Life Skill: सकारात्मक सोच से आप बना सकते हैं जिंदगी आसान
Life Skill सकारात्मक सोच से जहां कामयाबी मिलती हैं वही नकारात्मक विचार तरक्की के दरवाज़े बंद कर देते हैं। इसी वजह से सफलता की सीढिय़ां चढऩे के लिए आशावादी सोच ज़रूरी हैं। तो इससे कैसे दोस्ती करें जानिए यहां।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइ डेस्क, Life Skill: फुटवेयर्स बनाने वाली एक प्रसिद्घ कंपनी ने अफ्रीका में कारोबार फैलाने के उद्देश्य से अपने दो सेल्समेन को वहां भेजा। कुछ दिनों तक सर्वे करने के बाद दोनों ने कंपनी को अपनी-अपनी रिपोर्ट भेजी। एक ने रिपोर्ट में लिखा, यहां लोग जूते नहीं पहनते, इसलिए व्यापार की कोई संभावना नहीं हैं। वहीं, दूसरे ने कंपनी को बताया, यहां कोई जूते नहीं पहनता, इसलिए बिज़नेस की अच्छी संभावनाएं हैं।
यह किस्सा बताता हैं कि जो व्यक्ति जैसा होता हैं, उसे स्थितियां वैसी ही नज़र आती हैं। आशावादी जहां हर परिस्थिति में अपने लिए संभावनाएं देखते हैं, वहीं निराशावादी हाथ में आया मौका गंवा देते हैं। इसलिए सोच हमेशा सकारात्मक होनी चाहिए। यहीं जि़ंदगी में आगे ले जाता हैं और इसके दम पर ही बड़ी से बड़ी लड़ाई जीती जाती हैं। अगर आप अकसर निराशा के भंवर में फंस जाते हैं और अगर आशावाद बनना चाहते हैं तो यहां बताई जा रही बातें आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती हैं।
नकारात्मकता से बनाएं दूरी
किसी भी हाल में नकारात्मक विचार मन में न आने दें। यदि कभी ऐसा महसूस हो, तो कुछ छोटे-छोटे उपाय आज़माएं। जैसे उन चीज़ों के बारे में सोचें, जो आपको खुशी देते हैं। अपनी उपलब्धियों पर गौर करें। अच्छे कार्यों के लिए अपनी पीठ थपथपाएं। खुशी मिलने के साथ-साथ नकारत्मकता दूर होगी।
ज़्यादा सोच-विचार न करें
ज़्यादा सोच-विचार से तनाव और चिंता बढ़ती हैं। कई बार व्यक्ति डर जाता हैं और तनाव की वजह से बिना प्रयास किए ही परिस्थितियों के आगे समर्पण कर देता हैं। इससे बचने के लिए निराशावादी पूर्वानुमान लगाना बंद करें और समस्या सामने आने पर ही उसका विश्लेषण करें।
बनाएं रोल मॉडल
किसी ऐसे व्यक्ति से मित्रता करें, जिसकी सकारात्मकता आपको प्रभावित करती हो। विपरीत परिस्थितियों में जीत हासिल करने के उसके तरीकों को समझें और उन्होंने अपने जीवन में जगह दें। जब भी मन उदास हो तो उनसे मिलें-बातें करें। मिलना संभव न हो तो फोन, इंटरनेट मीडिया आदि के ज़रिए उनके संपर्क में रहे।
अपने लिए वक्त निकालें
जि़ंदगी में नकारात्मकता पसरने की एक बड़ी वजह खुद के लिए वक्त न निकालना भी हैं। इसके समाधान के लिए तमाम व्यस्तताओं के बावजूद अपने लिए समय निकालें। खुद से बातें करें। शौक को नये आयाम दें। कोई पॉजीटिव थॉट वाली किताब पढ़ें। अपने पसंदीदा गायक के गीत सुनें। नकारात्मकता खुद दूर हो जाएगी।
कुछ ज़रूरी बातें
- हम सभी के पास सुखद यादों और अनुभवों का ऐसा संग्रह होता हैं, जो बड़ी से बड़ी समस्याओं के समाधान में मदद कर सकता हैं। जब भी मन उदास-निराश हो, तो इन पर नज़र दौड़ाएं। कोई न कोई हल ज़रूर निकलेगा।
- कोई चुनौतीपूर्ण कार्य पूरा करने में कठिनाई महसूस हो, तो मन ही मन उसके खत्म होने के बाद मिलने वाली उपलब्धियों के बारे में सोचें। काम में मन लगेगा। मन आशावाद से भर जाएगा।
(लाइफ कोच सुशील कुमार पारे से बातचीत पर आधारित)
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