8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस पर शौर्य की उड़ान देखेगा आसमान, पहली बार होगी चंडीगढ़ में परेड, एयरशोज
प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर इस बार स्थान परिवर्तन के साथ चंडीगढ़ में मनाया जाएगा भारतीय वायुसेना दिवस। आठ अक्टूबर को होने वाले इस आयोजन में सुखोई राफेल से लेकर सारंग तक रहेंगे आकर्षण का केंद्र। नागरिकों को सशस्त्र बलों के और निकट लाने के उद्देश्य से लिया गया निर्णय।
By Jagran NewsEdited By: Aarti TiwariUpdated: Sat, 01 Oct 2022 03:55 PM (IST)
विंग कमांडर जया तारे (सेवानिवृत्त)
हर नन्ही बच्ची की तरह मेरा बचपन भी हवाई जहाज को निहारते हुए निकला, जब थोड़ी बड़ी हुई तो जिज्ञासा हुई कि ये इतने बड़े और भारी हवाई जहाज उड़ते कैसे है, उन्हें उड़ाता कौन है? और फिर वो दिन आया, जब भारतीय वायुसेना ने मुझे उड़ान भरने के कौशल के साथ ही अपने देश के लिए लड़ने की हिम्मत से भर दिया। इस तरह भारतीय वायुसेना ने कई सपनों को हकीकत में बदला है। ये उड़ते विमान कई बार आपके सपनों को अनदेखे पंख लगा जाते हैं। सेनाओं की गौरव गाथा दुनिया से परे है इसलिए कई बार रक्षा बलों का गौरव अपने कर्मियों और करीबी परिवार के सदस्यों तक सीमित हो जाता है। मुझे लगता है कि वीरता और शक्ति की कहानियां इस देश के हर नागरिक तक पहुंचनी चाहिए। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये फैसला लिया कि इस प्रकार के सभी बड़े समारोहों को देश के हर नागरिक तक पहुंचना चाहिए। यही कारण है कि हमारे प्रधानमंत्री के साथ-साथ भारतीय वायुसेना ने भी अपने इस विशिष्ट समारोह को सबके साथ मनाने के तैयारी कर ली है।
चंडीगढ़ में होगा आयोजन
1932 में शुरू हुई भारतीय वायुसेना दिवस परेड कई दशकों तक पालम एयरबेस पर आयोजित की जाती थी, लेकिन हवाई यातायात में वृद्धि के कारण इसे 2006 में हिंडन एयरबेस में स्थानांतरित कर दिया गया। अब प्रधानमंत्री जी द्वारा लिए गए ऐतिहासिक निर्णय के बाद इस वर्ष वायुसेना दिवस परेड चंडीगढ़ में होगी। शहर की प्रसिद्ध सुखना झील के ऊपर फ्लाई-पास्ट कई युवाओं को सैन्य बलों से जुड़ने की प्रेरणा देगा और निश्चित रूप से यह अधिक से अधिक लोगों के लिए गर्व का अवसर साबित होगा। यहां राफेल, मिराज 2000 के साथ ही कई मानवीय सहायता और आपदा राहत मिशनों में सक्रिय रूप से भागीदार तथा तमाम राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय एयर शो और औपचारिक अवसरों पर वायुसेना का प्रतिनिधित्व करने वाले सारंग एयरक्राफ्ट की कलाबाजियां देखने को मिलेंगी। इन सभी जहाजों को बेहतरीन तरीके से सजाकर हवाई करतब दिखाए जाते है। यह एक बहुत ही बेहतरीन प्रक्रिया है, जिसके तहत लोग भारतीय वायुसेना की ताकत को देख पाते हैं और उनके बारे में विस्तारपूर्वक समझ पाते हैं।
आकाश में अद्भुत प्रदर्शन
मुझे कई बार वायुसेना दिवस में भाग लेने का अवसर मिला। इतने बड़े समारोह का हिस्सा होना अपने आप में गर्व की बात है और आगंतुकों की आंखों में जो खुशी होती है, उसकी तो बात ही अलग है। इस बार वायुसेना दिवस पर राफेल, सुखोई-30 और मिराज 2000 अपनी क्षमताओं, आधुनिक वैमानिक और अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों के साथ आप तक पहुंच रहे हैं। मैं सूर्य किरण और सारंग जैसी एरोबेटिक डिस्प्ले टीमों की सबसे बड़ी प्रशंसक हूं। जब आप आकाश में इन विमानों को देखेंगे तो आपका दिल निश्चित रूप से ऊर्जा से भर जाएगा, उत्तेजना का यह स्तर शब्दों से परे है। सूर्य किरण एरोबेटिक टीम हमेशा अपनी व्यावसायिकता और सटीकता के कारण राष्ट्र का गौरव रही है। हाक विमानों की इस टीम ने भारत के हर कोने को नापा है और विदेश में 600 से अधिक डिस्प्ले पूरे किए है। भारतीय वायुसेना की सारंग हेलिकाप्टर डिस्प्ले टीम को दुनिया की बेहतरीन हेलिकाप्टर डिस्प्ले टीमों में से एक होने का अनूठा गौरव प्राप्त है। यह प्रदर्शन के दौरान मोर की सुंदरता और अनुग्रह का प्रतीक है, वहीं चिनूक एक उन्नत मल्टी-मिशन हेलिकाप्टर है, जो भारतीय सशस्त्र बलों को लड़ाकू और मानवीय मिशनों के पूरे स्पेक्ट्रम में बेजोड़ सामरिक एयरलिफ्ट क्षमता प्रदान करता है। सभी बहादुर हवाई योद्धाओं को मेरा सलाम, जो इन मशीनों को चरम सीमा तक संचालित करते हैं, उनका खयाल रखते हैं और इस पूरे प्रदर्शन को एक आदर्श कला की तरह प्रस्तुत करते हैं।
हर चुनौती को किया पारमैं हमेशा खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि मुझे सैन्य बलों को बेहतर तरीके से जानने और अनुभव करने का मौका मिला। वे व्यक्ति, जिनमें देश के लिए जीने और मरने का जुनून है, हमारे रक्षा बल उनके लिए अवसरों का द्वार हैं। भारतीय वायुसेना ने हमेशा युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी और सातवीं सबसे मजबूत वायुसेना भी है, जो जर्मनी, आस्ट्रेलिया और जापान से बेहतर है। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय वायुसेना न केवल सभी खतरों से भारतीय क्षेत्र और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करती है, बल्कि देश में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी सहायता प्रदान करती है। भारतीय वायुसेना के पायलट के रूप में मैंने विभिन्न विमानों में 3,500 घंटे से अधिक की उड़ान भरी। इसने मुझे देश की सबसे चुनौतीपूर्ण जगहों पर उड़ान भरने के साथ ही भारत की खूबसूरती को महसूस करने का मौका दिया।
समानता के खुल रहे द्वारआज भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाली महिला अधिकारियों को सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान उड़ाने और देश की रक्षा करने का मौका मिल रहा है। राफेल में महिलाओं को वेपन सिस्टम आपरेटर के रूप में शामिल किया गया और वे चिनूक हेलिकाप्टर के साथ सीमाओं की रक्षा भी कर रही हैं। यह स्पष्ट रूप से भारतीय वायुसेना की अग्रगामी विचार प्रक्रिया को दर्शाता है जो बिना किसी संदेह के समानता और व्यावसायिकता की समर्थक है। महिलाओं द्वारा देश की सुरक्षा करना कुछ साल पहले तक दुर्लभ सपना था, लेकिन हमारे रक्षा बलों और सरकार के समर्थन से यह आज की वास्तविकता है। जब भी आधुनिकरण और तकनीकी श्रेष्ठता की बात आती है तो भारतीय वायुसेना हमेशा अद्यतन रहती है। भारत में सशस्त्र बलों के स्क्वाड्रन में शामिल होने वाले सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों ने दुनिया को हैरान करने के लिए मंच तैयार करना शुरू कर दिया है।
वास्तविक नायकों को करें सलाम15 साल तक उड़ान भरने के बाद भी काकपिट से मेरी पहली यादें हमेशा की तरह ताजा हैं और अंदर की वो छोटी बच्ची आज भी हवाई जहाज देख हाथ लहराती है। वायुसेना दिवस ऐसा समारोह है जिसे मैं सभी को देखने की सलाह देती हूं, लोग अपने घरों में भी इसका सीधा प्रसारण देख सकते हैं। विश्व स्तर पर भारत का पहले से ही एक बड़ा स्थान है और हमारे सैन्य बल हवा, पानी और समुद्र में अपनी क्षमता साबित कर रहे हैं। सशस्त्र संघर्ष के दौरान भारत के हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करने और हवाई हमला करने के लिए अग्रणी भूमिका के लिए गति निर्धारित हो चुकी है।
हम खुशकिस्मत हैं कि हम ऐसे देश में रहते हैं, जहां हमारे वास्तविक नायक हमेशा हमारी रक्षा करने और हमें सुरक्षित रखने के लिए मौजूद हैं। आइए वायुसेना को साहसी और प्रेरणादायक सैन्य बल होने के लिए धन्यवाद दें और वायुसेना दिवस के विशेष अवसर का जश्न मनाएं। अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प से मां भारती की सेवा करने वाले, भारतीय वायुसेना के जवानों को मेरा सलाम। राष्ट्र को सदैव गौरवान्वित करने वाली, भारतीय वायुसेना के स्थापना दिवस पर आप सभी को हार्दिक बधाई।