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Pride Month 2022: जून के महीने में ही क्यों मनाया जाता है 'प्राइड मंथ'? जानें इसके बारे में सबकुछ

Pride Month 2022 हर साल जून का महीना प्राइड मंथ को समर्पित होता है। इस पूरे महीने लोग LGBTQIA+के समर्थन में बाहर निकलते हैं। इस महीने जगह-जगह पर प्राइड मार्च का आयोजन किया जाता है और लोगों को इसके बारे में जागरुक किया जाता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Wed, 01 Jun 2022 04:03 PM (IST)
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Pride Month 2022: जून के महीने में ही क्यों मनाया जाता है 'प्राइड मंथ'? जानें इसके बारे में सबकुछ
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Pride Month 2022: प्राइड महीना एक ऐसा समय होता है, जब ब्रांड्स से लेकर सहयोगी तक हर कोई समाज में LGBTQIA+ लोगों का समर्थन और उन्हें सेलीब्रेट करने के लिए इस समय निकलते हैं और उन पर प्यार बरसाते हैं। LGBTQIA+ समुदाय के लोग जिस संघर्ष और चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, वह समझ से परे है, और प्राइड मंथ का उत्सव सकारात्मक बदलाव लाने और इन चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने के बारे में है।

प्राइड मंथ की शुरुआत कैसे हुई?

LGBTQIA+ प्राइड मंथ एक ऐसा आयोजन है जिसकी शुरुआत भले ही अमेरिका से हुई लेकिन अब कई देशों में इसे मनाया जाने लगा है। अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति बिल क्लिंटन ने साल 2000 में पहली बार 'प्राइड मंथ' की ऑफिशियल घोषणा की थी। हालांकि इसकी कहानी इससे काफी पुरानी है।

साल 1969 में जून के महीने में मैनहट्टन पुलिस ने समलैंगिक समुदाय पर छापेमारी शुरू कर दी थी। जगह-जगह पुलिस ने घुसकर मारपीट की और समलैंगिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया। यह वह समय था, जब समलैंगिक कम्यूनिटी के पास कानूनी अधिकार नहीं थे। लेकिन इसके बावजूद इस कम्यूनिटी ने पुलिस के अत्‍याचार का पूरा जवाब दिया। यह प्रतिशोध एक प्रतीक बन गया और साल 1970 में बड़े आंदोलन के रूप में सामने आया।

जून में क्‍यों होता है इसका आयोजन?

साल 1969 में जून के महीने में ही यह हिंसा हुई थी, जिसकी याद में हर साल जून का पूरा महीना 'प्राइड मंथ' को समर्पित है। इस दौरान LGBTQ+ समुदाय के उन लोगों को याद किया जाता है, जिन्‍होंने HIV या फिर हेट क्राइम की वजह अपनी जान गंवा दी। पहली बार इसे हिंसक घटना के एक साल बाद 1970 में मनाया गया था।

प्राइड मंथ कैसे मनाया जाता है?

प्राइड मंथ के दौरान दुनियाभर में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं। लोग सड़कों पर झिंडे लेकर निकलते हैं। कई जगह कार्निवाल भी होते हैं। इस दौरान LGBTQ+ को लेकर जागरूकता भी फैलाई जाती है।