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अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के प्रेरणादायी व्‍यक्ति‍त्‍व का आईना है यह पुस्तक

यह पुस्‍तक एक साहसी और करिश्माई महिला की कहानी है जो सभी बाधाओं को मात देते हुए आज की राजनीति की विषम परिस्थितियों में भी अपने सिद्धांतों पर अडिग रहती है। कमला स्वयं अपनी मार्गदर्शक हैं जिनसे कई लोग व्यापक समावेशी संसार के निर्माण की आशा रखते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Vivek BhatnagarUpdated: Sat, 22 Oct 2022 09:43 PM (IST)
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कमला हैरिस अपनी सफलता और उपलब्धियों का सर्वाधिक श्रेय अपनी आप्रवासी भारतीय मां को देती हैं।
 कन्‍हैया झा। पिछले साल अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाली कमला हैरिस के बारे में विस्‍तार से जानने के लिए भारत में भी लोग उत्‍सुक रहते हैं। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि अमेरिका जैसे श्‍वेत मूल के वर्चस्‍व वाले देश में किसी विदेशी मूल की अश्‍वेत महिला का उपराष्ट्रपति पद तक पहुंच पाना आसान नहीं है। दूसरे उनकी मां श्यामला गोपालन भारतीय मूल की थीं। ऐसे में हंसा मखीजनी जैन द्वारा लिखी पुस्‍तक ‘अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की बायोग्राफी’ पाठकों का ज्ञानवर्धन करती है।

जब अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन ने इस दौड़ में अपने सहयोगी के तौर पर सीनेटर एवं अटार्नी के पद पर कमला हैरिस के नाम की घोषणा की तो पूरी दुनिया की निगाहें उन पर टिक गईं। जब से बाइडन ने इस पद के लिए कमला के नाम की घोषणा की थी, तभी से कुछ सवाल चर्चाओं में थे कि कमला हैरिस में ऐसा क्या था, जो इस प्रतिष्ठित पद के लिए उन्हें ही चुना गया? वह अपनी सफलता का इतना अधिक श्रेय अपनी आप्रवासी भारतीय मां को क्यों देती हैं?

वह आधुनिक अमेरिका के एक ऐसे देश पर अपनी पकड़ बनाने की कल्पना भी कैसे कर सकीं, जो कई गुटों में बंटा है और जहां चुनाव के दौरान अनेक प्रकार की रणनीतियां अपनाई जाती हैं? इस पुस्‍तक में आपको ऐसे अनेक प्रश्‍नों के उत्तर मिल सकते हैं। कमला हैरिस का यह मत रहा है कि समाज अपराधमुक्‍त तभी हो सकता है, जब सजा से अधिक पुनर्वास पर ध्‍यान दिया जाए।

कुल मिलाकर, यह पुस्‍तक एक साहसी और करिश्माई महिला की कहानी है, जो सभी बाधाओं को मात देते हुए आज की राजनीति की विषम परिस्थितियों में भी अपने सिद्धांतों पर अडिग रहती है। कमला स्वयं अपनी मार्गदर्शक हैं, जिनसे कई लोग व्यापक समावेशी संसार के निर्माण की आशा रखते हैं। उनका प्रेरणादायी व्यक्तित्व विश्वास दिलाता है कि अमेरिका जैसे देश की उपराष्ट्रपति बनने वाली वह अंतिम महिला नहीं होंगी।

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पुस्तक : अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की बायोग्राफी

लेखिका : हंसा मखीजनी जैन

प्रकाशक : प्रभात पेपरबैक्‍स

मूल्य : 300 रुपये

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