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यशोदा और कृष्ण का दिखेगा अनूठा प्रेम

धारावाहिक एक महानायक डाक्टर बी आर आंबेडकर में बाल कलाकार आयुध भानुशाली की मां की भूमिका नेहा जोशी ने निभाई थी। अब 20 सितंबर से एंड टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक दूसरी मां में वह फिर आयुध की मां की भूमिका में नजर आएंगी। उनसे दीपेश पांडेय की बातचीत...

By Keerti SinghEdited By: Updated: Fri, 16 Sep 2022 07:28 PM (IST)
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धारावाहिक दूसरी मां में एक बार फिर ममता बिखेरती नजर आएंगी नेहा जोशी

कलाकार अक्सर दोहराव से बचते हैं, एक बार फिर से आयुध की मां की भूमिका निभाते वक्त आपके मन में यह ख्याल नहीं आया?

जब मुझे पता चला कि इस शो में मुझे आयुध के साथ ही मां की भूमिका निभानी है तो थोड़ा चकित थी मैं। फिर जब इस शो की कहानी और निर्देशक इम्तियाज पंजाबी के बारे में पता चला तो मुझे लगा कि उन्होंने कुछ अच्छा सोचकर ही मुझे इस शो के लिए चुना होगा। उन्होंने एक महानायक डाक्टर बी आर आंबेडकर का भी निर्देशन किया था। यह मेरे लिए एक चुनौती है, क्योंकि पिछले धारावाहिक में भी हम मां बेटे थे और हमारा बहुत गहरा रिश्ता था। इस शो की स्क्रिप्ट में तो यशोदा और उसके सौतेले बेटे कृष्णा का रिश्ता काफी अलग है, लेकिन बतौर कलाकार मुझे एक-एक चीज ध्यान में रखनी पड़ती है कि यशोदा में लोगों को कहीं भी भीमाबाई नहीं दिखनी चाहिए।

शादी करने करने के बाद जिंदगी और जिम्मेदारियों में क्या बदलाव महसूस कर रही हैं?

मैं और मेरे पति ओमकार कुलकर्णी एक-दूसरे को पिछले दस वर्षों से जानते हैं। हम पहले अच्छे दोस्त बने, पिछले छह वर्षों से हमारे बीच प्यार का रिश्ता है, पिछले सात-आठ महीनों से हम लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। हमारे बीच काफी अच्छी आपसी समझ है, इसी वजह से 16 अगस्त को शादी करने के बाद 21 अगस्त को मैं शूटिंग करने जयपुर पहुंच गई। वह जानते हैं कि मेरे लिए अभिनय सिर्फ मेरा काम नहीं, बल्कि मेरी मोहब्बत भी है। (हंसते हुए) जिम्मेदारियां तो अभी कंधे पर आई ही नहीं थीं कि मैं शूटिंग के लिए घर से निकल गई। हां, एक जिम्मेदारी यह महसूस होती है कि अच्छा काम करने के लिए मुझ पर जो विश्वास मेरे पति और स्वजनों ने दिखाया है, मुझे वो करना है।

बदलते दौर के साथ वर्तमान में बच्चों की परवरिश में मां की भूमिका को कैसे देखती हैं?

अपने बच्चे को संस्कार सिखाना, प्यार देना, अच्छे उसूलों से उनकी पहचान कराना, सही और गलत चीजें बताना जैसे काम तो मां हमेशा से करती आई है। पहले बच्चे को पता होता था घर के अंदर जाने पर मां जरूर मिलेगी, लेकिन आज की मां घर संभालने के साथ-साथ दूसरे काम भी कर रही हैं। पहले संयुक्त परिवार में बच्चे बड़े हो जाते थे, उन्हें बड़ा करना नहीं पड़ता था। आज के एकल परिवार के दौर में मां की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं, लेकिन मुझे खुशी है कि आज के मर्द भी बच्चों के पालन-पोषण और घर के हर काम में औरत का साथ बखूबी निभा रहे हैं। मर्दों में यह बदलाव मेरे लिए बहुत मायने रखता है।

आप और आपके पति के बीच यह बदलाव कितना दिख रहा है?

अभी शूटिंग के लिए मैं अपने घर से दूर हूं तो वो ही अच्छी तरह से मेरे घर और दोनों पालतू बिल्लियों का ख्याल रख रहे हैं। घर की कई छोटी-छोटी चीजें हैं, जिनके बारे में उन्हें नहीं पता है, उन चीजों के बारे में पूछने के लिए वह मुझे फोन कर लेते हैं। जिस तरह से वह घर संभाल रहे हैं, यह देखकर मुझे अच्छा लगता है कि मेरे घर में भी यह बदलाव है।

फिल्म दृश्यम 2 में काम करते हुए आप अजय देवगन की किन चीजों से सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं?

दृश्यम के माध्यम से मैंने अजय सर, तब्बू और अक्षय खन्ना तीनों कलाकारों के साथ काम किया। फिल्म में मैं अजय सर के पड़ोसी की भूमिका में हूं। कोई क्यों बड़ा कलाकार है, यह आपको दूर से देखकर नहीं पता चलता है। अजय सर के साथ मैंने सीखा कि दूर से आपको सिर्फ उसकी ऊंचाई दिखती है, पास से उसकी गहराई दिखती है। उनके साथ पहली बार शूट करते हुए मुझे कोई डर नहीं लगा, क्योंकि वह मुझे एक सह-कलाकार के तौर पर देख रहे थे, न कि किसी नई अभिनेत्री के तौर पर। वह मेरे साथ रिहर्सल करते थे, उन्होंने मेरे पहले शाट के बाद मेरी तारीफ भी की।