बच्चे के जिद्दी व्यवहार से हो चुके हैं परेशान, आजमायें ये टिप्स
जिद्दी बच्चों से डील करना पेरेंट्स के लिए एक बहुत बड़ा टास्क होता है। लेकिन अगर अगर इन बातों को ध्यान में रखकर उनसे डील किया जाए तो इस मुसीबत से छुटकारा पाया जा सकता है।
जिद्दी बच्चों से डील करना पेरेंट्स के लिए खुद एक बहुत बड़ा चैलेंज होता है। डेली लाइफ की चीजें जैसे सोना, खाना या नहाना उनके साथ रोज का एक युद्ध बन जाता है। कभी-कभी पेरेंट्स भी उनके टैट्रम्स को बढ़ावा देकर उनकी इस आदत को बिगाड़ते हैं। लेकिन बाद में ये उनके लिए भी आफत बन जाती है।
ऐसे बच्चों से डील करने का सबसे तरीका है उन्हें ये एहसास दिलायें कि उनके इस व्यवहार से किसी को कोई फर्क नही पड़ रहा है। इनसे निपटने से पहले ये जानना जरुरी है कि जिद्दी बच्चों की क्या पहचान होती है-
-वे अटेंशन पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार होते हैं।
-वे खुद को आजाद महसूस करते हैं।
-उन्हें जो पसंद होता है वे उन्हें ही तरजीह देते हैं।
-ये अन्य बच्चों की तुलना में कुछ ज्यादा ही टैंट्रम करते हैं।
-इनमें कुछ अच्छी लीडरशिप क्वालिटी हो सकती है। ये कभी कभी बॉस के जैसे भी बिहेव करने लगते हैं।
जिद्दी बच्चों से निपटने के टिप्स
सुनें, बहस नहीं करें
बात करना सबसे अच्छा सॉल्युशन होता है। अगर आप चाहते हैं कि बच्चे आपकी बात सुनें तो सबसे पहले आपको उनकी बात सुननी पड़ेगी। ज्यादातर बच्चे इसलिए जिद्दी बनते हैं क्योंकि उनकी बातें सुनी नहीं जाती हैं। उनकी बातें ध्यान से सुनना और ओपन कंवरशेसन फायदेमंद हो सकता है।
उनसे जुड़ें, उन्हें फोर्स नहीं करें
जब बच्चों पर किसी चीज के लिए फोर्स किया जाता है तो वे बात मानने की बजाय बागी बन जाते हैं और वो सब करते हैं जो उन्हें नहीं करना चाहिए। इसलिए उनसे कनेक्ट होने की कोशिश करें। उदाहरण के तौर पर अगर आपका छह साल का बच्चा लगातार टीवी देख रहा है और आप उसे अचानक से टीवी छोड़ने की बात करते हैं तो ये काम नहीं करेगा बल्कि आपको उनके साथ बैठकर उनके शो में इंट्रेस्ट दिखाना होगा। अगर आप उन्हें अटेंशन देते हैं और उनकी केयर करते हैं तो वे आपकी बातों पर गौर करेंगे।
उन्हें विकल्प दें
उन्हें किसी काम को करने के लिए आदेश देने की जगह उन्हें विकल्प दें इससे वो किसी एक बात पर स्ट्रिक्ट नहीं होंगे और दिये जा रहे विकल्पों पर गौर करेंगे।
शांत रहें
बच्चों पर चिल्लाने से अच्छा है कि उस पर्टिकुलर समय में शांत रहने की कशिश करें। क्योंकि दोनों तरफ से चिल्लाकर बात करने से उन पर गलत प्रभाव पड़ता है इसके बाद उन्हें और ज्यादा चिल्लाने का लाईसेसं मिल जाता है। शांत रहने के लिए म्युजिक का सहारा लें ऐसा करें जो बच्चे भी उसे एंजॉय कर सकें। आप इस दौरान बच्चे का फेवरेट म्युजिक प्ले कर सकते हैं। ये उनका मूड चेंज करने में आपकी मदद कर सकता है।
उनकी रेस्पेक्ट करें
आप चाहते हैं कि बच्चे आपकी रेस्पेक्ट करें तो आपको भी उन्हें रेस्पेक्ट करना होगा। उन्हें कोऑपरेट करें न कि उनपर कुछ थोपें। उनकी आइडियाज और फीलींग्स को महत्व दैं। उन्हें कभी कभी अपने मन की करने दें ये उनका आप पर विश्वास कायम करने में आपकी हेल्प करेगा। जो आप कहते हैं वो करें भी क्यों कि आपके बच्चे आपको ऑब्जर्व भी करते हैं।
उनके साथ काम करें
जिद्दी बच्चे इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि आप उनके साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं। इसलिए अपने बॉडी लैंग्वेज, अपनी भाषा का इस्तेमाल करते समय विशेष ध्यान रखें। क्योंकि जब वे आपके बिहेवियर से अनकंफर्टेबल होने लगते हैं तो उनके खुद के व्यवहार भी बदलने लगते हैं। आप उनके साथ एक्टिविटी चैलेंज का गेम खेल सकते हैं। याद रखें बच्चों के साथ काम करने का उद्देश्य उन्हें आपका फ्रेंड बनाने में आपकी मदद कर सकता है।
समझौता करें
उनसे कुछ सवालों के जवाब मांगें जैसे उन्हें कौन सी बात परेशान कर रही है। या वे क्या चाहते हैं। आप उनसे जो बात मनवाना चाहते है आप उनके साथ इस मामले में कुछ समझौता कर सकते हैं। ये डिमांडिंग नहीं बल्कि प्रैक्टिकल होना चाहिए।
घर पर उनके अनुकूल वातावरण बनायें
बच्चे ऑब्जर्वेशन और एक्सपीरीयंस से सीखते हैं। अगर वे पेरेंट्स को हमेशा लड़ाई करते देखेंगे तो वे भी उनकी नकल करने की कोशिश करेंगे।
सकारात्मक व्यवहार पर जोर दें
ध्यान दें कि आपका बच्चा हर किसी बात पर ना में जवाब तो नहीं दे रहा है. अगर ऐसा है तो तुरंत इस आदत को छुड़ाने की कोशिश करें। इसका सबसे बेहतर तरीका आप उनके साथ यस गेम खेलें जिससे उनमें सकारात्मक व्यवहार की तरफ सोचने की आदत बनेगी। साथ ही उनमें ये भावना भी आएगी कि उनकी बातों को जगह मिल रही है और उन्हे पसंद किया जा रहा है।
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