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Pulses in India: क्या आप भी अक्सर दालों के नाम को लेकर हो जाते हैं कन्फ्यूज, तो जानें इनमें अंतर

दालें हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। यही वजह है कि डॉक्टर्स इसे अपनी डाइट का हिस्सा बनाने की सलाह देते हैं। कई पोषक तत्वों से भरपूर से दाल स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से निजात दिलाती है। हालांकि कई लोगों को दालों को पहचानने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको अलग-अलग दालों के बारे में बताएंगे।

By Harshita SaxenaEdited By: Harshita SaxenaUpdated: Fri, 30 Jun 2023 04:16 PM (IST)
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ऐसे करें अलग- अलग तरह की दालों की पहचान
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Pulses in India: सेहतमंद रहने के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी है। हरी पत्तेदार सब्जियों से लेकर अनाज तक सही विकास और पोषण के लिए स्वस्थ आहार बेहद जरूरी होता है। दाल इन्हीं सेहतमंद आहार में एक है, जिसे अपनी डाइट में शामिल करने से लोगों को कई तरह के फायदे मिलते हैं। दाल भारतीय खानपान की अहम हिस्सा है। यहां कई तरह की दालें पाई जाती हैं। हालांकि, कई लोगों को इन अलग-अलग तरह की दालों को पहचानने और इनमें अंतर करने में काफी परेशानी होती है। अगर आप भी उन्हीं लोगों में से हैं, तो अक्सर दालों के मामले में कन्फ्यूज हो जाते हैं, तो आज हम आपको इस आर्टिकल में अलग-अलग दालों के बारे में बताने जा रहे हैं।

अरहर दाल

कई सारे पोषक तत्वों से भरपूर अरहर की दाल भारत में सबसे ज्यादा खाई जाती है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जिसे खाने से लंबे समय तक पेट भरी हुआ महसूस होता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम फ्री रेडिकल्स के असर को कम दिल से जुड़े रोगों का खतरा कम करते हैं। यह दाल गोलाकर और पीली रंग की होती है, जिसे तुअर, तूर या पीली दाल के नाम से भी जाना जाता है।

मसूर दाल

मसूर दाल भारत में पाई जाने वाली एक और लोकप्रिय दाल है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर यह दाल डायबिटीज, मोटापा, कैंसर और हार्ट प्रॉब्लम्स जैसी समस्याओं से हमें बचाती है। मसूर दाल को छिलका और बिना छिलका दोनों तरह से खाया जाता है। बिना छिलका वाली मसूर को लाल दाल के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह लाल रंग की होती है। वहीं, छिलके वाली दाल गहरे भूरे रंग और छोटी गोल आकार की होती हैं।

चने की दाल

चना दाल जिंक, प्रोटीन, कैल्शियम व फोलेट का बेहतरीन सोर्स होती है। इसमें फैट की मात्रा कम होने की वजह से यह वजन कम करने के लिए काफी फायदेमंद होती है। साथ ही डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह दाल काफी गुणकारी मानी जाती है। यह दाल भी पीले रंग और गोल आकार की होती है, जिसकी वजह से ज्यादातर लोग अरहर और चना दाल को एक ही समझ लेते हैं।

उड़द दाल

पाचन के लिए बेहद गुणकारी उड़द दाल भी भारत में पाई जाने वाली प्रमुख दालों में से एक है। फाइबर से भरपूर होने की वजह से यह कब्‍ज और अन्य पेट संबंधी समस्‍याओं के निजात दिलाती है। उड़द दाल को भी दो तरीके से खाया जाता है। छिलके वाली उड़द जिसे काली उड़द कहा जाता है। वहीं, बिना छिलके वाली उड़द को सफेद उड़द कहा के नाम से भी जाना जाता है।

मूंग दाल

मूंग दाल सभी दालों में से सबसे पहले हेल्दी मानी जाती है। मूंग दाल फाइबर और प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत मानी जाती है। मूंगदाल में फाइबर के अलावा और भी कई पोषक तत्व होते हैं, जो कई बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। मूंग दाल भी आमतौर पर दो तरह खाई जाती है। छिलके वाली दाल, जो हरे रंग की होती है। इसके अलावा बिना छिलके वाली मूंग सफेद रंग की होती है, जिसकी वजह से कई लोग इसे सफेद उदड़ भी समझ लेते हैं।

कुलथी दाल

उत्तर भारत में कुलथी दाल को काली दाल के नाम से भी जाना जाता है। इस दाल में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यह दाल छोटे आकार की काले रंग की होती है।

Picture Courtesy: Freepik