Jeera: खाने में स्वाद जोड़ने वाला जीरा कहां से आया? फायदे से लेकर प्रकार तक जानें सबकुछ
Jeera भारतीय रसोई में प्रमुखता से इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में से एक है जीरा। क्या आप जानते हैं कि जीरा कहां से आया और इसका इतिहास क्या है। इसके अलावा यह भी जानते हैं कि जीरा के फायदे क्या हैं।
By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Fri, 02 Jun 2023 06:58 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Jeera: हर मसाले का अपना एक अलग स्वाद और सार होता है, जो किसी भी डिश में एक अलग फ्लेवर और खुशबू जोड़ने का काम करते हैं। ऐसा ही एक मसाला है 'जीरा'। जीरे की सबसे बड़ी खासियत यह कि इसे हर डिश में इस्तेमाल किया जाता है और ये दुनिया भर में काफी लोकप्रिय है। जीरा एक फूल वाले पौधे से आता है, जो कि हर रसोई में पाया जाने वाला एक लोकप्रिय मसाला बन चुका है।
भारतीय रसोई में तो जीरा वैसे भी हर डिश में प्रमुखता के साथ इस्तेमाल किया जाता है। चाहे ग्रेवी तैयार करनी हो, दाल में तड़का लगाना हो, पराठे के लिए डो तैयार करना हो या फिर किसी चटनी में फ्लेवर जोड़ना हो, जीरे का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। तो चलिए जानते हैं कि भारतीय रसोई में अपनी पैठ बनाकर रखने वाले जीरे की शुरुआत कहां से हुई और इसके कितने प्रकार हैं।
जीरा का इतिहास क्या है?
ईस्ट मेडिटेरेनियनरसोई में आम रूप से पाया जाने वाला जीरा मसालों का एक समृद्ध विरासत है, जो पहली शताब्दी ईसा पूर्व से अस्तित्व में है और इसका इस्तेमाल दवाओं के साथ-साथ खाना पकाने के लिए भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। जीरे का इतिहास ईस्ट मेडिटेरेनियन क्षेत्र के लेवांत से की जा सकती है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि एंशिएंट इजिप्ट में, जीरे का इस्तेमाल ममीकरण की प्रक्रिया के लिए प्रेजर्विटिव के रूप में किया जाता था। इतना ही नहीं जीरा उनके लिए काफी पवित्र स्थान रखता है।
यूनानियों के बीच लोकप्रिय
दूसरी ओर, यूनानियों का मानना था कि जीरा 'इच्छा' का प्रतीक है और इसे टेबल स्पाइस के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था। मोरक्को के कुछ हिस्सों में भी इसे खाना बनाने के लिए इस्तेमाल में लिया जाता था। यहां तक कि पहली शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान, सेल्ट्स (मध्य यूरोप में पाए जाने वाले ट्राइब्स) जीरे का इस्तेमाल मछली से बनने वाली डिशेज पकाने के लिए करते थे। प्राचीन लोककथाओं के मुताबिक जीरे को विश्वास और स्मृति के रूप में उपहार मानकर दिया जाता था। इतना ही नहीं, उनकी मान्यता के मुताबिक अगर किसी ने जीरे वाली कोई चीज चोरी करने की कोशिश की, तो उन्हें इसके लिए सजा दी जाती थी।
रोमन सभ्यताजीरे का इतिहास रोमन सभ्यता में भी बड़े पैमाने पर खाना पकाने के मकसद से मिलता है और इसने धीरे-धीरे भारत की ओर अपना रास्ता बना लिया। जीरे का इस्तेमाल मुख्य रूप से खाना पकाने और कई बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है।जीरे की मूल रूप से ईरान और मेडिटेरेनियन क्षेत्र में खेती की जाती है। यहां तक कि बाइबिल में भी जीरे का उल्लेख मिलता है। लेकिन जीरे का सबसे पुराना संदर्भ 5,000 साल पहले इजिप्ट ममीकरण की प्रक्रिया में इस्तेमाल किए जाने को लेकर मिलता है।
जीरे के कितने प्रकार हैं?
जीरा साइमिनमसबसे आम जीरा जो हम सब अपनी रसोई में इस्तेमाल करते हैं, वह है पीले-भूरे रंग के बीज। इनका इस्तेमाल बीज के साथ-साथ पाउडर के रूप में भी किया जाता है। जीरे में गर्माहट और हल्का मीठा स्वाद होता है। जीरा पाउडर को सलाद या रायते के ऊपर छिड़क सकते हैं या फिर सूप में भी मिला सकते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर जीरा पाचन में सुधार के लिए जाना जाता है। कड़वा जीरा या शाह जीराजैसा कि नाम से पता चलता है कि इस जीरे का स्वाद कड़वा होता है और भारतीय संस्कृति में यह एक लोकप्रिय पारंपरिक मसाला है, जिसका मुगल डिशेज और कश्मीरी गैस्ट्रोनॉमी के साथ गहरा संबंध है। यह एक स्वादिष्ट मसाला है, जो न केवल आपके व्यंजनों में रॉयल टच जोड़ता है बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी देता है। यह पाचन संबंधी समस्याएं, सूजन या खांसी जैसी समस्याओं के इलाज में बहुत प्रभावी हो सकते हैं।जीरा का इस्तेमाल कैसे करें?
जीरा का एक अनोखे स्वाद और सुगंध वाला मसाला है, जो कई व्यंजनों में स्वाद जोड़ता है। इनके बीजों का कई प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है। आप इन्हें साबुत या फिर दरदरा कुचला या पाउडर के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।सेहत के लिए फायदे
- एंटीबैक्टीरियल गुण
- कैंसर से बचाव
- कॉलेस्ट्रोल कंट्रोल
- डायबिटीज मैनेज करे
- डाइजेशन में सुधार करे
- वजन कंट्रोल करे