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Money & Happiness: पैसे से खरीदी जा सकती हैं खुशियां, नोबल प्राइज विजेता ने खोला राज

Can Money Buy Happiness? पैसा और खुशी के बीच में संबंध को साबित करने के लिए एक नई रिसर्च की गई। इसमें 18 से 65 तक कि उम्र वाले करीब 33 हजार लोग शामिल हुए। इनको प्रतिक्रियाओं को एक समार्टफोन एप के जरिए रिकॉर्ड किया गया।

By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee ParvezUpdated: Tue, 14 Mar 2023 05:16 PM (IST)
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Money & Happiness: नई स्टडी में हुआ खुलासा, पैसे से खरीदी जा सकती हैं खुशिया

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Can Money Buy Happiness?: क्या पैसे से खुशियां खरीदी जा सकती हैं? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब अर्थशास्त्री और सामाजिक वैज्ञानिक सदियों से ढूंढ़ रहे हैं। लेकिन, एक नई स्टडी से इस सवाल का जवाब आखिरकार मिल गया है। द वॉशिंगटन पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट से पता चलता है कि किसी की खुशी तब बढ़ जाती है, जब उसकी आमदनी या कमाई में इज़ाफ़ा होता है।

यह रिपोर्ट नोबेल-पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री Daniel Kahneman और प्रिंसटन विश्वविद्यालय और पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के मैथ्यू किलिंग्सवर्थ द्वारा किए गए शोध पर आधारित है, जिन्होंने इस निष्कर्ष पर काफी रिसर्च की थी। 2010 में हुई एक स्टडी में कहा गया था कि पैसा खुशी को एक हद तक ही बढ़ा सकता है। जैसे- सालाना 50-60 लाख की कमाई।

डेनियल काह्नमैन 2010 में हुई इस रिसर्च के दो लेखकों में से एक थे। यह स्टडी इतनी पॉपुलर हो गई थी कि एक क्रेडिट कार्ड कंपनी के फाउंडर ने अपने कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर $70,000 कर दिया और ऐसा करने के लिए अपनी खुद की कमाई कम कर ली।

इस नई रिसर्च के दो शोधकर्ताओं करीब 33,391 लोगों का सर्वे किया था, जिनकी उम्र 18 से 65 के बीच थी। इन लोगों की सालाना कमाई कम से कम 10 हज़ार डॉलर यानी 8 लाख रुपए थी।

शोधकर्ताओं ने स्मार्टफोन ऐप के जरिए से थोड़े अंतराल पर लोगों की भावनाओं के बारे में प्रतिक्रियाओं को रिकॉर्ड किया। प्रतिक्रियाएं "बहुत खराब" से "बहुत अच्छी" तक थीं।

अध्ययन दो बड़े निष्कर्षों पर पहुंचा, पहला यह कि $500,000 (4,11,54,250 रुपए) प्रति वर्ष तक की अधिक कमाई से खुशी में सुधार होता है। साथ ही ऐसे लोग भी हैं जिनकी खुशी पर उच्च आय से कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। इस ग्रुप में करीब 15 प्रतिशत लोग आते हैं।

इस स्टडी के शोधकर्ता मैथ्यू किलिंग्सवर्थ ने एक बयान में आगाह किया कि पैसा सब कुछ नहीं होता- यह सिर्फ खुशहाली के कई कारणों में से एक है।" साथ ही पैसा खुशी के पीछे का राज भी नहीं है, लेकिन पैसा खुश करने में मदद जरूर कर सकता है।"