनी थे। विश्व के प्रसिद्ध स्कूलों और कॉलेजों से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। चाचा नेहरू इंग्लैंड में 7 साल तक रहें। इस दौरान उन्होंने फेबियन समाजवाद और आयरिश राष्ट्रवाद का समर्थन किया। इसके बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत लौट गए।यहीं से उन्होंने वकालत शुरू की। साल 1916 में उन्होंने कमला नेहरू से शादी की। इसके अगले साल पंडित नेहरू होमरूल लोग में शामिल हुए। यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई। उन्होंने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा।
पंडित नेहरू ने 26 जनवरी, 1930 को रावी नदी के तट पर पहली बार स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया था। उस समय उन्होंने भारत की आजादी का भी संकल्प लिया था। विषम परिस्थिति में भी उन्होंने अपने हौसले को खोने नहीं दिया। देश की आजादी में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के चलते उन्हें कई बार कांग्रेस पार्टी की कमान भी सौंपी गई। भारत की आजादी में पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का विशेष योगदान रहा है। अथक प्रयास के चलते ही भारत के आजादी के पश्चात उन्हें प्रधानमंत्री चुना गया। 27 मई, 1964 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दुनिया को अलविदा कह दिया।