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Non-Stick Cookware: किचन का काम आसान बनाने के लिए कर रहे हैं नॉन-स्टिक पैन का इस्तेमाल? तो हो जाएं सावधान

Non-Stick Cookware कुछ लोग नॉन-स्टिक बर्तन को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि इनमें बिना ज्यादा तेल का इस्तेमाल किए आसानी से कोई भी डिश बनाई जा सकती है। लेकिन काम को आसान बनाने वाले इन बर्तनों के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं।

By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Fri, 28 Apr 2023 12:29 PM (IST)
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किचन का काम आसान बनाने के लिए कर रहे हैं नॉन-स्टिक पैन का इस्तेमाल, तो हो जाएं सावधान
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Non-Stick Cookware: आमलेट बनाना हो या बेसन का चीला या फिर कुरकुरा डोसा, यहां तक कि उत्तपम के लिए भी नॉन-स्टिक बर्तन लोगों की पहली पसंद बन चुका है। भारी संख्या में लोग इसका सहारा लेते हैं, क्योंकि ये न केवल उपयोग करने के लिए सुविधाजनक होते हैं बल्कि इस कुकवेयर में खाना चिपकने की समस्या को भी रोकते हैं।

कुछ लोग नॉन-स्टिक बर्तन को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि इनमें बिना ज्यादा तेल का इस्तेमाल किए आसानी से कोई भी डिश बनाई जा सकती है। तो वहीं कुछ ऐसे हैं, जिन्हें इनकी सफाई करने में लगने वाली कम मेहनत आकर्षित करती है। लेकिन तमाम फायदों के साथ नॉन-स्टिक कुकवेयर के अपने कुछ गंभीर कारण नुकसान भी हैं, जिनके बारे में भी आपको जान लेना चाहिए। जी हां, नॉन-स्टिक बर्तनों के रोजाना इस्तेमाल कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की ओर इशारा करते हैं। अगर आपके किचन में भी नॉन-स्टिक पैन, कढ़ाई या बर्तन का नियमित उपयोग होता है, तो एक बार इस खबर पूरा पढ़ें।

नॉन-स्टिक कुकवेयर का इस्तेमाल

जैसा कि नाम से पता चल रहा है, नॉन-स्टिक पैन को विशेष रूप से इस तरह डिजाइन किया जाता है, जिससे कि इसपर खाना चिपके नहीं। टेफ्लॉन से बने नॉन-स्टिक कुकवेयर में फ्रिक्शनलेस सतह होती है, जो भोजन को आसानी से पकाने में मदद करती है। लेकिन कई शोध में ऐसी बातें निकलकर सामने आई हैं कि सेहत के लिए टेफ्लॉन काफी हानिकारक होती है।

स्वास्थ्य समस्याएं

2015 तक Perfluorooctanoic acid (PFOA) नाम के केमिकल का इस्तेमाल नॉन-स्टिक टेफ्लॉन पैन पर परत चढ़ाने के लिए किया जाता था। इससे कई स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ने का खुलासा होने के बाद इसके इस्तेमाल को बंद कर दिया गया। हालांकि, बाजा में कई सस्ते नॉन-स्टिक पैन भी उपलब्ध हैं, जिनमें इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। पीएफओए से जुड़े कुछ स्वास्थ्य जोखिमों में लिवर ट्यूमर, स्तन कैंसर, खरबा फर्टिलिटी, थायरॉयड और किडनी जैसी समस्याएं शामिल हैं।

इसलिए नॉन-स्टिक बर्तन खरीदने से पहले हमेशा उनकी गुणवत्ता की जांच कर लें और हाई क्वालिटी वाले कुकवेयर को ही खरीदें। अगर आपके बर्तनों कोटिंग टूट रही है या फिर पपड़ीदार दिख रहे हैं, तो आपको अपने नॉन-स्टिक कुकवेयर को तुरंत बदल देना चाहिए।

नॉन-स्टिक बर्तन पर होने वाली टेफ्लॉन कोटिंग वास्तव में सुरक्षित है?

सभी नॉन-स्टिक पैन पॉलीटेट्राफ्लोरोएथिलीन (पीटीएफई) के साथ आते हैं, जिसे टेफ्लॉन के नाम से जाना जाता है। PTFE एक सिंथेटिक रसायन है, जो कार्बन और फ्लोरीन परमाणुओं से मिलकर बनता है। टेफ्लॉन की लोकप्रियता पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है, जिसके चलते बहुत से लोग सवाल करते हैं कि क्या यह उतना ही सुरक्षित है, जितना कि इसे दर्शाया जा रहा है। हालांकि टेफ्लॉन को आमतौर पर खाना पकाने के लिए सुरक्षित कहा जाता है, लेकिन इसे बहुत अधिक तापमान के संपर्क में नहीं आना चाहिए।

570°F (300°C) से ऊपर के तापमान पर, टेफ्लॉन कोटिंग टूटना शुरू हो सकती है, जो हवा में जहरीले रसायनों को छोड़ सकती है। जब ये जहरीले धुएं अंदर जाते हैं, तो इससे फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं। इन धुएं में सांस लेने के बाद शरीर में ठंड लगना, बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द जैसे कुछ अस्थायी लक्षण अनुभव किए जा सकते है।

नॉन-स्टिक कुकवेयर के विकल्प

टेफ्लॉन लेयर वाले कुकवेयर का उपयोग कभी-कभी धीमी आंच पर किया जा सकता है, लेकिन रोजाना इस्तेमाल के लिए आपको कुछ हेल्दी विकल्पों को चुनना चाहिए, जिनका उपयोग आप सुरक्षित खाना पकाने के लिए रोज कर सकते हैं। इसके लिए स्टेनलेस स्टील के बर्तन सबसे अच्छा विकल्प हो सकते हैं। इन्हें आप हर रोज इस्तेमाल कर सकते हैं। खाद्य पदार्थों को तलने से लेकर तेज आंच पर पकाने तक, यह सभी प्रकार के खाना पकाने के लिए सुरक्षित है। इसके अलावा साफ करने में आसान भी है। स्टेनलेस स्टील के बाद कच्चे लोहे का तवा एक और अच्छा विकल्प है। भारी तल वाला कोई भी पैन या बर्तन खाने को जलने और चिपकने से रोक सकता है।