World Environment Day 2022: 5 जून को ही क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस, क्या है इस साल की थीम?
World Environment Day 2022 5 जून को हर साल दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रदूषण की समस्या और चिंता की वजह से इस दिन को मनाने की नींव रखी।
By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Sat, 04 Jun 2022 09:36 AM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Environment Day 2022: हर साल दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों में पर्यावरण को लेकर जागरुकता पैदा की जा सके। इस दिन सोशल मीडिया, सोशल गैदरिंग और कई तरह के कार्यक्रम आयोजन कर पर्यावरण से जुड़े फैक्ट्स शेयर किए जाते हैं, ताकि लोगों को इसके बारे में पता चल सके। लेकिन इस दिन के लिए 5 जून को ही क्यों चुना गया?
5 जून को ही क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस?
देश के बड़े शहर पिछले कई समय से बढ़े हुए तापमान और प्रदूषित हवा में जी रहे हैं। ये हाल सिर्फ दिल्ली या मुंबई जैसे शहरों का नहीं है बल्कि पूरी दुनिया का है। आज तापमान में तेज़ी से बदलाव का असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं पृथ्वी पर रह रहे सभी जीवों के लिए बड़ा ख़तरा बन गया है। यही वजह है कि कई जीव-जन्तू विलुप्त हो रहे हैं। साथ ही लोग भी सांस से जुड़े कई तरह के रोगों से लेकर कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
कब हुई विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआतसंयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से साल 1972 में वैश्विक स्तरपर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और चिंता की वजह से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की नींव रखी गई। इसकी शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई। यहां दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें 119 देश शामिल हुए थे। पहले पर्यावरण दिवस पर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत की प्रकृति और पर्यावरण के प्रति चिंताओं को जाहिर किया था।
इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की नींव रखी गई थी और हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने का संकल्प लिया गया। विश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य दुनियाभर के नागरिकों को पर्यावरण प्रदूषण की चिंताओं से अवगत कराना और प्रकृति और पर्यावरण को लेकर जागरूक करना रखा गया।ये है इस साल की थीमहर साल विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है और इस साल की थीम है 'Only One Earth- Living Sustainably in Harmony with Nature' है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व की आबादी लगातार 8 अरब की ओर बढ़ रही है, और हम अपनी वर्तमान जीवन शैली को बनाए रखने के लिए 1.6 पृथ्वी के बराबर का उपयोग कर रहे हैं। स्वाभाविक रूप से, पारिस्थितिक तंत्र हमारी मांगों को पूरा नहीं कर सकता है और परिणामस्वरूप, तेज़ी से गिर रहा है।
अब पहले से कहीं ज़्यादा, हमें यह याद रखने की आवश्यकता है कि हमारे पास सिर्फ एक पृथ्वी है और हमारे ग्रह को बचाने के लिए समय तेज़ी से ख़त्म हो रहा है। यही वजह है कि इस साल के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम- 'सिर्फ एक पृथ्वी' - मौजूदा परिदृश्य पर पूरी तरह से फिट बैठती है।