पर्यावरण बचाने के आंदोलन में बढ़-चढ़ कर लें हिस्सा
हर साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता मनाया जाता है। जो लोग पर्यावरण को बचाने के लिए हमेशा आगे रहते हैं उऩके लिए इस दिन के खास मायने है।
विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) पर दोस्तो, हर साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। आपकी भी इच्छा होती होगी कि पर्यावरण बचाने के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। आइए आपको बताते हैं कि आप ऐसा किस तरह से कर सकते हैं:
पाठशाला प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लें
पर्यावरण दिवस पर विभिन्न संस्थाओं, स्कूलों द्वारा आट्र्स एवं क्राफ्ट एग्जिबिशन, फिल्म फेस्टिवल, कॉम्पिटिशन, ड्रामा, पोएट्री, सोशल मीडिया एक्टिविटीज, स्पोट्र्स आदि का आयोजन किया जाता है, आप इनमें हिस्सा लेकर विश्व पर्यावरण दिवस को सेलिब्रेट करने में योगदान कर सकते हैं।
संकल्प लें
इस पर्यावरण दिवस पर आपको यह संकल्प लेना चाहिए कि अपने दैनिक जीवन में कभी भी पानी, बिजली या किसी अन्य संसाधन की बर्बादी नहीं करेंगे। इनकी बचत करने पर ध्यान देंगे।
एक टीम बनाएं
आप अपने परिवार, दोस्तों, सहकर्मियों, समुदाय, पर्यावरण संगठनों या स्थानीय निकायों के साथ मिलकर पर्यावरण संरक्षण से संबंधित किसी कार्यक्रम का आयोजन कर सकते हैं। इसमें इस बात पर गंभीरता से विचार करें कि आप किस टॉपिक पर फोकस करेंगे।
पेड़ लगाएं
वृक्ष पर्यावरण के सबसे बड़े मित्र होते हैं। इनसे हमें शुद्ध हवा तो मिलती ही है, ये बारिश के लिए भी प्रेरक होते हैं। इसलिए इस पर्यावरण दिवस पर आप अपने घर के आसपास कम से कम एक पेड़ लगाकर पर्यावरण बचाने में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।
थीम को सपोर्ट करें
इस साल वल्र्ड एनवायर्नमेंट डे की थीम वन्य जीवों के अवैध व्यापार को रोकने से जुड़ी है और इसका स्लोेगन है- ‘गो वाइल्ड फॉर लाइफ’। अपनी गतिविधियों को इस थीम से जोड़ेगे तो अच्छा रहेगा और आप वैश्विक अभियान में योगदान कर पाएंगे।
वन्य जीवन का नजारा लें
इस दिन आप किसी वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी में जाकर वन्य जीवन का नजारा ले सकते हैं। इससे प्रकृति से आपका जुड़ाव और लगाव बढ़ेगा और आप उसकी अनिवार्यता तथा खूबसूरती को समझ पाएंगे। अभयारण्य में जाकर हाथियों, गैंडों, बाघों, गोरिल्ला आदि जानवरों तथा विभिन्न प्रकार के फूलों, पेड़-पौधों को नजदीक से देखें, उन्हें समझें।
- 1 अरब से ज्यादा लोगों को दुनिया भर में पीने का सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं है
-
-
-
- 10 फीसदी योगदान ही होता है दुनिया के प्रदूषण में बच्चों का, लेकिन वैश्विक स्तर पर इससे होने वाली बीमारियों से उनके पीड़ित होने का हिस्सा करीब 40 फीसदी होता है।
-
- 1000 से ज्यादा बच्चों की हर साल भारत में मौत हो जाती है प्रदूषित जल की वजह से होने वाली बीमारियों स
- 5000 से ज्यादा लोगों की दुनिया में हर दिन मौत हो जाती है , असुरक्षित एवं गंदा पानी पीने से