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Down Syndrome Barbie Doll: बच्चों में समानता विकसित करने के लिए कंपनी ने लॉन्च की डाउन सिंड्रोम वाली गुड़िया

Down Syndrome Barbie Doll मैटल ने अपनी सीरीज को और भी अधिक समावेशी बनाने के लिए डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हुए एक डॉल लॉन्च की है जो बच्चों में दूसरों के प्रति संवेदनशीलता और समानता विकसित करने में मदद करेगी।

By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Fri, 28 Apr 2023 09:15 AM (IST)
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बच्चों में समानता विकसित करने के लिए कंपनी ने लॉन्च की डाउन सिंड्रोम वाली गुड़िया
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Down Syndrome Barbie Doll: बार्बी डॉल कई लोगों के बचपन का अहम हिस्सा रही है। चाहे वह गुलाबी पोशाक में सजी क्लासिक बार्बी डॉल हो या फिर साड़ी में इसका भारतीय वर्जन। हम में से कई लोगों के पास इन गुड़ियों के साथ खेलने की यादें हैं। इतना ही नहीं आज भी बार्बी डॉल का क्रेज बच्चों में काफी ज्यादा है। इस बीच अपनी सीरीज को और भी अधिक समावेशी (बिना भेदभाव किए) बनाने के लिए, टॉय कंपनी मैटल ने डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करते हुए अपनी पहली बार्बी डॉल को लॉन्च किया है।

बार्बी डॉल का ये वर्जन शरीर की स्वीकृति को बढ़ावा देता है। शारीरिक अक्षमताओं वाली बार्बी को मार्केट में लॉन्च करने का मकसद बच्चों को सभी के प्रति समान भावना रखने के बारे में समझाना है। अमेरिकी टॉय कंपनी ने डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करने वाली अपनी पहली बार्बी डॉल को लॉन्च करने के लिए कहा कि मैटेल ने बार्बी बनाने के लिए नेशनल डाउन सिंड्रोम सोसाइटी के साथ सहयोग किया और यह सुनिश्चित किया कि गुड़िया डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्ति का सही प्रतिनिधित्व करे।

कंपनी ने (मैटल) ने 175 लुक वाली बार्बी लाइन जारी की है, जिसमें अलग-अलग आंखों के रंग, बालों के रंग और बनावट, शरीर के प्रकार और दिव्यांग गुड़ियों की पेशकश की गई है। मैटल ने नस्लीय विविधता का प्रदर्शन किया है। इससे पहले कंपनी ने मार्च 2022 में एक "देसी" बार्बी पेश की थी। वहीं साल 2018 में हिजाब पहने हुए भी एक डॉल लॉन्च की गई थी।

डाउन सिंड्रोम क्या है?

डाउन सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति में क्रोमोसोम या क्रोमोसोम का एक अतिरिक्त टुकड़ा होता है। यह प्रति बच्चे के शरीर और मस्तिष्क के विकास के तरीके को बदल देती है। इससे पीड़ित बच्चे जीवनभर मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की चुनौतियों से जूझते हैं। हालांकि, डाउन सिंड्रोम वाले लोग कार्य कर सकते हैं और समान दिख सकते हैं, साथ ही प्रत्येक व्यक्ति में इसकी अलग-अलग क्षमताएं होती हैं।

डाउन सिंड्रोम वाली बार्बी

मैटल ने मंगलवार, 25 अप्रैल को डाउन सिंड्रोम वाली अपनी पहली बार्बी डॉल का अनावरण किया। यह डॉल बार्बी 2023 की फैशनिस्टा लाइन का हिस्सा है।

डाउन सिंड्रोम वाली गुड़िया एक नए चेहरे और शरीर की मूर्तिकला के साथ आती है, जिसमें एक छोटा फ्रेम और एक लंबा धड़ शामिल होता है। मैटल का कहना है कि वे गुड़िया की मदद से सभी बच्चों को खुद को बार्बी में देखने के लिए सक्षम बनाना चाहते हैं।

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एक बच्चे के जीवन में खिलौनों की भूमिका केवल आनंद या मनोरंजन तक ही सीमित नहीं है। खेलने के दौरान, बच्चे अपने आसपास की दुनिया के साथ-साथ अपने बारे में भी बहुत कुछ सीखते है। यहां तक कि बच्चों को खिलौनों के माध्यम से ध्वनि, प्रकाश और रंगों से परिचित कराया जाता है।

जब लड़कियों और लड़कों के खिलौनों की बात आती है, तो पिंक और ब्लू रंग को लेकर अक्सर बहस शुरू हो जाती है। ऐसे ही खिलौनों के माध्यम से बच्चों को विभिन्न जातीयताओं, अक्षमताओं, लिंगों और संस्कृतियों के बारे में भी समझाया जा सकता है, जिससे वे एक जागरूक और समझदार इंसान बन सकें।

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डाउन सिंड्रोम या सुनने की अक्षमता जैसी स्थितियों वाले बच्चों के लिए ये "परफेक्ट बार्बी" है, जिससे वे खुद को प्रतिबिंबित होते हुए देख सकेंगे और इससे उन्हें यह महसूस करने में मदद मिल सकती है कि वे कौन हैं। इसके अलावा नस्लवाद और सौंदर्य की संकीर्ण धारणाओं को समाप्त करने में भी यह खिलौने बच्चे की मदद करेंगे।

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