प्रसन्न रहना है तो प्रिय से करें बात
वर्तमान समय में कामकाजी महिलाओं कीलसंख्या दिन ब दिन बढ़तीलही जा रही है। जाहिर है घर और बाहर की जिम्मेदारी निभाने के फेर में वे टेंशन में हो जाती हैं। वे टेंशन फ्री रह सकती है, बशर्ते उन्हेंलअपनों का थोड़ा सा साथ मिल जाए...
अगर आप दिनभर की आपाधापी और व्यस्तता के कारण शाम को मानसिक और शारीरिक तौर पर थक जाती हैं तो इससे राहत पाने के लिए अपने पार्टनर या किसी खास प्रियजन की मदद ले सकती हैं। इसके लिए आपको विशेष कुछ नहीं करना है। अपने ऑफिस या कार्यक्षेत्र से जब आप घर लौटें, तब इत्मीनान से अपने साथी या प्रियजन के पास बैठें। इसके बाद उससे बात करते हुए दिनभर में आपके साथ जो घटनाएं हुई हैं, उन्हें बयां करें। उदाहरण के लिए आप फलां काम से उसके पास गई थीं और वह कार्य हुआ या नहीं? आज के दिन आपने क्या विशेष कार्य किया या किसी विशेष कार्य में सफलता पाई आदि-आदि बातों को अपने साथी या प्रियजन को सुनाएं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा करने से आपको मानसिक तौर पर राहत मिलेगी और आप स्वयं को तनावमुक्त महसूस करेंगी। साथ ही आपके मन में आत्मसंतोष का भी अहसास होगा।
इस आशय का एक अध्ययन स्विट्जरलैंड की एक यूनिवर्सिटी में डॉ. एंड्रीया के नेतृत्व में किया गया है। डॉ. एंड्रीया ने करीब पांच सौ महिलाओं का अध्ययन कर इस आशय का निष्कर्ष निकाला है। डॉ. एंड्रीया केअनुसार जब आप अपने पार्टनर या प्रियजन के सामने दिनभर का ब्योरा रखती हैं तो ऐसा करने से जहां आप लोगों के आपसी संबंध और मधुर होते हैं, वहीं आपकी भावनाओं की अभिव्यक्ति भी हो जाती है। भावनाओं की अभिव्यक्ति होने से आप मानसिक रूप से स्वयं को हल्का महसूस करती हैं। हालांकि डॉ. एंड्रीया का यह भी कहना है कि इस दौरान आपके पार्टनर या प्रियजन को आपकी बातों को ज्यादा से ज्यादा सुनना चाहिए, लेकिन उन बातों पर टीका-टिप्पणी कम से कम करनी चाहिए। इससे आपके मन में प्रसन्नता का भाव जाग्रत होगा।
प्रस्तुति- इला शर्मा